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महाराष्ट्र विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल राकांपा, शिवसेना के दो-दो उम्मीदवार जीत हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा विपक्षी पार्टी भाजपा के चार उम्मीदवारों ने भी महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में जीत दर्ज की है। इससे पहले भाजपा के दो बीमार विधायकों द्वारा डाले गए वोटों पर कांग्रेस की आपत्ति को चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सोमवार शाम खारिज कर दिया था। इस वजह से करीब दो घंटे की देरी से मतगणना का रास्ता साफ हो सका।
दिनभर चले मतदान की समाप्ति के बाद शाम पांच बजे शुरू होने वाली मतगणना को तब रोक दिया गया था, जब कांग्रेस ने बीमार भाजपा विधायकों मुक्ता तिलक और लक्ष्मण जगताप द्वारा सहायकों की मदद से मतदान पर आपत्ति जताई और चुनाव अधिकारियों के सामने शिकायत दर्ज की। दोनों विधायक लंबे समय से अस्वस्थ हैं और भाजपा ने चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी कि उन्हें सहायकों की मदद से वोट डालने की अनुमति दी जाए।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि भाजपा के दो विधायकों तिलक और जगताप ने चुनाव आयोग के रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा, “अगर वे रजिस्टर पर हस्ताक्षर कर सकते थे, तो चुनाव के दौरान तरजीही मतपत्र भरने के लिए उनके साथ एक सहायक की आवश्यकता नहीं थी।”
हालांकि, एक अधिकारी ने बताया कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस द्वारा उठाई गई आपत्ति को खारिज कर दिया। दक्षिण मुंबई के विधानमंडल परिसर में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे के बीच 10 खाली एमएलसी सीटों के लिए मतदान हुआ। कुल मिलाकर 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। इन उम्मीदवारों में पांच भाजपा और महाविकास अघाड़ी के सहोयगी शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के दो-दो उम्मीदवार शामिल हैं। सभी 285 विधायकों ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा लिया।
शिवसेना नेता को ईडी का समन
ED ने कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब को तलब किया है। कल 21 जून को उन्हें एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया है।