IPL 2022: गुजरात टाइटंस की जीत से 5 सबक ले सकती हैं चैंपियन टीमें


नई दिल्ली. गुजरात टाइटंस ने अपने पहले ही सीजन में आईपीएल खिताब जीतकर इतिहास रच दिया है. वह टूर्नामेंट की महज दूसरी ऐसी टीम है, जो अपने पहले सीजन में चैंपियन बनी है. गुजरात टाइटंस ने रविवार को खेले गए फाइनल में राजस्थान रॉयल्स (Gujarat Titans vs Rajasthan Royals) को 7 विकेट से हराया. यह इत्तफाक ही है कि राजस्थान ने 2008 में अपने पहले सीजन में आईपीएल का खिताब जीता था. गुजरात ने अब राजस्थान के इस रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. गुजरात की यह जीत ऐसी है, जिससे चैंपियन टीमें भी सबक ले सकती हैं. हम यहां ऐसी ही 5 बातें बता रहे हैं.

स्टार नहीं, इनफॉर्म खिलाड़ी चाहिए
गुजरात टाइटंस आईपीएल की नई टीम है और 2022 उसका पहला सीजन था. पहला सीजन होने के कारण उसके पास ऑक्शन से पहले खिलाड़ी रीटेन करने की सुविधा नहीं थी. जब 8 टीमों ने अपने-अपने खिलाड़ी रीटेन कर लिए, तब गुजरात टाइटंस को रिलीज खिलाड़ियों में से 3 खिलाड़ी चुनने का मौका दिया गया. गुजरात ने हार्दिक पंड्या, राशिद खान और शुभमन गिल के रूप में तीन खिलाड़ी चुने. कह सकते हैं कि गुजरात टाइटंस में कोई बड़ा सुपरस्टार नहीं था. ऑक्शन के बाद भी गुजरात की टीम को ज्यादा भाव नहीं दिया गया. लेकिन इस टीम ने साबित किया कि ट्रॉफी जीतने के लिए स्टार नहीं, इनफॉर्म खिलाड़ी चाहिए होते हैं, जो उसके पास थे.

छक्के लगाकर नहीं जीते जाते टूर्नामेंट
गुजरात टाइटंस ने आईपीएल 2022 में 79 छक्के लगाए. इसके साथ ही वह सबसे कम छक्के लगाकर टूर्नामेंट जीतने वाली टीम बन गई. फाइनल में उसका सामना राजस्थान से हुआ, जिसने टूर्नामेंट में सबसे अधिक 137 छक्के लगाए. ये आंकड़े साबित करते हैं कि आईपीएल या कोई बड़ा टी20 टूर्नामेंट जीतने के लिए सिर्फ छक्के लगाना ही काफी नहीं है. आप सिंगल-डबल लेकर और चौकों से भी इतने रन बना सकते हैं जो जीत के लिए काफी हों.

कप्तान को फ्रंट से लीड करना होगा
गुजरात टाइटंस की जीत की एक बड़ी वजह उसके कप्तान हार्दिक पंड्या का प्रदर्शन भी रहा. हार्दिक ने 15 मैच में 44.27 की औसत से 487 रन बनाए. इसमें 4 अर्धशतक शामिल हैं. गुजरात के स्टार ऑलराउंडर ने गेंदबाजी में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया. उन्होंने 27.75 की औसत से 8 विकेट झटके. सबसे अहम बात यह है कि हार्दिक पंड्या ने तब जरूर गेंदबाजी की, जब टीम को विकेट की जरूरत थी. उन्होंने ना सिर्फ बीच के ओवरों में गेंदबाजी की, बल्कि नई गेंद से मोर्चा संभाला. उन्होंने फाइनल में 3 विकेट झटके, जो खिताबी मुकाबले में जीत का आधार बना.

गेंदबाज जिताते हैं टूर्नामेंट
गुजरात टाइटंस की जीत का सबसे अधिक श्रेय उसकी गेंदबाजी को जाता है. उसने टॉस जीतकर पहले बैटिंग करने उतरी राजस्थान रॉयल्स की टीम को महज 130/9 के स्कोर पर रोक दिया. इससे बल्लेबाजों का काम आसान हो गया. यह पहली बार नहीं था, जब गेंदबाजों ने गुजरात की जीत की नींव रखी. मोहम्मद शमी, राशिद खान, लॉकी फर्ग्युसन, यश दयाल की बॉलिंग अटैक का विरोधियों के पास ज्यादातर मौकों पर जवाब नहीं था. शमी ने अपनी टीम की ओर से सबसे अधिक 20 विकेट झटके, तो राशिद के नाम 19 विकेट रहे. फर्ग्युसन ने 13 और यश ने 11 विकेट झटके. कप्तान हार्दिक पंड्या ने 8 विकेट अपने नाम किए. अगर हम बल्लेबाजी या गेंदबाजी में टॉप-3 खिलाड़ियों की बात करें तो गुजरात का एक भी खिलाड़ी नहीं दिखता. यह बताता है कि गुजरात टाइटंस किसी एक खिलाड़ी पर निर्भर नहीं थी, बल्कि टीम परफॉर्मेंस की बदौलत जीत रही थी.

ड्रेसिंग रूम में माहौल हल्का हो
गुजरात की जीत का श्रेय कोचिंग स्टाफ को भी जाता है. खासकर मुख्य कोच आशीष नेहरा को, जो अपने मजाकिया स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. मैच में कितनी भी गंभीर स्थिति हो, नेहरा कभी निराश नहीं होते. इसकी बजाय वे हंसी-मजाक कर माहौल को हल्का करने के लिए जाने जाते हैं. कप्तान हार्दिक का स्वभाव भी नेहरा जैसा ही है. कप्तान और कोच की इस जोड़ी ने ड्रेसिंग रूम में माहौल हल्का रखा, जिससे खिलाड़ियों पर दबाव कम बना. उस पर टीम के साथ गुरु गैरी कर्स्टन भी थे, जो भारतीय टीम को 2011 में विश्व चैंपियन बना चुके हैं. गैरी अपने अनुशासन के लिए जाने जाते हैं. इस तरह गुजरात टाइटंस के पास ऐसा कोचिंग स्टाफ था, जिसमें अगर अनुशासन पसंद गैरी शामिल थे तो माहौल हल्का करने वाले आशीष नेहरा भी. चैंपियन बनने के लिए ऐसा कोचिंग स्टाफ बहुत मददगार साबित होता है.

Tags: Gujarat Titans, Hardik Pandya, Indian premier league, IPL, IPL 2022, Rajasthan Royals

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