India Russia: भारत को एस-400 प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के लिए रूस से मिले उपकरण-सिमुलेटर, लेकिन बनी हुई है चिंता


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Fri, 15 Apr 2022 08:11 PM IST

सार

यूक्रेन पर हमला करने के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। रूस की ओर से भारत को रक्षा आपूर्ति अभी जारी है लेकिन रूसी कंपनियों के बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारतीय पक्ष उन्हें भुगतान नहीं कर पा रहा है।

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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत को मॉस्को से एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के लिए सिमुलेटर और अन्य उपकरण प्राप्त हुए हैं। मिसाइल प्रणाली की दूसरी स्क्वाड्रन एक ट्रेनिंग स्क्वाड्रन है और इसमें केवल सिमुलेटर और अन्य प्रशिक्षण संबंधी उपकरण होते हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार इस स्क्वाड्रन में मिसाइल या लॉन्चर नहीं होते हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के बाद भी मॉस्कों से रक्षा आपूर्ति जारी है। भारतीय रक्षा बलों को हाल ही में ओवरहॉल्ड एयरक्राफ्ट इंजिन और स्पेयर की खेप भी प्राप्त हुई थीं। हालांकि, इस बात की चिंता अभी भी बनी हुई है कि यह आपूर्ति क्या आगे भी जारी रहेगी क्योंकि, रूस को भुगतान का समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है। 

रिपोर्ट के अनुसार एक रक्षा सूत्र ने बताया कि रक्षा बलों को हाल ही में रूस से खेप मिली हैं। अब तक हमारे बलों को रूस से होने वाली आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आई है। हालांकि सूत्र ने कहा कि ये आपूर्ति करने वाली कंपनियों के बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारतीय पक्ष उन्हें भुगतान नहीं कर पा रहा है। ऐसे में यह आपूर्ति भविष्य में भी इसी तरह चलती रहेगी, इसे लेकर कुछ चिंता है।

सूत्रों ने कहा कि भारत और रूस इस मुद्दे का सामाधान ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। भारत रूस के हथियारों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। वह रूस से लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर, युद्धपोत, टैंक, युद्ध वाहन और पनडुब्बी जैसे बड़े रक्षा उत्पादों की खरीद करता है। इस युद्ध में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है।

विस्तार

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के बीच भारत को मॉस्को से एस-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के लिए सिमुलेटर और अन्य उपकरण प्राप्त हुए हैं। मिसाइल प्रणाली की दूसरी स्क्वाड्रन एक ट्रेनिंग स्क्वाड्रन है और इसमें केवल सिमुलेटर और अन्य प्रशिक्षण संबंधी उपकरण होते हैं। रक्षा सूत्रों के अनुसार इस स्क्वाड्रन में मिसाइल या लॉन्चर नहीं होते हैं।

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन और रूस के बीच जारी संघर्ष के बाद भी मॉस्कों से रक्षा आपूर्ति जारी है। भारतीय रक्षा बलों को हाल ही में ओवरहॉल्ड एयरक्राफ्ट इंजिन और स्पेयर की खेप भी प्राप्त हुई थीं। हालांकि, इस बात की चिंता अभी भी बनी हुई है कि यह आपूर्ति क्या आगे भी जारी रहेगी क्योंकि, रूस को भुगतान का समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है। 

रिपोर्ट के अनुसार एक रक्षा सूत्र ने बताया कि रक्षा बलों को हाल ही में रूस से खेप मिली हैं। अब तक हमारे बलों को रूस से होने वाली आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आई है। हालांकि सूत्र ने कहा कि ये आपूर्ति करने वाली कंपनियों के बैंकों पर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते भारतीय पक्ष उन्हें भुगतान नहीं कर पा रहा है। ऐसे में यह आपूर्ति भविष्य में भी इसी तरह चलती रहेगी, इसे लेकर कुछ चिंता है।

सूत्रों ने कहा कि भारत और रूस इस मुद्दे का सामाधान ढूंढने के प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। भारत रूस के हथियारों के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। वह रूस से लड़ाकू विमान, परिवहन विमान, हेलीकॉप्टर, युद्धपोत, टैंक, युद्ध वाहन और पनडुब्बी जैसे बड़े रक्षा उत्पादों की खरीद करता है। इस युद्ध में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है।



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