काम की बात : बढ़ती ब्याज दरों के बीच फिक्स्ड और फ्लोटिंग होम लोन में से क्या है बेहतर, समझें


नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते रेपो रेट में और 50 बेसिस पॉइंट्स की वृद्धि कर दी. 50 बेसिस पॉइंट्स का आशय 0.50 फीसदी से है. एक महीने से भी कम समय में यह दूसरी दर वृद्धि की गई है और बाजार विशेषज्ञों का अनुमान है कि दरों में आगे भी वृद्धि देखने को मिलेगी.

बढ़ती ब्याज दरों ने फिक्स्ड रेट होम लोन पर लोगों का ध्यान दोबारा आकर्षित किया है. क्योंकि, रेपो रेट में वृद्धि के साथ-साथ होम लोन भी महंगा होता जा रहा है. फिक्स्ड रेट लोन में जो ईएमआई शुरू में तय हो जाती है वही इंस्टॉलमेंट पूरी होने तक चलती है. जबकि फ्लोटिंग रेट लोन आर्थिक कारकों के आधार पर समय-समय पर संशोधित होते हैं.

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क्या है फिक्स्ड रेट का लाभ

फिक्स्ड ईएमआई में कर्ज लेने वाले को ठीक-ठीक पता होता है कि वे लोन की अवधि और ईएमआई के जरिए क्या भुगतान करेंगे. इसके अलावा अगर रेट में वृद्धि होती भी है तो उसका प्रभाव ऋण प्राप्तकर्ता के मासिक बजट पर नहीं होता है. हालांकि, विशेषज्ञों के अनुसार, फायदे के मुकाबले इसके नुकसान अधिक हैं.

फिक्स्ड रेट के नुकसान

विशेषज्ञों का कहना है कि फिक्स्ड रेट लोन में ब्याज दर आमतौर पर फ्लोटिंग रेट लोन की तुलना में अधिक होती है. MyMoneyMantra.com के मैनेजिंग डायरेक्टर राज खोसला ने कहा है, “फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट स्कीम का नुकसान यह है कि उन पर प्री-पेमेंट पेनल्टी लगती है और ये अधिक महंगी होती हैं.” फिक्स्ड रेट लोन पर ब्याज फ्लोटिंग रेट लोन की तुलना में 300-350 बीपीएस तक अधिक हो सकता है. इसके अलावा फिक्स्ड रेट लोन वाले उधारकर्ताओं को ब्याज दरों में गिरावट का भी फायदा नहीं होता है जैसा कि पिछले 40-48 महीनों में हुआ था.

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क्या करें ऋण प्राप्तकर्ता

विशेषज्ञों के अनुसार, कर्ज लेने वाले लोगों को सेमी-फिक्स्ड ब्याज दर का लाभ उठाना चाहिए. राज खोसला कहते हैं, “ग्राहकों पहले दो वर्षों के लिए एक निश्चित ब्याज दर चुन सकते हैं, जिस दौरान उन्हें ब्याज दरों में वृद्धि का अनुमान है. इसके बाद वह फ्लोटिंग रेट पर स्विच कर सकते हैं.” अगर फ्लोटिंग रेट लोन वाले कर्जदार फिक्स्ड रेट्स पर स्विच करने की योजना बना रहे हैं, तो वे ऐसा तभी करें जब उन्हें ऑफर किया जा रहा फिक्स्ड रेट उनके मौजूदा फ्लोटिंग रेट से 200 बीपीएस से अधिक न हो. एक अन्य विशेषज्ञ अमित सूरी कहते हैं कि यदि किसी उधार प्राप्तकर्ता की ऋण अवधि पूरी होने में 2-3 वर्ष शेष बचे हैं और उन्हें अपनी मौजूदा फ्लोटिंग रेट से 100-150 बीपीएस अधिक एक फिक्स्ड रेट मिल रहा है तो उन्हें स्विच करना चाहिए. उनका कहना है कि अगले कुछ समय में ब्याज दरों में 150 बीपीएस से अधिक की वृद्धि होने का अनुमान है.

Tags: Bank interest rate, Home loan EMI

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