1 साल पहले खेल मंत्री का पद छोड़ा था, अब बच्चों को फ्री में क्रिकेट के गुर सिखा रहा दिग्गज


कोलकाता. राजनीति में वापसी से इनकार नहीं करते हुए पूर्व भारतीय ऑलराउंडर, पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री और अब कोच लक्ष्मी रतन शुक्ला ने कहा कि उन्होंने क्रिकेट के मैदान पर वापसी का फैसला किया है, क्योंकि इस खेल को काफी कुछ दे सकते हैं, जो उनके जीवन का पहला प्यार है. राज्य के पूर्व युवा सेवा एवं खेल मंत्री 42 साल के शुक्ला ने कहा कि राजनीति को छोड़ने का फैसला काफी मुश्किल था. लेकिन उन्होंने यह महसूस करने के बाद यह फैसला किया कि वह अब भी खेल को काफी कुछ दे सकते हैं.

शुक्ला ने अपने कोलकाता स्थित कार्यालय में पीटीआई से विशेष बातचीत के दौरान कहा,”मैंने महसूस किया कि इस खूबसूरत खेल को देने के लिए मेरे पास इतना कुछ है. मुझे पता है कि यह बंगाल की उभरती हुई प्रतिभा को निखारने का सही समय है.”

श्रीलंका के खिलाफ डेब्यू किया था
श्रीलंका के खिलाफ 1999 में भारत के लिए पदार्पण करने वाले शुक्ला हावड़ा और झाड़ग्राम में दो क्रिकेट एकेडमी चला रहे हैं, जहां बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी जाती है. हावड़ा में जन्मे शुक्ला ने प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 6217 रन बनाने के अलावा 172 विकेट भी चटकाए हैं.

आर्थिक तंगी क्रिकेट के आड़े आई: शुक्ला
शुक्ला ने कहा, “बाबा (पिताजी) मुझे और मेरे भाई को कोचिंग देते थे. लेकिन वित्तीय समस्या के कारण वे हमें एकेडमी में नहीं भेज पाए. बचपन से ही यह चीज मेरे जेहन में थी. इसलिए जब मुझे मौका मिला तो मैंने ये प्रशिक्षण केंद्र खोलने का फैसला किया.”

मैं बच्चों को फ्री में क्रिकेट के गुर सिखा रहा
उन्होंने कहा, “इन एकेडमी में कोचिंग के लिए बच्चों से कोई पैसा नहीं लिया जाता. मैं क्रिकेट के अपने ज्ञान को बच्चों के साथ साझा करके पैसा नहीं कमा सकता. खर्चे के लिए मैं बीसीसीआई से मिलने वाली पेंशन का इस्तेमाल करता हूं.” दोनों एकेडमी में 960 बच्चे कोचिंग लेते हैं.

बंगाल के इस पूर्व कप्तान ने हालांकि भविष्य में राजनीति में वापसी से इनकार नहीं किया. शुक्ला ने कहा कि वह अब भी राज्य में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य हैं, जिससे वह 2016 में जुड़े थे. उन्होंने जनवरी 2021 में मंत्री, विधायक और टीएमसी के हावड़ा जिला इकाई के अध्यक्ष के रूप में इस्तीफा दिया.

‘अभी मेरी प्राथमिकता क्रिकेट है’
शुक्ला ने कहा, “जब मैंने राजनीति छोड़ी तो लोग हैरान थे. इसमें कोई संदेह नहीं कि अगर मैं चुनाव लड़ता तो आसानी से कम से कम 50 हजार वोट से जीत जाता. मैं दोहराता हूं कि इस्तीफा देने का फैसला सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि मैं खेल और बच्चों के प्रशिक्षण पर अधिक ध्यान लगाना चाहता था. मेरी मौजूदा प्राथमिकता क्रिकेट है और कुछ नहीं. मुझे भविष्य के बारे में नहीं पता (दोबारा सक्रिय राजनीति से जुड़ने पर). कभी भी कुछ भी हो सकता है. मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि मेरे और दीदी (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) के बीच काफी मधुर रिश्ते हैं.”

Tags: Bengal, Cricket news, West bengal

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