पाकिस्तान-चीन आर्थिक गलियारा में अन्य देशों को शामिल होने के लिए बुलाने पर भारत सख्त, कहा- CPEC प्रोजेक्ट ‘अवैध और नाजायज’


नई दिल्ली. चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट (CPEC) का मामला एक बार फिर गरमा गया है. भारत (India) ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा प्रोजेक्ट (CPEC) में दोनों देशों द्वारा अन्य देशों को इसमें शामिल होने के लिए बुलाने पर गहरी नाराजगी जताई है. भारत ने इस मामले में सख्च चेतावनी दी है.

भारत के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता अरिंदम बागची ने इस मामले को लेकर ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा वाली परियोजना (China-Pakistan Economic Corridor Project) अवैध रूप से कब्जाई गई भारत की जमीन (PoK) पर बन रही है, जिसे मंजूर नहीं किया जा सकता है.

भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन
बागची ने कहा कि सीपीईसी प्रोजेक्ट अवैध है. उन्होंने कहा, ”हमने सीपीईसी परियोजना में तीसरे पक्ष को शामिल होने के लिए बुलाने वाले प्रस्ताव की रिपोर्ट देखी है. इस तरह की कोई भी कार्रवाई किसी भी पक्ष द्वारा प्रत्यक्ष तौर पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन मानी जाएगी.” भारत का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब विवादित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे में तीसरे देशों की भागीदारी प्रस्तावित की जा रही है.

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अरबों डॉलर का सीपीईसी प्रोजेक्ट
ऐसी रिपोर्ट्स और मीडिया खबरें आ रही थी कि पाकिस्तान और चीन ने अरबों डॉलर की सीपीईसी परियोजना में तीसरे देशों को शामिल होने का न्योता दिया है. यह कदम अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय पर सीपीईसी के संयुक्त कार्य समूह की तीसरी बैठक में 22 जुलाई को उठाया गया. सीपीईसी पर पाकिस्तान व चीन की यह साझा बैठक पिछले सप्ताह वर्चुअल तरीके से हुई थी.

सीपीईसी चीन की सबसे महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का एक हिस्सा है. इसका टारगेट दक्षिण पूर्व एशिया के तटीय देशों में चीन के ऐतिहासिक व्यापार मार्गों को नवीनीकृत करना है.

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सीपीईसी परियोजना को 2013 में शुरू किया गया था. पाकिस्तान की सड़क, रेल और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के नाम पर इस परियोजना को शुरू किया गया था जो चीन के झिनझियांग प्रांत को पाकिस्तान ग्वादर बंदगाह से जोड़ती है. यह परियोजना पाक अधिकृत कश्मीर से होकर गुजरती है, इसलिए भारत ने इसे कभी मंजूर नहीं किया.

सऊदी अरब को निमंत्रण
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बीजिंग ग्वादर बंदरगाह और गिलगित-बाल्टिस्तान के क्षेत्र पर नियंत्रण स्थापित के लिए सीपीईसी का उपयोग कर रहा है. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने सीपीईसी के लिए सऊदी अरब जैसे अन्य देशों से निवेश की मांग की है, लेकिन इन प्रयासों में उसे ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

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