IVF Special: पत्नियों की ‘सूनी कोख’ पर भारी पड़ रहे हैं पतियों के ‘ऐब’


IVF Special: मां नहीं बन पाने के लिए सामान्‍यत: महिलाओं को ही जिम्‍मेदार माना जाता है. लेकिन, हर मामले में ऐसा नहीं हैं. कई मामले ऐसे भी होते हैं, जिसमें पति में कमियों के चलते महिलाएं मां नहीं बन जाती हैं. पुरुषों में कमियां उनकी बढ़ती उम्र के साथ-साथ उनमें मौजूद कुछ ‘ऐब’ के चलते पनपती है. आइए, गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड ग्रुप की चेयरमैन डॉ. गुंजन गुप्‍ता समझते हैं कि पुरुषों के कौन कौन से ऐब उन्‍हें पिता और उनकी पत्‍नी को मां बनने से वंचित कर देते हें.

गुंजन आईवीएफ वर्ल्ड ग्रुप की चेयरमैन डॉ. गुंजन गुप्‍ता बताती हैं कि यह एक सामान्य मिथक है कि पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, जबकि हकीकत यह है कि में पुरूष की प्रजनन क्षमता भी कम होती है, लेकिन यह हल्के रूप में कम होती है. यहां महत्‍वपूर्ण यह है कि पति की गलतियां की वजह से उनके साझीदार के गर्भपात होने या गर्भ में पल रहे बच्चे का सम्पूर्ण विकास प्रभावित होने की जोखिम बना रहता है. साथ ही, कई बार बच्चा किसी जन्मजात बीमारी के साथ भी पैदा हो सकता है.

सूनी कोख के लिए जिम्‍मेदार पुरुषों के ऐब
डॉ. गुंजन गुप्‍ता के अनुसार, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि पुरुषों की अव्‍यवस्थित जीवनशैली, प‍िता बनने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा साबित होती हैं. अव्‍यवस्थित जीवन शैली के साथ वह अपने जीवन में ऐसे ऐब शामिल कर लेते हैं, जिनकी वजह से उनका वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है और चाह कर भी उनकी पत्‍नी गर्भधारण नहीं कर पाती है. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि पत्‍नी को गर्भ धारण हो भी गया तो पति के ऐब के चलते बच्‍चे को जन्‍म से पहले गंभीर बीमारियां मिल जाती हैं और उसका पूरा जीवन तबाह हो जाता है.

धूम्रपान: धूम्रपान से पुरूषों की प्रजनन क्षमता पर बहुत बुरा प्रभाव पडता है. धूम्रपान से पुरूषों में  शुक्राणुओं का उत्पादन, गति और आकृति विज्ञान प्रभावित होता है.

मोटापा: मोटापे के कारण कार्डियोवस्कुलर रोग, मधुमेह तथा कुछ तरह के कैंसर भी हो सकते है, जिसकी वजह से पति की शारीरिक क्षमता में कमी आ सकती है.

खान-पान: खान-पान प्रजनन क्षमता बढाने में मुख्य भूमिका अदा करता है. संतुलित और पौष्टिक भोजन सामान्य स्वास्थ्य के लिए जरूरी है और समस्त शारीरिक गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव डालता हैं.

शराब सेवन: शराब से पुरुषों में भी शुक्राणुओं की संख्या प्रभावित होती है. ऐसे में यदि कोई दंपति परिवार बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें शराब का सेवन कम कर देना चाहिए.

पर्यावरण – पर्यावरण या अपने काम के कारण यदि किसी भी तरह के कीटनाशकों या प्रदूषकों के सम्पर्क में आ रहे हैं तो यह भी विपरीत प्रभाव डाल सकते है.

Tags: Health News, IVF, Sehat ki baat

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