एजेंसी, नई दिल्ली।
Published by: Jeet Kumar
Updated Sun, 30 Jan 2022 04:53 AM IST
सार
सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा, टाइप-3 बसों एवं स्कूल बसों के भीतर यात्रियों के बैठने वाले हिस्से में फायर अलार्म सिस्टम लगाने की व्यवस्था लागू की गई है।
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विस्तार
मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी एक बयान के मुताबिक, लंबी दूरी तय करने के लिए बनाई गई एवं संचालित की जा रहीं यात्री बसों और स्कूल बसों के उस हिस्से में आग लगने से बचाव का सिस्टम लगाना होगा, जहां पर लोग बैठते हैं। मंत्रालय की ओर से 27 जनवरी को इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
फिलहाल वाहनों के इंजन वाले हिस्से से निकलने वाली आग की पहचान के लिए अलार्म और सप्रेशन सिस्टम की व्यवस्था है। वाहन उद्योग मानक 135 के अनुसार इंजन में आग लगने की स्थिति में यह सिस्टम सतर्क कर देता है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने कहा, टाइप-3 बसों एवं स्कूल बसों के भीतर यात्रियों के बैठने वाले हिस्से में फायर अलार्म सिस्टम लगाने की व्यवस्था लागू की गई है। टाइप-3 बसें लंबी दूरी तय करने के लिए डिजाइन की जाती हैं।
आग काबू करने में मिलेगी मदद
फायर अलार्म बजते ही यात्री तुरंत सतर्क होकर बसों से बाहर निकल सकेंगे। फायर सिस्टम के तहत आग लगने से पहले धुआं उठने की स्थिति में तुरंत अलार्म बजने लगेगा और शुरुआत में ही आग को काबू करने में मदद मिलेगी।
अधिक तापमान और धुएं की वजह से यात्री होते हैं हताहत
मंत्रालय ने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा है कि ऐसे हादसों के समय बसों के भीतर बैठे यात्री अक्सर अधिक तापमान और धुएं की वजह से हताहत होते हैं। अगर सवारियों के बैठने वाले हिस्से में ही आग की चेतावनी देने वाली प्रणाली लगी हो तो इन हादसों को काफी हद तक रोका जा सकता है।