आमिर खान और ‘लाल सिंह चड्ढा’ का विवादों से पुराना नाता रहा है। जी हां, सोशल मीडिया पर बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ को बायकॉट करने की मांग आज से नहीं उठ रही है। बल्कि नेटिजन्स द्वारा दो साल पहले भी ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा चुका है। अब सवाल यह उठता है कि 2020 में ऐसा क्या हुआ था जिसकी वजह से सोशल मीडिया पर ‘हैशटैग बायकॉट लाल सिंह चड्ढा’ वाले ट्वीट्स का सैलाब आ गया था। आइए जानते हैं…
क्या था पूरा मसला?
दरअसल, आज से दो साल पहले आमिर खान ने इस्तांबुल में राष्ट्रपति निवास, ह्यूबर मेंशन में तुर्की की प्रथम महिला एमिन एर्दोगन से मुलाकात की थी। एक रिपोर्ट के अनुसार, आमिर खान ने बैठक के दौरान तुर्की में ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग और भारत में उनके और उनकी पत्नी किरण राव द्वारा स्थापित विभिन्न सामाजिक जिम्मेदारी परियोजनाओं (सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोजेक्ट) पर चर्चा की थी।
सोशल मीडिया पर मचा तहलका
15 अगस्त को ही तुर्की की प्रथम महिला एमिन एर्दोगन सोशल मीडिया पर आमिर खान के साथ तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा था, “मुझे इस्तांबुल में विश्व प्रसिद्ध भारतीय अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक आमिर खान से मिलकर बहुत खुशी हुई। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आमिर ने अपनी नवीनतम फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ की शूटिंग तुर्की के विभिन्न हिस्सों में पूरी करने का फैसला किया है।” इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। फोटोज वायरल होने लगीं।
लोगों ने खाईं कसमें
सोशल मीडिया पर हैशटैग बायकॉट आमिर खान ट्रेंड होने लगा। लोग ‘लाल सिंह चड्ढा’ का बहिष्कार करने की मांग करने लगे। नेटिजन्स उनकी फिल्मों को कभी न देखने की कसमें खाने लगे।
तुर्की की प्रथम महिला से आमिर की मुलाकात पर क्यों हुआ विवाद?
तुर्की की प्रथम महिला एमिन एर्दोगन के पति यानी तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन के भारत के साथ अच्छे संबंध नहीं रहे हैं। फरवरी 2020 में, एर्दोगन ने नई दिल्ली में दंगों के बाद भारत की आलोचना की थी। इसी साल 14 फरवरी को एर्दोगन ने कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान का समर्थन किया था।