इन देशों में इस्तेमाल कर सकते हैं भारत की करेंसी


एक घरेलू मुद्रा के समानांतर या उसके बजाय विदेशी मुद्रा के उपयोग की प्रक्रिया करेंसी सब्सटिट्यूशन कहलाती है। करेंसी सब्सटिट्यूशन, फुल या पार्शियल हो सकती है। कुछ छोटी अर्थव्यवस्थाएं, जिनके लिए एक स्वतंत्र मुद्रा बनाए रखना संभव नहीं हैं वह अपने बड़े पड़ोसी देशों की मुद्राओं का उपयोग करते हैं और इस प्रक्रिया को फुल करेंसी सब्सटिट्यूशन कहा जा सकता है। पार्शियल करेंसी सब्सटिट्यूशन तब होता है जब किसी देश के निवासी अपनी वित्तीय संपत्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विदेशी मुद्रा में रखना स्वीकार करते हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि विश्व के कौनसे देश भारतीय मुद्रा यानी रुपये को स्वीकार करते हैं।

1. जिम्बाब्वे
वर्ष 2009 में दक्षिणी अफ्रीकी देश ने अपनी स्थानीय मुद्रा, जिम्बाब्वे डॉलर को त्याग कर भारतीय रुपये को अपना लीगल टेंडर मनी घोषित कर दिया था। 2014 से ही रुपया जिम्बाब्वे की लीगल करेंसी है। एसके साथ ही अब यह अमेरिकी डॉलर, ऑस्ट्रेलियाई डॉलर, चीनी युआन, भारतीय रुपया, जापानी येन, दक्षिण अफ़्रीकी रैंड और ब्रिटिश पाउंड का इस्तेमाल करता है।

2. नेपाल
नेपाल एक ऐसा देश है जिसे भारत का ही एक अभिन्न अंग कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नेपाल ने दिसम्बर 2018 से 100 रुपये से बड़े मूल्य के भारतीय नोटों को बंद कर दिया है लेकिन 200 रुपये से कम के नोट बेधड़क स्वीकार किये जा रहे हैं। जब 2016 में भारत ने नोटबंदी की थी तब वहां पर लगभग 9.48 अरब रुपये मूल्य के भारतीय नोट इस्तेमाल किए जा रहे थे। भारत के व्यापारी नेपाल से व्यापार करने को उत्सुक रहते हैं क्योंकि भारत के व्यापारी को एक भारतीय रुपये के बदले ज्यादा नेपाली मुद्रा मिलती है।

3. मालदीव
मालदीव के कुछ हिस्सों में भारत की करेंसी यानी रुपये को आसानी से स्वीकार किया जाता है। 1 भारतीय रुपया 0.21 मालदीवियन रूफिया के बराबर है। भारत ने 1981 में मालदीव के साथ सबसे पहली व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए थे।

4. भूटान

भारत का पड़ोसी देश होने के कारण भूटान के निवासी भारत की मुद्रा में खरीदारी करते हैं क्योंकि इन दोनों देशों की मुद्राओं की वैल्यू लगभग बराबर है। इसी कारण दोनों मुद्राओं के बीच विनिमय दर में उतार चढ़ाव से होने वाली हानि का कोई डर नहीं होता है। हालांकि भूटान ने भारत की करेंसी को लीगल टेंडर के रूप में इजाज़त नहीं दी है।

5. बांग्लादेश

वर्तमान में भारत के एक रुपये के बदले बांग्लादेश के 1.14 टका खरीदे जा सकते हैं। बांग्लादेश के द्वारा भारत से किया जाने वाला व्यापार भी लगभग 900 मिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया था। इस प्रकार स्पष्ट है कि बांग्लादेश में भारत का रुपया बहुत बड़ी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है।

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