झारखंड: हाईकोर्ट ने 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान विवादास्पद टिप्पणी मामले में राहुल गांधी को दी राहत, जानें क्या था मामला?


सार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट ने तीन साल पुराने एक मामले में राहत दी है। मामला पीएम मोदी और अमित शाह के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने से जुड़ा है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है और याचिकाकर्ता को नोटिस जारी किया है।

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झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित विवादास्पद टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। दरअसल, झारखंड के चाईबासा में 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है और याचिकाकर्ता प्रताप कुमार को नोटिस जारी किया है। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।

अदालत ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता कौशिक सरखेल और पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि राहुल गांधी ने अमित शाह और भाजपा के खिलाफ बयान दिया था। इससे प्रार्थी की भावना को किसी प्रकार से ठेस नहीं पहुंची है। इसलिए उनकी शिकायत और कोर्ट की कार्रवाई को निरस्त किया जाए। अदातल को बताया कि मामले में निचली अदालत ने जमानतीय वारंट जारी किया है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता प्रताप कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

क्या था मामला?

भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कथित रूप से विवादित बयान दिया था। कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा एक हत्या के आरोपित को अपना अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कभी नहीं हो सकता है। इस मामले में चाईबासा अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था। इस मामले में चाईबासा के भाजपा नेता प्रताप कुमार ने निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था।

विस्तार

झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित विवादास्पद टिप्पणी मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है। दरअसल, झारखंड के चाईबासा में 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित विवादास्पद टिप्पणी के लिए निचली अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ वारंट जारी किया था। राहुल गांधी ने निचली अदालत के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। 

जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए राहुल गांधी के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है और याचिकाकर्ता प्रताप कुमार को नोटिस जारी किया है। साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का भी निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी।

अदालत ने याचिकाकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा

सुनवाई के दौरान राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता कौशिक सरखेल और पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि राहुल गांधी ने अमित शाह और भाजपा के खिलाफ बयान दिया था। इससे प्रार्थी की भावना को किसी प्रकार से ठेस नहीं पहुंची है। इसलिए उनकी शिकायत और कोर्ट की कार्रवाई को निरस्त किया जाए। अदातल को बताया कि मामले में निचली अदालत ने जमानतीय वारंट जारी किया है। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता प्रताप कुमार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

क्या था मामला?

भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ जनहित याचिका दायर की गई थी। राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कथित रूप से विवादित बयान दिया था। कांग्रेस के अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि भाजपा एक हत्या के आरोपित को अपना अध्यक्ष बना सकती है, लेकिन कांग्रेस में ऐसा कभी नहीं हो सकता है। इस मामले में चाईबासा अदालत ने राहुल गांधी के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी किया था। इस मामले में चाईबासा के भाजपा नेता प्रताप कुमार ने निचली अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था।



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