Russia Ukraine War : रूस यूक्रेन के युद्ध के कारण दुनिया भर में तरह तरह की समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. अब इस युद्ध के साथ महंगाई डायन का भी तांडव शुरू हो गया है. दुनिया भर में तेजी से महंगाई बढ़ रही है. यूरोप में फरवरी महीने में मुद्रास्फीति बढ़कर रिकार्ड 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गयी. यह लगातार चौथा महीना है जब मुद्रास्फीति रिकॉर्ड स्तर पर रही.
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरे दौर से गुजर रही है. यूरोपीय संघ की सांख्यिकी एजेंसी यूरोस्टेट ने बुधवार को बताया कि यूरो मुद्रा के चलन वाले 19 देशों में उपभोक्ता मूल्य में फरवरी में सालाना आधार पर 5.8 फीसदी की वृद्धि हुई है. इससे उपभोक्ता तो परेशान हैं ही, यूरोप के केंद्रीय बैंक पर भी दबाव बढ़ रहा है.
मुद्रास्फीति का यह उच्च स्तर
वर्ष 1997 के बाद मुद्रास्फीति का यह उच्च स्तर है. इससे पहले, पिछले महीने यह 5.1 फीसदी के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी. अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तरह यूरोप में भी ऊर्जा की बढ़ती कीमतों के कारण मुद्रास्फीति बढ़ रही है तथा इस समस्या को यूक्रेन पर रूस के हमले ने और भी जटिल बना दिया है.
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दुनिया भर में महंगाई दर
कुछ दिन पहले ही फिच रेटिंग्स के मुताबिक दुनिया भर के कई देशों में उनकी महंगाई दर दशकों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गयी है. अमेरिका की महंगाई दर नवंबर में 39 साल के ऊपरी स्तरों पर पहुंची. यूरोजोन की महंगाई दर अपने सबसे ऊंचे स्तर पर चल रही थी. अब युद्ध ने स्थिति और भी बिगाड़ दी है. जर्मनी की महंगाई दर 29 साल के उच्चतम स्तर पर है.
वहीं आईएमएफ के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में आंकड़ों (शुरुआती और अनुमानित के साथ) के मुताबिक दुनिया भर के 20 देशों में महंगाई दर 10 प्रतिशत से ऊपर पहुंच गयी थी. इससे पहले 2020 में दहाई अंक में महंगाई दर वाले देशों की संख्या 18 थी. महामारी से पहले यानि साल 2019 में सिर्फ 13 देशों में महंगाई दर 10 प्रतिशत से ज्यादा थी.
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