नई दिल्ली. ऋषभ पंत ने साल 2017 में जब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया, तो उस समय अनुज रावत 15 साल के थे. वह भी क्रिकेट बनने के लिए दिन/रात मेहनत कर रहे थे. पंत की तरह उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले अनुज को सपना साकार करने के लिए अपना राज्य छोड़ना पड़ा. क्योंकि उत्तराखंड के जिस रामनगर में अनुज रावत का जन्म हुआ, वहां क्रिकेटर बनने के लिए उतनी सुविधा नहीं थी. इसलिए अनुज उत्तराखंड छोड़ अपनी मां के साथ दिल्ली आ गए. उनकी क्रिकेटर बनने की कहानी पंत से मिलती-जुलती है. ऋषभ ने भी क्रिकेटर बनने के लिए अपना राज्य छोड़कर दिल्ली का दामन थामा था. बाएं हाथ के विकेटकीपर बल्लेबाज अनुज रावत को बैटिंग करने के अलावा विकटकीपिंग करने में बड़ा मजा आता है. ठीक यही काम ऋषभ पंत टीम इंडिया और दिल्ली कैपिटल्स के लिए करते हैं.
ऋषभ पंत को जहां सीनियर टीम और आईपीएल में खेलते हुए अरसा बीत चुका है. वहीं अनुज रावत की कहानी शुरू हुई है. आने वाले समय में उनकी कहानी में अगर रंगीन अध्याय जुड़ते हैं तो आश्चर्य की बात नहीं होगी. क्योंकि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में वह पहले ही अपना लोहा मनवा चुके हैं. उनकी प्रतिभा की पहचान उस वक्त हुई, जब पिछले मैच में आरसीबी की ओर से खेलते हुए उन्होंने मुंबई इंडियंस के खिलाफ 47 गेंदों पर 66 रन की तेज-तर्रार पारी खेली. उन्होंने खतरनाक गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के खिलाफ बखौफ बल्लेबाजी की.
पिता के साथ खेली क्रिकेट
पंत और अन्य क्रिकेटरों की तरह अनुज रावत ने भी अपने पिता वीरेंद्र और बड़े भाई प्रशांत के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया. इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बड़े भाई प्रशांत ने कहा, मेरे पिता बचपन में क्रिकेट खेलते थे, लेकिन परिवार की तरफ से उन्हें कोई सहयोग नहीं मिला. वह पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने अनुज की क्रिकेट प्रतिभा को पहचाना और फिर रामनगर में क्रिकेट कोच सतीश पोखरियाल के पास ले गए. अनुज की उम्र उस समय 6 या 7 साल की रही होगी. बातचीज में उन्होंने आगे कहा, मेरे पिता क्रिकेट के शौकीन थे, वह कभी मैच मिस नहीं करते थे. ठीक यही हाल अनुज का और मेरा है.
11 साल पहले आए दिल्ली
अनुज को कुछ साल कोचिंग देने के बाद कोच सतीश पोखरियाल ने उनके पिता को सलाह दी. उन्होंने कहा अगर वह चाहते हैं कि उनका बेटा प्रोफेशनल क्रिकेट खेले, तो उन्हें अनुज को दिल्ली ले जाना चाहिए. 11 साल पहले मां आशा रावत ने बेटे प्रशांत और अनुज के साथ दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी और राजधानी आ गईं. तब नई दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में 2 रूम का फ्लैंट किराए पर लिया था. जो राजकुमार शर्मा की वेस्ट दिल्ली में स्थित क्रिकेट एकेडमी के नजदीक था.
आर्थिक परेशानी भी आई
प्रशांत की पढ़ाई और अनुज के क्रिकेट खेलने के खर्च से घर की हालत खस्ता हो गई. पिता वीरेंद्र आर्थिक समस्याओं से जूझने लगे. उन्होंने अपने मित्रों और परिवार से लोन लिया. लेकिन कभी कभी यह प्रर्याप्त नहीं होता था. प्रशांत कहते हैं कि मैंने दूसरे साल पढ़ाई के साथ-साथ काम करना भी शुरू कर दिया. मैंने अपने पिता को बताया की आपका सपना मेरा सपना है. आप अनुज के क्रिकेटिंग करियर को लेकर चिंता न करें. मैं उसकी स्कूल और कोचिंग फीस दूंगा.
दिल्ली की टीम में नहीं हुआ चयन
एक तरफ घर तंगहाली से गुजर रहा था. उधर अनुज रावत को एक के बाद एक टीम से रिजेक्ट किया जा रहा था. दिल्ली की अंडर-14 और अंडर-16 टीम में उनका चयन नहीं हुआ. यह किसी भी क्रिकेटर के लिए निराशाजनक होता है. अनुज कहते हैं कि इसके बावजूद मेरे पिता ने उम्मीद नहीं छोड़ी. उन्होंने हमेशा अनुज को पेरित किया. मेरे पिता जानते थे कि अनुज के पास वो सब कुछ है, जो एक प्रोफेशनल क्रिकेटर में होना चाहिए. प्रशांत का कहना है जब अनुज का दिल्ली की अंडर-14 और 16 टीम में चयन नहीं हुआ तो यह उसके लिए नहीं, बल्कि कोच राजकुमार शर्मा के लिए भी झटका था. शर्मा ने इसे दिल पर ले लिया. यहीं से अनुज के क्रिकेटर बनने की कहानी शुरू हुई.
2017-18 में रणजी टीम में सिलेक्ट हुए
कुछ समय बात अनुज की मेहनत रंग लाई और दिल्ली के चयनकर्ताओं की नजर उन पर पड़ी. अनुज रावत को साल 2017-18 सीजन के लिए दिल्ली की रणजी टीम में शामिल किया गया. उस समय ऋषभ पंत को इंडिया-ए में बुला लिया गया था. इस दौरान अनुज की 71 रनों की पारी ने प्रभावित किया. इसके बाद रेलवे के खिलाफ उन्होंने दूसरी हॉफ सेंचुरी लगाई. जब ऋषभ पंत अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए नियमित क्रिकेट खेलने लगे, तो अनुज को ज्यादा मौके मिले. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के खिलाफ 134 रनों की पारी खेली. उन्होंने यह शतक उस समय लगाया जब दिल्ली ने 36 रन पर पांच विकेट खो दिए थे. जिसके बाद दिल्ली ने यह मुकाबला 9 विकेट से जीता था.
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आईपीएल 2022 में मचा रहे धमाल
आईपीएल 2022 की नीलामी में अनुज रावत पर जमकर पैसों की बारिश हुई. कई फ्रेंचाइजी अपनी टीम में उन्हें शामिल करना चाहती थीं. लेकिन बाजी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने मारी. आरसीबी ने अनुज को 3 करोड़ 40 लाख रुपये में खरीदा. आज वही अनुज अपनी टीम आरसीबी के लिए कमाल कर रहे है. उन्होंने आईपीएल में 4 मैच खेले हैं, जिनमें 113 रन बनाए हैं. इस दौरान उनके बल्ले से एक अर्धशतक भी निकला. पिछले मैच में उन्होंने दबंग मुंबई की बॉलिंग के खिलाफ 66 रनों की पारी खेली थी. अनुज रावत ने अपने खेल से अब तक सभी को प्रभावित किया है.
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