प्रोटीन की कमी है बच्चे के कुपोषण की बड़ी वजह, जानिए इसके अन्य कारण


Malnutrition in Children: एक स्वस्थ शरीर के लिए पौष्टिक और संतुलित आहार बेहद जरूरी होता है. आहार ही शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति करता है और बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है. बात छोटे बच्चों की हो तो खान-पान से जुड़ी बातों का अधिक ध्यान रखना जरूरी होता है. बच्चों को दिए जाने वाले आहार और पोषक तत्व संतुलित मात्रा में होने आवश्यक है. पोषक तत्वों की कमी बच्चो को कुपोषण का शिकार बना सकती है, वहीं पोषक तत्वों की अधिकता बच्चों में मोटापे और अधिक वजन की समस्या को पैदा कर सकती है. बच्चों के बेहतर विकास के लिए कैल्शियम, पोटेशियम, प्रोटीन, विटामिन और फाइबर जैसे कई पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है. इन पोषक तत्वों की कमी से ही बच्चों की विकास प्रक्रिया प्रभावित होती है.

मेडिकल न्यूज टुडे के अनुसार सामान्य रूप से कुपोषण के कोई खास लक्षण नजर नहीं आते हैं लेकिन कई बार स्थिति गंभीर होने पर हर समय थकान, चक्कर आना, उम्र के हिसाब से वजन बहुत कम होना जैसी चीजें कुपोषण के लक्षण हो सकते हैं.

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कुपोषण के कारण

– पोषक आहार की कमी
कुपोषण का एक मुख्य कारण पौष्टिक आहार की कमी होता है, बच्चे कई जरूरी और पौष्टिक तत्वों को अक्सर स्वाद रहित होने के कारण नहीं खाते हैं, और जंक फूड खाने से केवल बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. इसीलिए बच्चो को शुरू से फल और हरी सब्जियों की आदत डाल सकते हैं.

– स्वच्छता की कमी
खराब वातावरण और स्वच्छता को भी कुपोषण का एक अहम कारण माना जाता है,जिसके कारण कई घातक और संक्रामक बीमारियां बच्चों को आसानी से शिकार बना सकती हैं.

– पाचन संबंधित समस्याएं
पाचन संबंधित समस्याएं जैसे डायरिया की स्थिति बच्चों में होना आम है, लेकिन डायरिया अगर लंबे समय तक चलकर कुपोषण का कारण हो सकता है.क्योंकि इससे बच्चों की पाचन क्रिया प्रभावित होती है और सभी पोषक तत्वों का अवशोषण नहीं हो पाता है जिससे वह कुपोषित हो सकते हैं.

– खराब जीवनशैली के कारण
हर व्यक्ति की जीवन शैली शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण से संबंधित है. ऐसे में सही खान-पान, समय पर भोजन, सही समय पर सोना और जागना जैसी आदतों का पालन ना करने के कारण भी बच्चे कुपोषण का शिकार हो सकते हैं. आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में बच्चे ज्यादातर इसी कारण कुपोषित हो सकते हैं.

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कुपोषण के लक्षण-
कई बार बच्चों का शरीर उम्र के हिसाब से विकसित नहीं हो पाता है और वे अपनी उम्र के बच्चों से पीछे रह जाते हैं. बच्चों में कुपोषण के कई लक्षण हो सकते हैं जैसे; पेट से संबंधित संक्रमण या बीमारियां होना, हर समय गुस्सा और चिड़चिड़ापन होना, भूख ना लगना और पेट खराब रहना, सांस लेने में दिक्कत होना, छोटी हाईट और सामान्य बीमारियों का भी लंबे समय तक ठीक ना होना, उम्र के हिसाब से वजन कम होना आदि.

Tags: Food diet, Health, Kids

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