नई दिल्ली. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे की टीम की सभी याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया और कहा कि चुनाव आयोग को यह तय करने दें कि असली शिवसेना किस गुट का है. अपने पास जरूरी संख्या होने का दावा करते हुए शिंदे ने यह भी कहा कि अदालतों को ‘बहुमत द्वारा लोकतांत्रिक तरीके से लिए गए’ पार्टी के आंतरिक फैसलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. ठाकरे गुट नहीं चाहता कि चुनाव आयोग शिवसेना को लेकर अभी फैसला करे.
पिछले सोमवार को ठाकरे गुट ने अदालत से कहा था कि वह चुनाव आयोग को शिंदे की अगुवाई वाले ‘बागी’ विधायकों की अयोग्यता की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला आने तक कोई निर्णय लेने से रोके. ‘असली शिवसेना कौन है’ का सवाल पहले से ही चुनाव आयोग के पास है, जिसने 8 अगस्त तक दोनों पक्षों से सबूत मांगे हैं, जिसके बाद वह मामले की सुनवाई करेगी. यहां शिंदे और ठाकरे दोनों असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं. दरअसल, चुनाव आयोग ही किसी पार्टी को मान्यता देती है.
मुख्यमंत्री शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि चुनाव आयोग को तय करने दिया जाए कि शिवसेना का असली वारिस कौन है. शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उनका गुट ही असली शिवसेना है. पिछली सुनवाई में उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव आयोग की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है, जबकि शिंदे गुट ने इस याचिका के जवाब में कहा है कि चुनाव आयोग की कार्यवाही में कोर्ट फिलहाल दखल न दे.
एकनाथ शिंदे ग्रुप ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल कर खुद को असल शिवसेना घोषित करने की मांग की है. इस पर चुनाव आयोग की कार्यवाही जारी है. उद्धव ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा है कि जब तक ‘बागी’ विधायकों की अयोग्यता पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला नही आ जाता तब तक चुनाव आयोग को कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिए. उधर शिंदे ने अपने जवाब में कहा है कि ठाकरे के साथ सिर्फ 15 विधायक हैं, जबकि उनके समर्थन में 39 एमएलए हैं और इसलिए अदालत इस मामले में दखल न दे क्योंकि अगर अदालत हस्तक्षेप करने से पार्टी के अंदर लोकतंत्र कमजोर होगा.
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तब तत्कालीन डेप्युटी स्पीकर ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्यता का नोटिस जारी किया था. अभी ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. शीर्ष न्यायालय को तय करना है कि वो विधायक अयोग्य हुए या नहीं. इसीलिए ठाकरे गुट चाहता है कि पार्टी की मान्यता से पहले विधायकों की अयोग्यता का मामला तय होना चाहिए.
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Tags: Eknath Shinde, Shiv sena, Supreme Court, Uddhav thackeray
FIRST PUBLISHED : July 31, 2022, 21:56 IST