India Russia: यूक्रेन संकट के बीच भारत पहुंचे रूस के विदेश मंत्री, कल पीएम मोदी और जयशंकर से करेंगे मुलाकात


वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: गौरव पाण्डेय
Updated Thu, 31 Mar 2022 10:10 PM IST

सार

रूसी विदेश सर्गेई लावरोव मंत्री चीन की दो दिवसीय यात्रा पूरी करने के बाद भारत पहुंचे हैं। उनकी भारत यात्रा, अमेरिकी उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस की यात्रा के दौरान हो रही है।

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रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच गए। यह फरवरी में यूक्रेन पर रूस की ओर से हमले की शुरुआत करने के बाद से पहली भारत यात्रा है। यूक्रेन के खिलाफ अपनी कार्रवाई को रूस एक विशेष सैन्य अभियान कहता है। 

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जराखोवा ने बताया कि लावरोव शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। हालांकि, लावरोव की यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई मीडिया एडवायजरी में पीएम के साथ लावरोव की बैठक का कोई उल्लेख नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अुसार वार्ताओं की तैयारियों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस दौरान भारत विभिन्न सैन्य हार्डवेयर और एस-400 मिसाइल के कंपोनेंट की समय से आपूर्ति करने पर जोर दे सकता है, जो रूस से खरीदे गए हैं। 

भारत आने से पहले लावरोव चीन की यात्रा पर थे। वह ऐसे समय में भारत आए हैं जब अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भी यहां आई हुई हैं।

पिछले सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत यात्रा पर आए थे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए यूरोपीय संघ की विशेष दूत गैब्रिएल विसेंटिन ने भी इसी सप्ताह दिल्ली का दौरा किया था। 

दुनिया की अन्य बड़ी शक्तियों की तरह रूस-यूक्रेन विवाद में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है। रूस के हमले की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर हुई गतिविधियों और प्रस्तावों पर मतदान से भी भारत दूर रहा है और बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा है।

रूस ने दी तालिबान के राजनयिक को मान्यता
रूस के विदेश मंत्रालय ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की ओर से मॉस्को भेजे गए पहले राजनयिक को मान्यता दे दी है। विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही लावरोव ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से काबुल मे ंनई सरकार का सक्रियता से सहयोग करने की अपील भी की। 

पिछले साल अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद से तालिबान यह कोशिश करता रहा है कि उसके इस्लामी अमीरात को अफगानिस्तान की आधिकारिक सरकार के रूप में मान्यता मिले। हालांकि, कट्टरपंथी इस्लामवादियों की सरकार को किसी भी देश से आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है।

विस्तार

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव गुरुवार को दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंच गए। यह फरवरी में यूक्रेन पर रूस की ओर से हमले की शुरुआत करने के बाद से पहली भारत यात्रा है। यूक्रेन के खिलाफ अपनी कार्रवाई को रूस एक विशेष सैन्य अभियान कहता है। 

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जराखोवा ने बताया कि लावरोव शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अपने भारतीय समकक्ष एस जयशंकर से मुलाकात करेंगे। हालांकि, लावरोव की यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी की गई मीडिया एडवायजरी में पीएम के साथ लावरोव की बैठक का कोई उल्लेख नहीं है।

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के अुसार वार्ताओं की तैयारियों की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इस दौरान भारत विभिन्न सैन्य हार्डवेयर और एस-400 मिसाइल के कंपोनेंट की समय से आपूर्ति करने पर जोर दे सकता है, जो रूस से खरीदे गए हैं। 

भारत आने से पहले लावरोव चीन की यात्रा पर थे। वह ऐसे समय में भारत आए हैं जब अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह और ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिज ट्रस भी यहां आई हुई हैं।

पिछले सप्ताह चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी भारत यात्रा पर आए थे। हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए यूरोपीय संघ की विशेष दूत गैब्रिएल विसेंटिन ने भी इसी सप्ताह दिल्ली का दौरा किया था। 

दुनिया की अन्य बड़ी शक्तियों की तरह रूस-यूक्रेन विवाद में भारत ने किसी का पक्ष नहीं लिया है। रूस के हमले की निंदा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर हुई गतिविधियों और प्रस्तावों पर मतदान से भी भारत दूर रहा है और बातचीत का रास्ता अपनाने को कहा है।



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