Jahangirpuri Violence : दिल्ली की अदालत ने माना- साजिश के तहत करवाई गई थी जहांगीरपुरी हिंसा


ख़बर सुनें

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में रोहिणी अदालत ने माना है कि प्रथम दृष्टया यह साजिश थी। आरोपियों के खिलाफ साजिश, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। अदालत ने बृहस्पतिवार को पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर सभी आरोपियों को  6 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है। मामला इस वर्ष 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर एक जुलूस के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है। 

पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि हिंसा सीएए के विरोध-प्रदर्शन को ही आधार बनाकर की गई थी। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपिका सिंह ने सभी गवाहों के बयान व दस्तावेज का अध्ययन करने के बाद चार्जशीट पर संज्ञान लिया और आरोपियों के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। आरोपपत्र में मोहम्मद अंसार और तबरेज अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया है, वहीं तीसरा साजिशकर्ता इशराफिल फरार है। 

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 14 जुलाई को जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में 16 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने मामले में 37 गिरफ्तार और 8 फरार आरोपियों को नामजद किया है. इनके अलावा चार्जशीट में दो नाबालिगों का भी नाम है।

दिल्ली पुलिस ने धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), धारा 186 आईपीसी (किसी भी लोक सेवक को अपनी जनता के निर्वहन में स्वेच्छा से बाधा डालना), धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) धारा 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने की सजा) धारा 436 (आग से शरारत करना) या विस्फोटक पदार्थ घर को नष्ट करने के इरादे से) धारा 147 (दंगा के लिए सजा) धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) धारा 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी) और धारा 427 ( भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की शरारत और शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत नुकसान पहुंचाने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया था।

दिल्ली पुलिस नाबालिग अपराधियों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष अलग से चार्जशीट दाखिल करेगी.
इसके अलावा चार्जशीट में तीन लोगों के नाम हैं जिन्हें कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है और फरार हैं। कुछ फरार लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। चार्जशीट के अनुसार आरोपियों ने 10 अप्रैल को ही 16 अप्रैल को आयोजित हनुमान जयंती के मौके पर हिंसा भड़काने की पहले से योजना बनाई थी। योजना के तहत कुछ छतों पर ईंटें और बोतलें रखी हुई थीं। गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से दंगों में प्रयुक्त कुल 15 तलवारें और पिस्तौलें भी बरामद की गई हैं।

पुलिस ने ये दावे व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के साथ हिंसा के 2,300 से अधिक सीसीटीवी और मोबाइल रिकॉर्ड किए गए फुटेज के आधार पर किए हैं। 
 

विस्तार

जहांगीरपुरी हिंसा मामले में रोहिणी अदालत ने माना है कि प्रथम दृष्टया यह साजिश थी। आरोपियों के खिलाफ साजिश, हत्या के प्रयास सहित अन्य धाराओं में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। अदालत ने बृहस्पतिवार को पुलिस के आरोपपत्र पर संज्ञान लेकर सभी आरोपियों को  6 अगस्त को पेश होने का निर्देश दिया है। मामला इस वर्ष 16 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव पर एक जुलूस के दौरान हुई हिंसा से जुड़ा है। 

पुलिस ने आरोपपत्र में कहा है कि हिंसा सीएए के विरोध-प्रदर्शन को ही आधार बनाकर की गई थी। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दीपिका सिंह ने सभी गवाहों के बयान व दस्तावेज का अध्ययन करने के बाद चार्जशीट पर संज्ञान लिया और आरोपियों के लिए प्रोडक्शन वारंट जारी किया है। आरोपपत्र में मोहम्मद अंसार और तबरेज अंसारी को मुख्य साजिशकर्ता बनाया गया है, वहीं तीसरा साजिशकर्ता इशराफिल फरार है। 

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 14 जुलाई को जहांगीरपुरी हिंसा के सिलसिले में 16 अप्रैल को चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने मामले में 37 गिरफ्तार और 8 फरार आरोपियों को नामजद किया है. इनके अलावा चार्जशीट में दो नाबालिगों का भी नाम है।

दिल्ली पुलिस ने धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), धारा 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य), धारा 186 आईपीसी (किसी भी लोक सेवक को अपनी जनता के निर्वहन में स्वेच्छा से बाधा डालना), धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) धारा 332 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से रोकने के लिए स्वेच्छा से चोट पहुँचाना), धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुँचाने की सजा) धारा 436 (आग से शरारत करना) या विस्फोटक पदार्थ घर को नष्ट करने के इरादे से) धारा 147 (दंगा के लिए सजा) धारा 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस) धारा 149 (गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य सामान्य वस्तु के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी) और धारा 427 ( भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की शरारत और शस्त्र अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत नुकसान पहुंचाने के आरोप में आरोपपत्र दायर किया था।

दिल्ली पुलिस नाबालिग अपराधियों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष अलग से चार्जशीट दाखिल करेगी.

इसके अलावा चार्जशीट में तीन लोगों के नाम हैं जिन्हें कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया है और फरार हैं। कुछ फरार लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया है। चार्जशीट के अनुसार आरोपियों ने 10 अप्रैल को ही 16 अप्रैल को आयोजित हनुमान जयंती के मौके पर हिंसा भड़काने की पहले से योजना बनाई थी। योजना के तहत कुछ छतों पर ईंटें और बोतलें रखी हुई थीं। गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से दंगों में प्रयुक्त कुल 15 तलवारें और पिस्तौलें भी बरामद की गई हैं।

पुलिस ने ये दावे व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल रिकॉर्ड के साथ हिंसा के 2,300 से अधिक सीसीटीवी और मोबाइल रिकॉर्ड किए गए फुटेज के आधार पर किए हैं। 

 



Source link

Enable Notifications OK No thanks