राष्ट्रपति चुनाव : कांग्रेस को बैकफुट पर लाने की जोड़तोड़, विपक्ष में बिखराव का फायदा, चौंकाने की तैयारी में भाजपा


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देश का 15वां राष्ट्रपति कौन होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले राजग के लिए मैदान मारना महज औपचारिकता भर है। अहम सवाल यह है कि इस चुनाव में विपक्ष अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर पाएगा या नहीं। वह इसलिए कि इस चुनाव पर विपक्ष कांग्रेस और गैरराजग क्षेत्रीय दलों के बीच बंटता दिख रहा है। विपक्ष में संयुक्त उम्मीदवार उतारने के सिलसिले में अब तक बातचीत भी शुरू नहीं हुई है।

संख्या बल की बात करें तो भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास 48.9 फीसदी वोट हैं। बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार करने के लिए भाजपा की बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस से बातचीत अंतिम दौर में है।

दोनों दलों ने समर्थन दिया तो भाजपा के पास करीब 58 फीसदी वोट हो जाएंगे। भाजपा की ओर से कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है। हाल में उनकी ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात हुई है।

क्या करेगी भाजपा
माना जा रहा है कि मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ एकजुट करने की कोशिशों की काट के लिए सर्वोच्च पद के लिए इसी वर्ग से जुड़ी किसी शख्सियत को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस पद के लिए पहली बार अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति का नाम सामने आ सकता है।

कांग्रेस विपक्ष का उम्मीदवार उतारने की पक्षधर, संपर्क शुरू
नई दिल्ली। कांग्रेस इस बार फिर राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष का चेहरा उतारने की पक्षधर है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे को शरद पवार से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी रामनाथ कोविंद के खिलाफ मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया था। उस समय भी कांग्रेस को पता था कि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है। इस बार सीमित संख्या है ऐसे में इस बार भी अपने साथ सहयोगी दलों को शामिल करके ही कोई फैसला लेना चाहती है। ब्यूरो

ऐसे चुने जाते हैं भारत के राष्ट्रपति
राष्ट्रपति चुनाव में सभी निर्वाचित सांसद और विधायक वोट डालते हैं। इनके वोट का मूल्य अलग-अलग होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 है, जबकि विधायक के वोट का मूल्य उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर है। विधायकों और सांसदों के कुल वोट को मिलाकर निर्वाचक मंडल कहा जाता है।

  • 49 फीसदी मत हैं अभी एनडीए के पास
  • 01 फीसदी मतों की जरूरत है एनडीए गठबंधन को
  • 65 फीसदी  वोट मिले थे रामनाथ कोविंद को 2017 में
4809 निर्वाचक होंगे राष्ट्रपति के 16वें चुनाव में
राज्यसभा के चुने हुए सदस्य    233
लोकसभा के सभी सदस्य        543
सभी विधायक                      4033
कुल निर्वाचक                        4809

245 सदस्यों वाली राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद इस चुनाव में वोट नहीं डालते हैं।

विस्तार

देश का 15वां राष्ट्रपति कौन होगा, इस पर सस्पेंस बना हुआ है। चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाले राजग के लिए मैदान मारना महज औपचारिकता भर है। अहम सवाल यह है कि इस चुनाव में विपक्ष अपनी एकजुटता प्रदर्शित कर पाएगा या नहीं। वह इसलिए कि इस चुनाव पर विपक्ष कांग्रेस और गैरराजग क्षेत्रीय दलों के बीच बंटता दिख रहा है। विपक्ष में संयुक्त उम्मीदवार उतारने के सिलसिले में अब तक बातचीत भी शुरू नहीं हुई है।

संख्या बल की बात करें तो भाजपा की अगुवाई वाले राजग के पास 48.9 फीसदी वोट हैं। बहुमत का आंकड़ा आसानी से पार करने के लिए भाजपा की बीजू जनता दल और वाईएसआर कांग्रेस से बातचीत अंतिम दौर में है।

दोनों दलों ने समर्थन दिया तो भाजपा के पास करीब 58 फीसदी वोट हो जाएंगे। भाजपा की ओर से कमान गृह मंत्री अमित शाह ने संभाल ली है। हाल में उनकी ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात हुई है।

क्या करेगी भाजपा

माना जा रहा है कि मुस्लिम देशों को भारत के खिलाफ एकजुट करने की कोशिशों की काट के लिए सर्वोच्च पद के लिए इसी वर्ग से जुड़ी किसी शख्सियत को उम्मीदवार बनाया जा सकता है। एक संभावना यह भी जताई जा रही है कि इस पद के लिए पहली बार अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति का नाम सामने आ सकता है।

कांग्रेस विपक्ष का उम्मीदवार उतारने की पक्षधर, संपर्क शुरू

नई दिल्ली। कांग्रेस इस बार फिर राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्ष का चेहरा उतारने की पक्षधर है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मल्लिकार्जुन खरगे को शरद पवार से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस ने पिछले चुनाव में भी रामनाथ कोविंद के खिलाफ मीरा कुमार को उम्मीदवार बनाया था। उस समय भी कांग्रेस को पता था कि उनके पास पर्याप्त संख्या नहीं है। इस बार सीमित संख्या है ऐसे में इस बार भी अपने साथ सहयोगी दलों को शामिल करके ही कोई फैसला लेना चाहती है। ब्यूरो

ऐसे चुने जाते हैं भारत के राष्ट्रपति

राष्ट्रपति चुनाव में सभी निर्वाचित सांसद और विधायक वोट डालते हैं। इनके वोट का मूल्य अलग-अलग होता है। एक सांसद के वोट का मूल्य 708 है, जबकि विधायक के वोट का मूल्य उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर है। विधायकों और सांसदों के कुल वोट को मिलाकर निर्वाचक मंडल कहा जाता है।

  • 49 फीसदी मत हैं अभी एनडीए के पास
  • 01 फीसदी मतों की जरूरत है एनडीए गठबंधन को
  • 65 फीसदी  वोट मिले थे रामनाथ कोविंद को 2017 में


4809 निर्वाचक होंगे राष्ट्रपति के 16वें चुनाव में

राज्यसभा के चुने हुए सदस्य    233

लोकसभा के सभी सदस्य        543

सभी विधायक                      4033

कुल निर्वाचक                        4809

245 सदस्यों वाली राज्यसभा में 12 मनोनीत सांसद इस चुनाव में वोट नहीं डालते हैं।



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