Reuters की रिपोर्ट के अनुसार, Merge को कई वर्ष पहले लॉन्च होना था लेकिन इसमें कई बार देरी हुई है। हालांकि, मार्केट से जुड़े लोगों को अब इसके जल्द लॉन्च होने की उम्मीद है। आगामी घटनाओं के होने पर स्टेबलकॉइन्स के साथ दांव लगाने का मौका देने वाली Polymarket पर इस अपग्रेड के अक्टूबर तक होने पर 67 प्रतिशत और सितंबर तक पर लगभग 13 प्रतिशत ने दांव लगाया है। Ethereum Foundation ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि यह मौजूदा वर्ष की तीसरी या चौथी तिमाही तक हो सकता है। अपग्रेड में देरी का असर Ether के प्राइस पर भी पड़ रहा है।
वैल्यू के लिहाज से इस दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस अप्रैल में 3,500 डॉलर से गिरकर लगभग 1,200 डॉलर पर पहुंच गया है। अपग्रेड से stETH कहे जाने वाले क्रिप्टो डेरिवेटिव टोकन के इनवेस्टर्स को भी राहत मिल सकती है। डेवलपर्स इथेरियम के माइनिंग प्रोटोकॉल को उसके मौजूदा ‘प्रूफ ऑफ वर्क’ (PoW) मॉडल से ‘प्रूफ ऑफ स्टेक’ (PoS) में दोबारा कोड कर रहे हैं।
इस अपग्रेड से Ethereum की इलेक्ट्रिसिटी की खपत 99 प्रतिशत तक घटने की उम्मीद है। Ethereum माइनर्स को ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शंस का ऑर्डर देने के लिए बड़े सर्वर फार्म्स का इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे इलेक्ट्रिसिटी की अधिक खपत होती है और कार्बन एमिशन बढ़ता है। एक अनुमान में बताया गया था कि Ethereum की एक ट्रांजैक्शन की इलेक्ट्रिसिटी का इस्तेमाल 1,40,893 वीजा क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शंस के बराबर है।
यह अपग्रेड होने के बाद Ethereum की ट्रांजैक्शन के लिए ऑर्डर stakers से दिया जाएगा। इस सिस्टम को प्रूफ ऑफ स्टेक कहा जाता है। क्रिप्टो एक्टिविटीज के कारण कुछ देशों में इलेक्ट्रिसिटी की कमी हुई थी। इस समस्या से निपटने के लिए चीन ने पिछले वर्ष क्रिप्टो माइनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ अन्य देशों में भी इसी कारण से क्रिप्टो माइनिंग का विरोध हो रहा है। अमेरिका के टेक्सस में पिछले वर्ष बिटकॉइन माइनिंग के कारण इलेक्ट्रिसिटी की सप्लाई में रुकावट आई थी। इसे लेकर टेक्सस के निवासियों ने विरोध प्रदर्शन भी किए थे।
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