नई दिल्ली. ईस्ट इंडिया कंपनी (East India Company) ने कभी भारत पर राज किया था. लेकिन, इतिहास ने पलटी मारी और अब उसकी कमान भारतीय हाथों में है. इस पर महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) ने उत्साहित होते हुए कहा कि वह भारत के इतिहास को पलटने में योगदान निभाकर बहुत खुश हैं. आनंद महिंद्रा की कंपनी ने करीब एक दशक पहले ईस्ट इंडिया कंपनी में एक छोटा हिस्सा खरीदा था.
दरअसल, आनंद महिंद्रा उस ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में वायरल ट्विटर थ्रेड (Viral Twitter Thread) का जवाब दे रहे थे, जिसने कभी भारत पर राज किया और जो ब्रिटिश उपनिवेशवाद (British colonialism) का पर्याय बन गई. समय पलटा और इसे भारतीय मूल के व्यापारी संजीव मेहता (Sanjeev Mehta) ने स्वतंत्रता के दशकों बाद खरीद लिया. महिंद्रा ग्रुप ने बाद में इस कंपनी में छोटी हिस्सेदारी खरीदी. आनंद महिंद्रा का कहना है कि ईस्ट इंडिया कंपनी को भारतीय हाथों में देखना उत्साहित करने वाला था.
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जानिए कैसे हुई मामले की शुरुआत
एक ट्विटर थ्रेड में एक लेखक और टेक एक्सपर्ट जसप्रीत बिंद्रा (Jaspreet Bindra) ने ईस्ट इंडिया कंपनी का संक्षिप्त इतिहास बताया है. उन्होंने उस व्यापारी के बारे में बताया, जिसने 21वीं शताब्दी की शुरुआत में ईस्ट इंडिया कंपनी को खरीदा. इसे मुंबई में जन्मे कारोबारी संजीव मेहता ने खरीदा था, जिनसे हालिया मुलाकात के बाद जसप्रीत बिंद्रा ने ट्विटर पर थ्रेड शुरू किया.
भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर था कब्जा
जसप्रीत बिंद्रा लिखते हैं कि ईस्ट इंडिया एक अंग्रेजों की कंपनी थी, जो बाद में ब्रिटिश साम्राज्य के हाथ में गई. ज्वाइंट-स्टॉक कंपनी 1600 में बनी थी. इसने भारतीय उपमहाद्वीप के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था. अफीम के लिए हुई पहली लड़ाई के बाद दक्षिणीपूर्वी एशिया और हांगकांग तक अपना साम्राज्य फैलाया. फारस की खाड़ी में अपने व्यापारिक स्थान और उपनिवेश बनाए रखे.
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30-40 मालिकों से खरीद ली कंपनी
दूसरे ट्वीट में वह लिखते हैं कि अब सीधे साल 2000 में आइए. जब भारतीय व्यापारी संजीव मेहता ने असल में देशभक्ति के जोश में ईस्ट इंडिया कंपनी को उसके 30-40 मालिकों के हाथ से खरीदकर इसे लग्जरी व्यापार में बदल दिया.
हम पर राज करने वाली कंपनी को खरीदना खुशी देता है
द गार्डियन में प्रकाशित लेख के अनुसार, मेहता ने 2005 में पूरी कंपनी को खरीद लिया था. लेख में संजीव मेहता कहते हैं कि आप एक भारतीय की भावना के स्तर पर सोचिए. जब आप दिल से सोचते हैं, जैसा मैं सोचता हूं, इसे बयां नहीं कर सकते कि हम पर राज करने वाली कंपनी को खरीदना कैसा लगता है.
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महिंद्रा ग्रुप ने भी खरीदी थी हिस्सेदारी
इसके बाद जसप्रीत बिंद्रा ने ईस्ट इंडिया कंपनी में महिंद्रा ग्रुप के छोटे हिस्से के बारे में ज़िक्र किया. इस ट्विटर थ्रेड का जवाब देते हुए आनंद मंहिंद्रा ने ईस्ट इंडिया कंपनी की कहानी को सबके सामने रखने के लिए जसप्रीत बिंद्रा का धन्यवाद दिया. कहा कि भारत के इतिहास को पलटने की जिस वजह से हम उत्साहित होते हैं, उसे यहां रखने के लिए धन्यवाद. वह आगे कहते हैं कि इस कंपनी को भारतीय हाथों में देखना कुछ अलग ही स्फूर्ती से भर देता है.
700 से अधिक लाइक, सैकड़ों कमेंट
अब तक इस ट्वीट को 700 से अधिक लाइक मिल चुके हैं. सैकड़ों कमेंट इस पर किए गए हैं. एक ट्विटर यूजर ने कमेंट किया… रोचक जानकारी. दूसरे कमेंट में किसी ने लिखा है…कर्म का चक्र पूरा होता है.
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