बेंगलुरू. कर्नाटक में सफाई कर्मचारियों और निगम कर्मियों की लंबे अरसे से चली आ रही मांग को मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने स्वीकार कर लिया है. एएनआई के मुताबिक, उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार ऐसे पौराकार्मिकों को नियमित करेगी, जो डायरेक्ट पेमेंट सिस्टम पर काम करते हैं. उन्हें सामाजिक सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. इसके अलावा उनके बच्चों की शिक्षा में सहायता भी दी जाएगी. इसके लिए विधानसभा के आगामी सत्र में आवश्यक नियमों को मंजूरी दिलाई जाएगी.
पौराकार्मिकों को कर्नाटक के शहरों में सफाई व्यवस्था की अग्रिम पंक्ति माना जाता है. इनमें सफाई कर्मचारियों के अलावा, घरों से कचरा जमा करने वाले, अंडरग्राउंड ड्रेनेज सिस्टम को साफ करने वाले, ड्राइवर और लोडर भी शामिल हैं. अपनी बरसों पुरानी मांग को पूरा न होते देख शुक्रवार को इन्होंने हड़ताल कर दी थी. सभी जिलों में डिप्टी कमिश्नरों के दफ्तरों के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इन निगम कर्मियों की मांग है कि उन्हें काम के लिए सम्मानजनक सुविधाएं प्रदान की जाएं, सेफ्टी उपकरण उपलब्ध कराए जाएं, दैनिक कर्मचारियों को नियमित किया जाए, सामाजिक कल्याण की सुविधाएं दी जाएं और रिटायरमेंट के बाद भत्ते आदि दिए जाएं.
द हिंदू की रिपोर्ट बताती है कि सफाई कर्मचारियों के लंबी लड़ाई के बाद राज्य सरकार ने 2017-18 में सफाई कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश जारी कर दिया था. लेकिन अब तक 54,512 कर्मचारियों में से 10,755 को ही परमानेंट किया गया है. बाकी कर्मचारी बिना सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के रोजी रोटी कमाने पर मजबूर हैं.
मार्च 2017 में सिद्धारमैया सरकार के कार्यकाल में पौराकार्मिकों का कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम खत्म करके उन्हें डायरेक्ट पेमेंट सिस्टम के तहत लाया गया था. हालांकि उस दौरान पौराकार्मिकों की भर्ती के स्पेशल नियम बना दिए गए थे, जिसके तहत सिर्फ सड़कों की सफाई करने वालों को ही पौराकार्मिक माना गया. नाली साफ करने वाले, कचरा उठाने वाले, ट्रक ड्राइवर, लोडर और हेल्परों को ठेका सिस्टम में ही रखा गया. 30-35 साल की सेवा के बावजूद उन्हें महज 14 हजार रुपये महीना ही दिए जाते हैं. अलग से कोई सुविधाएं भी नहीं मिलतीं. ये लोग इसी का विरोध कर रहे थे.
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Tags: Basavaraj Bommai, Karnataka
FIRST PUBLISHED : July 02, 2022, 14:08 IST