है न गजब! हमारे पड़ोसी देश में बैंक कर रहे मिन्नतें, लेकिन जनता लेना ही नहीं चाहती लोन


नई दिल्‍ली. हमारे देश में अधिकतर लोग लोन (Loan) लेने के लिए बैंकों और अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थानों से रिक्‍वेस्‍ट करते हैं. लोन के लिए आवेदन करने वाले सभी लोगों को बैंक कर्ज देते भी नहीं है और बहुत से लोगों को बैंकों से निराश लौटना पड़ता है. लेकिन, हमारे पड़ोसी देश चीन (China) में अब उल्‍टी गंगा बह रही है. वहां पर बैंक कंपनियों और आम लोगों से लोन लेने की मिन्‍नतें कर रहे हैं.

दरअसल, कोविड-19 (Covid-19) महामारी और लॉकडाउन के चलते कंपनियों और परिवारों का भरोसा इतना कमजोर हो गया है कि चीन में कोई कर्ज लेने को तैयार नहीं है. बैंकों के पास कैश बहुत ज्‍यादा हो गया है. अब यही कैश उनके लिए जी का जंजाल बन चुका है. अप्रैल में लोन ग्रोथ (loan growth) पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है और कई इंडीकेटर्स से संकेत मिल रहे हैं कि मई में भी हालात में सुधार की उम्मीद नहीं है.

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मनीकंट्रोल डॉट कॉम पर ब्लूमबर्ग के हवाले से छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, घरों की बिक्री में लगातार गिरावट मॉर्टगेज की मांग घटने का संकेत हैं. रियल एस्टेट कंपनियों के बीच कर्ज की मांग बेहद कमजोर बनी हुई है. यही कारण है कि ग्राहकों कर्ज मांग में कमी के चलते बैंक आपस में बिलों की अदला-बदली कर रहे हैं. वे ऐसा कॉर्पोरेट लेंडिंग के लिए रेगुलेटरी शर्तों को पूरा करने के लिए कर रहे हैं.

इसलिए घटी कर्ज की मांग
चीन बुरी तरह कोविड-19 की चपेट में आया है. उसे शंघाई सहित कई शहरों में सख्‍त लॉकडाउन लगाना पड़ा है. कोविड बंदिशों के कारण अनिश्चितता की स्थिति है. लोगों के मन में यह आशंका भी बनी हुई है कि भविष्य में महामारी के चलते फिर से लॉकडाउन लग सकते हैं. उत्पादन ठप है और कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही है. रेवेन्‍यू घट चुका है और मुनाफा कम हो रहा है. बहुत-सी कंपनियों ने अपनी विस्‍तार योजनाओं पर ब्रेक लगा दिए हैं. इन सब वजहों से कर्ज की मांग में भारी गिरावट आई है.

तीसरी तिमाही में कमजोर हो सकती है इकोनॉमी
ऑस्ट्रेलिया एंड न्‍यूजीलैंड बैंकिंग ग्रुप में सीनियर चाइना स्ट्रैटेजिस्ट जिंग झाओपेंग का कहना है कि सुस्त क्रेडिट डिमांड से बाजार में कमजोरी का पता चलता है. कंपनियां विस्‍तार योजनाओं से पीछे हट रही हैं. इससे स्पष्ट है कि चीन की इकोनॉमी तीसरी तिमाही में कमजोर हो सकती है, क्योंकि कई इनवेस्टमेंट एक्टिविटी सिर्फ लोन से ही पूरी हो सकती हैं.

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बैंकों पर बढ़ रहा दबाव
चीन के पॉलिसीमेकर्स के लिए हालात चुनौतीपूर्ण हैं. वे बैंकों पर अब ज्‍यादा कर्ज देने के लिए दबाव बना रहे हैं. पीपल्स बैंक ऑफ चाइना ने पिछले हफ्ते सभी ऋणदाताओं से लोन बढ़ाने के लिए कहा है. साथ ही उसने मॉर्टगेज रेट्स में कमी करने और प्रॉपर्टी सेक्टर में लेंडिंग में स्थायित्व लाने का आह्वान भी किया है.

Tags: Bank Loan, Banking, China

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