Pension-Cum-Insurance Plan : क्‍या आपको लेने चाहिए ये प्‍लान, जानिए क्‍या कहते हैं एक्‍सपर्ट


नई दिल्‍ली. वित्‍तीय प्‍लानिंग में रिटायरमेंट प्‍लान (Retirement Plan) और इंश्‍यारेंस (Insurance) को काफी महत्‍वपूर्ण माना जाता है. सेवानिवृति के बाद जिंदगी आराम से कटे, इसके लिए किसी ऐसी योजना में निवेश करना बेहतर माना जाता है जिसमें निवेश सुरक्षित रहे और अच्‍छा रिटर्न भी मिले. एपीएस जैसी सरकार द्वारा संचालित बचत योजनाओं को इसके लिए ज्‍यादातर लोग प्राथमिकता देते हैं.

आजकल कुछ इंश्‍योरेंस एजेंट्स ऐसे प्रोडक्‍ट अपने संभावित ग्राहकों को ऑफर करते हैं, जिसमें इंश्‍योरेंस और पेंशन (Pension-Cum-Insurance Plan), दोनों का लाभ मिलने का दावा किया जाता है. आमतौर पर ऐसे प्‍लान टर्म इंश्‍योरेंस और पेंशन प्रदान करते हैं. लेकिन, क्‍या आपको ऐसे किसी मिक्‍स्‍ड प्रोडक्‍ट को खरीदना चाहिए जो इंश्‍यारेंस और पेंशन, दोनों की गारंटी दे रहा हो. वित्‍तीय सलाहकारों की मानें तो ऐसे मिक्‍स्‍ड प्रोडक्‍ट से दूर रहना ही अच्‍छा है.

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स्क्रिपबॉक्‍स (Scripbox) के को फाउंडर प्रतीक मेहता का कहना है कि पेंशन और इंश्‍योरेंस एक साथ देने वाले प्रोडक्‍ट्स पूरा कवर उपलब्‍ध नहीं कराते हैं. अगर आपने पहले ही पर्याप्‍त बीमा करा रखा है और उसके बाद आप पेंशन और इंश्‍योरेंस एकसाथ देने वाले किसी प्‍लान में निवेश करते हैं तो इससे आपका खर्च ही बढ़ेगा. फायदा कम होगा. फिनसेफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (Finsafe India Pvt Ltd) के संस्‍थापक मिरन अग्रवाल का कहना है कि पेंशन के लिए ऐसे मिक्‍स्‍ड प्‍लान को चुनना समझदारी नहीं है. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि ऐसे प्रोडक्‍ट डिस्‍ट्रब्‍यूशन फेज में अच्‍छा रिटर्न नहीं देते.

क्‍या हो निवेश रणनीति

एक व्‍यक्ति को टर्म इंश्‍योरेंस (Term Insurance) हमेशा लेना चाहिए. टर्म इंश्‍यारेंस पॉलिसी लेने से पहले जिस कंपनी से आप यह पॉलिसी ले रहे हैं, उसके बारे में कुछ जानकारियां जरूर जुटा लेनी चाहिए. जैसे उसकी वित्‍तीय स्थिति क्‍या है, क्‍लेम सेटलमेंट रेश्‍यो (Claim Settlement Ratio) कितना और वह कितना प्रीमियम लेगी. इन सबकी जानकारी लेने के बाद अपनी जरूरत के मुताबिक आप टर्म इंश्‍योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं.

वित्‍तीय सलाहकारों की राय है कि टर्म इंश्‍योरेंस के अलावा एक व्‍यक्ति को अपनी रिटायरमेंट पोर्टफोलियो (retirement portfolio) भी पेंशन के लिए बनाना चाहिए. इस पोर्टफोलियो में इक्विटी म्‍यूचुअल फंड और नेशनल पेंशन स्‍कीम जरूर शामिल होनी चाहिए. स्क्रिपबॉक्‍स के को-फाउंडर प्रतीक मेहता का कहना है कि जब आप रिटारमेंट से पहले पोर्टफोलियो तैयार करें तो उसमें म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में लॉंग टर्म इनवेस्‍टमेंट के बारे में जरूर सोचना चाहिए. इसके लिए आपको वेल्‍थ मैनेजमेंट स्‍पेशलिस्‍ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए. मेहता का कहना है कि म्‍यूचुअल फंड से पैसे निकालने में आसानी होती है और रिटर्न भी ज्‍यादा देते हैं.

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प्‍लान रूपे इनवेस्‍टमेंट सर्विसेज (Plan Rupee Investment Services) के फाउंडर अमोल जोशी का कहना है कि अगर इंश्‍योरेंस से प्राप्‍त पेंशन को आय माना जाता है और निवेशक पर लागू टैक्‍स स्‍लैब के अनुसार, उस पर इनकम टैक्‍स लगता है. ऐसे में पेंशन और इंश्‍योरेंस, दोनों देने वाली पॉलिसी में निवेश करने वाले को रिटर्न पर टैक्‍स छूट नहीं मिलती. यह बड़ा नुकसान है. मरीन अग्रवाल के अनुसार, पेंशन के लिए नेशनल पेंशन स्‍कीम सबसे बेहतर विकल्‍प है. अग्रवाल का कहना है कि इंश्‍योरेंस प्‍लान के मुकाबले एनपीएस में अकाउंट खुलवाने की लागत बहुत कम है और एनपीएस में इंश्‍योरेंस के मुकाबले बड़ा रिटायरमेंट फंड बनने की संभावना ज्‍यादा रहती है. इसमें किए गए निवेश पर टैक्‍स छूट भी मिलती है.

Tags: Insurance, NPS, Personal finance

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