Khuda Haafiz 2: बड़बोले KRK ने ‘खुदा हाफिज 2’ देखकर कहा – आ थू! विद्युत जामवाल को बताया ‘गरीबों का टाइगर श्रॉफ’


विद्युत जामवाल की ‘खुदा हाफिज 2 अग्‍न‍िपरीक्षा’ ने जहां एक ओर बॉक्‍स ऑफिस पर पहले दिन निराश किया है, वहीं दूसरी ओर कमाल आर खान ने कुछ ऐसी बातें कही हैं, जो एक्‍टर के फैंस को पसंद नहीं आएंगी। अपने बड़बोलेपन के लिए मशहूर केआरके हर नई फिल्‍म का यूट्यूब पर रिव्‍यू करते हैं। शुक्रवार को रिलीज ‘खुदा हाफिज 2’ का भी उन्‍होंने रिव्‍यू किया है। लेकिन इसी बहाने ट्विटर पर अपनी आदत से मजबूर केआरके ने फिल्‍म, इसके प्रोड्यूसर कुमार मंगत और विद्युत जामवाल के बारे में ऐसी बातें कही हैं, जो किसी को भी अच्‍छी नहीं लगेंगी। केआरके ने फिल्‍म पर ‘थूकते’ हुए विद्युत जामवाल को ‘गरीबों का टाइगर श्रॉफ’ बताया है।

ज्‍यादा दिन नहीं हुए जब Kamaal R Khan को अपने इसी बड़बोलेपन के कारण कोर्ट-कचहरी के चक्‍कर काटने पड़े थे। ट्विटर पर 5 मिलियन से अध‍िक फॉलोअर्स वाले केआरके खुद को नंबर-1 क्रिटिक बताते हैं। Khuda Haafiz 2 देखने सिनेमाघर पहुंचे KRK ने फिल्‍म शुरू होने से पहले ही खाली थ‍िएटर की फोटो पोस्‍ट करते हुए लिखा, ‘अब गरीबों के टाइगर सी ग्रेड एक्‍टर विद्युत की फिल्‍म खुदा हाफिज 2 देख रहा हूं। इस छोटे से थ‍िएटर में अकेला हूं। इस छोटे थि‍एटर में सिर्फ दो शोज हैं फिल्‍म के एक 10 बजे सुबह और एक 5 बजे शाम को। दोस्‍तों देख लो आपके लिए मुझे क्‍या-क्‍या देखना पड़ता है।’

केआरके यही नहीं रुके। फिल्‍म देखते हुए उन्‍होंने अगला ट्वीट किया और उसमें Vidyut Jammwal और कुमार मंगत को ट्रोल करते हुए लिखा, ‘ये क्‍या मजाक चल रहा है। कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। भाई कुमार मंगत खुदा हाफिज चैप्‍टर 2 जैसी फिल्‍म आज के वक्‍त में कौन बनाता है। आप बॉलीवुड वाले इतने मजाक के मूड में क्‍यों हो भाई।’

अब कमाल आर खान हैं तो जाहिर हैं ट्विटर पर लोगों ने उन्‍हें भी ट्रोल किया। किसी ने उन्‍हें ‘देशद्रोही’ की याद दिलाई तो किसी ने सलमान खान के मानहान‍ि केस की। लेकिन केआरके कहां थमने वाले थे। उन्‍होंने अगला ट्वीट किया। लिखा, ‘इंटरवल हो चुका है और खुदा हाफिज 2 जो है वो 2 रुपये की फिल्‍म है अभी तक। इस फिल्‍म की क्‍वालिटी राजस्‍थानी फिल्‍मों से भी बेकार है। भोजपुरी फिल्‍मों की क्‍वालिटी इससे 10 गुना बेहतर है। मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि जी5 वालों ने इसे 42 करोड़ रुपये में खरीदा है।’

फिल्‍म का अच्‍छा लगना या बुरा लगना अपनी जगह है और यह हर दर्शक के लिए अलग-अलग होता है। लेकिन केआरके ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मेरे पास इस फिल्‍म खुदा हाफिज 2 का रिव्‍यू करने के लिए शब्‍द नहीं हैं। अच्‍छा या बुरा के बारे में भूल जाइए। मेरा सवाल तो ये है कि आज के समय में कोई ऐसी फिल्‍म कैसे बना सकता है? इस वाहियात फिल्‍म की तुलना में धाकड़ और ओम तो शोले और मुगल-ए-आजम जैसी हैं। आ थू। इस फिल्‍म के मेकर्स को खुद पर शर्म आनी चाहिए।’

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