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ईराक (Iraq) में एक बार फिर से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को प्रधानमंत्री के नामांकन के विरोध में दूसरी बार बगदाद में संसद भवन पर धावा बोल दिया। इन प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर शिया नेता मुक्तदा अल-सदर के समर्थक थे। इससे पहले बुधवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बगदाद स्थित संसद पर धावा बोल दिया था। मीडियो रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में संसद परिसर में घुस गए और वहां तोड़फोड़ भी की थी।
जमकर की तोड़फोड़
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार की तरह ही शनिवार को भी प्रदर्शनकारियों ने संसद में इराकी झंडे और अल-सदर के फोटो लहराते हुए जमकर नारेबाजी की। दूसरी ओर सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को रोंकने और तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस, वाटर कैनन आदि का इंतजाम किया था, हालांकि सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को रोंकने में विफल रहे। प्रदर्शनकारी ससंद में लगी मेजों पर चलते हुए, सांसदों की कुर्सियों पर बैठे और इराकी झंडे लहराते देखे गए। हालांकि संसद में कोई विधायक, सांसद मौजूद नहीं था। इस दौरान एक व्यक्ति को इराकी संसद के अध्यक्ष की मेज पर लेटा हुआ देखा गया। मारत के अंदर केवल सुरक्षाकर्मी थे जिन्होंने प्रदर्शनकारियों को आसानी से अंदर जाने की अनुमित दे दी।
#WATCH | Baghdad, Iraq: Supporters of Iraqi Cleric Muqtada al-Sadr gather to protest inside the parliament as country convenes to elect a president
(Source: Reuters) pic.twitter.com/iESGHbgRgp
— ANI (@ANI) July 30, 2022
ये प्रदर्शनकारी पूर्व मंत्री और पूर्व प्रांतीय गवर्नर मोहम्मद शिया अल-सुदानी (Mohammed Shia Al-Sudani) की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं, जो ईरान समर्थित हैं। बता दें कि अक्तूबर 2021 में इराक में चुनाव हुए थे, इसके बाद यह बड़ा प्रदर्शन है। बुधवार को विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब प्रतिस्पर्धी राजनीतिक गुट नई सरकार के गठन पर सहमत नहीं हो पाए।
चुनाव के बाद सबसे बड़ा विरोध
अक्तूबर में संघीय चुनाव होने के बाद से यह सबसे बड़ा विरोध माना जा रहा है, और दूसरी बार शिया धर्मगुरु अल-सदर ने इस महीने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देने के लिए जनता को जुटाने की अपनी क्षमता का इस्तेमाल किया है। वहीं इससे पहले भी अल सदर ने सरकार के खिलाफ भीड़ जुटाई थी।
अल-सदर के बयान के बाद संसद से निकले प्रदर्शनकारी
वहीं, बुधवार को अनुयायियों के संसद पर कब्जा करने के कुछ घंटों बाद प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया था। उन्होंने लोगों से घरों में सुरक्षित लौटने के लिए कहा।