Indian Railways: NWR ने आठ सालों में क‍िया रेल नेटवर्क का र‍िकॉर्ड तोड़ इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन, रेलवे में बना नंबर टू जोन


नई द‍िल्‍ली. भारतीय रेलवे (Indian Railways) की ओर से रेलवे ट्रेक (Railway Track) को इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन कार्य (Electrification Work) को तेजी से पूरा करने का काम क‍िया जा रहा है. खासकर ब्राडगेज लाइनों (Broad Gauge Lines) को इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन का कार्य तेज गत‍ि से क‍िया जा रहा है. इस द‍िशा में भारतीय रेलवे का उत्‍तर पश्‍च‍िम रेलवे (North Western Railway) जोन तेजी से काम कर रहा है और 2014 से 2022 तक यानी आठ सालों में 2864 क‍िलोमीटर लंबे मार्गों पर एक र‍िकॉर्ड स्‍तर पर इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन वर्क को पूरा क‍िया है.

अहम बात यह है क‍ि 2014 तक ट्रेक इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन शून्य किलोमीटर था. लेक‍िन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से पूरी भारतीय रेलवे पर सभी रेलवे ट्रेक को पर्यावरण अनूकुल विद्युतीकृत करने का विजन दिया गया है. वर्ष 2014 के पश्चात् उत्तर पश्चिम रेलवे को विद्युतीकरण कार्यों के लिये पर्याप्त बजट का आवंटन किया गया. इस बजट की उपलब्धता और लक्ष्यानुसार कार्य करते हुये उत्तर पश्चिम रेलवे पर प‍िछले 8 सालों में कुल 2864 किलोमीटर मार्ग के विद्युतीकरण कार्य पूरा किया जा चुका है. दिसम्बर 2023 तक सभी रेल सेक्‍शनों को विद्युतीकृत करने का लक्ष्‍य न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है.

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उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण का कहना है क‍ि जोनल महाप्रबन्धक विजय शर्मा के दिशा-निर्देशन में रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है. इसके चलते अब इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्‍य दिसम्बर 2023 न‍िर्धार‍ित क‍िया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 680 किलोमीटर रेल सेक्‍शन के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया, जोकि सम्पूर्ण भारतीय रेलवे पर द्वितीय अधिकतम रहा है.

रेलवे अध‍िकारी के मुता‍ब‍िक वर्ष 2021-22 में अजमेर-दौराई, ब्यावर-गुड़िया, मदार-बाईपास-आदर्शनगर, नोहर-हनुमानगढ, चूरू-रतनगढ, रींगस-सीकर-झुझुंनू-लोहारू, मदार-पुष्कर, रतनगढ़-सरदारशहर-बनीसर, हिसार-सूरतपुरा एवं मारवाड-लूनी-जोधपुर रेल सेक्‍शनों को इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन का काम पूरा कर ल‍िया गया है.

इसके अलावा वर्ष 2021-22 में जोधपुर मण्डल के मारवाड-लूनी व लूनी-जोधपुर रेल सेक्‍शन व‍िद्युतीकरण होने के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे के सभी चारों ड‍िव‍िजन विद्युतीकृत रेल लाइनों वाले मण्डलों में शाम‍िल हो गए हैं. उत्तर पश्‍च‍िम रेलवे पर वर्तमान में 2526 किलोमीटर ट्रेक के इलेक्‍ट्रि‍फ‍िकेशन का कार्य प्रगति पर है तथा वर्ष 2022-23 में 1962 किलोमीटर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

अध‍िकारी के मुताब‍िक उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 47 जोड़ी ट्रेनों को डीजल से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर स्विच किया गया तथा वर्तमान में उत्तर पश्चिम रेलवे पर कुल 76 जोड़ी यात्री ट्रेनें इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर संचालित हो रही हैं.

रेलवे के पूरी तरह से इलेक्‍ट्र‍िफ‍िकेशन के बाद यात्रियों को होंगे ये फायदे

-डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति

-विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन

– अधिक ट्रेनों का संचालन संभव

-वर्तमान में इलेक्ट्रि‍क ट्रेनों का उत्पादन अधिक होने व इनमें अत्याधुनिक टेक्नालॉजी के उपयोग के कारण अधिक यात्री सुविधाएं

-ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी

– इलेक्ट्रि‍क ट्रेनों की परम्परागत ट्रेनों से तेजी गत‍ि/व‍िघटन के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है एवं यह यात्रियों के लिये तेज और सुव‍िधाजनक होती है.

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