जानिए क्या है लाइफ इंश्योरेंस और जेनरल इंश्योरेंस के बीच अंतर, कैसे चुनें बेहतर बीमा पॉलिसी?


नई दिल्ली. बीमा एक इंश्योरेंस प्रोवाइडर और एक व्यक्ति या संस्था के बीच एक कॉनट्रैक्ट है, जिसका मकसद संकट के समय में इंश्योरेंस खरीदने वाले को सुरक्षा और वित्तीय सहायता प्रदान करना है. बाजार में कई तरह के इंश्योरेंस हैं. इनमें से अपनी जरूरत के मुताबिक आप कोई भी बीमा चुन सकते हैं, तो आइए आज आपको जेनरल इंश्योरेंस और लाइफ इंश्योरेंस के बारे में बताते हैं. इन दोनों के अपने-अपने महत्व और फायदें हैं.

क्या है लाइफ इंश्योरेंस?
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, इंश्योरेंस प्रोवाइडर्स और बीमा पॉलिसी खरीदने वाले के बीच एक समझौता है. इसके तहत बीमा कंपनी बीमित व्यक्ति के जीवन को कवर करती है. अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसी खरीदने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो उसके द्वारा नामित लाभार्थी को बीमे के रकम दे दी जाती है. यह इंश्योरेंस आमतौर पर बीमा खरीदने वाली की अकाल मृत्यु की स्थिति में उसके परिवार को सपोर्ट देने के लिए किया जाता है.

क्या है जेनरल इंश्योरेंस?
जेनरल इंश्योरेंस एक खास संपत्ति को लेकर इंश्योरेंस प्रोवाइडर और बीमा पॉलिसी खरीदने के वाले के बीच होने वाला एक कॉन्ट्रैक्ट है. इस इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट के तहत बीमा कंपनी, इंश्योरेंस की गई संपत्ति को होने वाले नुकसान की भरपाई करती है. जेनरल इंश्योरेंस में कार इंश्योरेंस, होम इंश्योरेंस, ट्रेवल इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस आदि शामिल हैं. यह पॉलिसी कई आधार पर अलग हो सकती हैं. लाइफ इंश्योरेंस किसी व्यक्ति के लाइफ रिस्क को कवर करता है, जबकि जेनरल इंश्योरेंस नॉन लाइफ ऐसेट जैसे कि वाहन, घर, स्वास्थ्य आदि को कवर करता है.

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नेचर के आधार पर बीमा
जेनरल इंश्योरेंस नुकसान के आधार पर काम करता है. यानि, यह नुकसान के आधार पर उसकी भरपाई करता है. वहीं लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी को बीमाधारक के परिवार की सुरक्षा के लिए एक प्रकार का निवेश माना जाता है. लाइफ इंश्योरेंस के लिए मुआवजे का भुगतान या तो मैच्योरिटी पूरी होने पर किया जाता है या मृत्यु की स्थिति में किया जाता है.

प्रीमियम आधारित इंश्योरेंस
जीवन बीमा पॉलिसियों का प्रीमियम निश्चित होता है और यह पॉलिसीधारक द्वारा चुनी गई कवर राशि पर आधारित होता है. दूसरी ओर जेनरल बीमा पॉलिसियों के लिए प्रीमियम संपत्ति की स्थिति और मूल्य के आधार पर अलग-अलग होता है. जैसे कि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम किसी व्यक्ति की उम्र, जीवन शैली और कई अन्य फैक्टर पर निर्भर करता है.

सम इंश्योर्ड और सम एश्योर्ड
सम इंश्योर्ड वह राशि है, जो जेनरल इंश्योरेंस के तहत संपत्ति को नुकसान होने पर पॉलिसीहॉल्डर को भुगतान की जाती है, जबकि सम एश्योर्ड वह राशि है, जिसका भुगतान लाइफ इंश्योरेंस खरीदने वाले या उसके परिवार को कंपनी द्वारा क्लैम किए जाने के बाद किया जाता है. यह राशि फिक्स होती है.

टेन्योर के आधार पर
जीवन बीमा पॉलिसियां लंबी अवधि के लिए होती हैं. इसके विपरीत, जेनरल इंश्योरेंस का कॉन्ट्रैक्ट शॉर्ट टर्म के लिए होता है और पॉलिसीधारक की इच्छा के अनुसार इसे आगे बढ़ाया जा सकता है.

इंश्योरेंस के लाभार्थी
जेनरल इंश्योरेंस में पॉलिसी का लाभ बीमित व्यक्ति को खुद मिलता है, जबकि लाइफ इंश्योरेंस के मामले में क्लैम का लाभ अनुबंध के आधार पर पॉलिसीधारक द्वारा नामित परिवार के सदस्य को मिलता है.

बीमा कंपनियां अलग-अलग तरह की बीमा पॉलिसी की पेशकश करती हैं. ऐसे में कोई भी पॉलिसी खरीदने से पहले पॉलिसी के की शर्तों और नियमों के समझना बेहद जरूरी है, जिससे आप अपनी जरूरत के हिसाब से पॉलिसी का चयन कर सकते हैं.

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Tags: Life Insurance, Life Insurance Corporation of India (LIC)

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