Karnataka: कर्नाटक में पकड़े गए आतंकियों से मिली सनसनीखेज जानकारियां, आत्मघाती हमला करने की थी योजना


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कर्नाटक में पकड़े गए दो आतंकियों से पूछताछ के दौरान जांच एजेंसियों को सनसनीखेज जानकारियां मिली हैं। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी अल कायदा में शामिल होकर आत्मघाती हमलावर के रूप में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते थे। उनका मकसद भारत में हिंदुओं पर हमला करके उन्हें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था।

मामले में आगे की जांच एनआईए करेगी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए आतंकी (Terrorist) अख्तर हुसैन लश्कर और जुबा मुस्लिमों के साथ भाईचारा दिखाने के लिए आत्मघाती हमलावर  (suicide bomber) बनकर हमले करना चाहते थे। दोनों का मानना है कि भारत में मुस्लिमों के साथ तीसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार हो रहा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि दोनों आतंकी मैसेजिंग एप स्नैपचैट (Snapchat) के जरिये अल कायदा के आतंकियों के संपर्क में थे। वे सऊदी अरब और अफगानिस्तान में मौजूद अल कायदा (Al Qaeda) के नेटवर्क से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में जिस तरह के साक्ष्य मिले हैं उनसे मामले की आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने का फैसला लिया गया है। एनआईए की टीम जल्द ही कर्नाटक आएगी और दोनों आतंकियों से पूछताछ करेगी।

टेलीग्राम के जरिये मुस्लिम युवाओं को कर रहे थे संगठित
राज्य स्तरीय एजेंसियों को पूछताछ में पता चला है कि दोनों आतंकी इंटरनेट मीडिया एप टेलीग्राम के जरिये मुस्लिम युवाओं को संगठित कर रहे थे और उन्हें तोड़फोड़ की गतिविधियों के लिए उकसाने की कोशिश में थे। वे कर्नाटक में हिजाब प्रकरण के चलते पैदा हुई कटुता का फायदा उठाने की कोशिश में थे। पुलिस का कहना है कि अख्तर हुसैन का संबंध असम के तेलितिकर गांव से जुड़ा है। वह सामाजिक वैमनस्यता फैलाने के उद्देश्य से बेंगलुरु आया था और उसने कुछ महीनों में चार बार ठिकाने बदले थे। ऐसा वह खुद को पुलिस और लोगों की नजरों से बचाने के लिए करता था।

वह बेंगलुरु के संवेदनशील और वाणिज्यिक स्थानों की खुफियागीरी कर रहा था और उनसे जुड़ी सूचनाएं जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को देता था। अख्तर हुसैन के वर्तमान आवास से स्वामी विवेकानंद की एक तस्वीर मिली है। पुलिस को वहां से जिहाद और गले में फंदा डालकर मारने की तकनीक पर आधारित कई किताबें भी मिली हैं। पुलिस ने दोनों के पास मिले तीन मोबाइल फोन को डाटा रिकवर करने के लिए फारेंसिक लेबोरेटरी में भेजा है।

विस्तार

कर्नाटक में पकड़े गए दो आतंकियों से पूछताछ के दौरान जांच एजेंसियों को सनसनीखेज जानकारियां मिली हैं। बताया जा रहा है कि दोनों आतंकी अल कायदा में शामिल होकर आत्मघाती हमलावर के रूप में बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देना चाहते थे। उनका मकसद भारत में हिंदुओं पर हमला करके उन्हें ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाना था।

मामले में आगे की जांच एनआईए करेगी

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए आतंकी (Terrorist) अख्तर हुसैन लश्कर और जुबा मुस्लिमों के साथ भाईचारा दिखाने के लिए आत्मघाती हमलावर  (suicide bomber) बनकर हमले करना चाहते थे। दोनों का मानना है कि भारत में मुस्लिमों के साथ तीसरे दर्जे के नागरिकों जैसा व्यवहार हो रहा है। अभी तक की जांच में पता चला है कि दोनों आतंकी मैसेजिंग एप स्नैपचैट (Snapchat) के जरिये अल कायदा के आतंकियों के संपर्क में थे। वे सऊदी अरब और अफगानिस्तान में मौजूद अल कायदा (Al Qaeda) के नेटवर्क से संपर्क स्थापित करने की कोशिश में थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में जिस तरह के साक्ष्य मिले हैं उनसे मामले की आगे की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने का फैसला लिया गया है। एनआईए की टीम जल्द ही कर्नाटक आएगी और दोनों आतंकियों से पूछताछ करेगी।

टेलीग्राम के जरिये मुस्लिम युवाओं को कर रहे थे संगठित

राज्य स्तरीय एजेंसियों को पूछताछ में पता चला है कि दोनों आतंकी इंटरनेट मीडिया एप टेलीग्राम के जरिये मुस्लिम युवाओं को संगठित कर रहे थे और उन्हें तोड़फोड़ की गतिविधियों के लिए उकसाने की कोशिश में थे। वे कर्नाटक में हिजाब प्रकरण के चलते पैदा हुई कटुता का फायदा उठाने की कोशिश में थे। पुलिस का कहना है कि अख्तर हुसैन का संबंध असम के तेलितिकर गांव से जुड़ा है। वह सामाजिक वैमनस्यता फैलाने के उद्देश्य से बेंगलुरु आया था और उसने कुछ महीनों में चार बार ठिकाने बदले थे। ऐसा वह खुद को पुलिस और लोगों की नजरों से बचाने के लिए करता था।

वह बेंगलुरु के संवेदनशील और वाणिज्यिक स्थानों की खुफियागीरी कर रहा था और उनसे जुड़ी सूचनाएं जम्मू-कश्मीर के आतंकी संगठनों को देता था। अख्तर हुसैन के वर्तमान आवास से स्वामी विवेकानंद की एक तस्वीर मिली है। पुलिस को वहां से जिहाद और गले में फंदा डालकर मारने की तकनीक पर आधारित कई किताबें भी मिली हैं। पुलिस ने दोनों के पास मिले तीन मोबाइल फोन को डाटा रिकवर करने के लिए फारेंसिक लेबोरेटरी में भेजा है।



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