NFT में Web3 कम्युनिटी के साथ ही मेटावर्स से जुड़ी इंडस्ट्री की दिलचल्पी भी बढ़ रही है। मास्टरकार्ड के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट Raj Dhamodharan ने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया, “मास्टरकार्ड के कार्ड्स का इस्तेमाल कर लोगों को NFT खरीदने का विकल्प देने के लिए हम इन फर्मों के साथ काम कर रहे हैं। दुनिया भर में लगभग 2.9 अरब मास्टकार्ड के कार्ड्स हैं और इसका NFT से जुड़े इकोसिस्टम पर बड़ा असर हो सकता है।” मास्टरकार्ड का लक्ष्य NFT खरीदने वालों के लिए क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल करने की जरूरत को समाप्त करना है।
मास्टरकार्ड की ओर से हाल ही में 40 देशों में 35,000 से अधिक लोगों के एक सर्वे में पता चला था कि इनमें से लगभग 45 प्रतिशत लोगों ने NFT खरीदे हैं या इसे खरीदने पर विचार करेंगे। इसके साथ ही ये लोग क्रेडिट या डेबिट कार्ड के इस्तेमाल से NFT खरीदने में दिलचस्पी रखते हैं। NFT में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यूनीक आइटम्स के टोकन्स को ऑथेंटिकेट किया जाता है जो दोबारा प्रोड्यूस किए जा सकने वाले डिजिटल एसेट्स से जुड़े होते हैं। इनमें आर्ट, म्यूजिक, इन-गेम आइटम्स और वीडियो शामिल हो सकते हैं। इनकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की जा सकती है लेकिन इन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता।
इस सेगमेंट में कारोबार बढ़ने के साथ ही स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है। ऐसे कुछ मामलों में NFT खरीदने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। अमेरिका में इस सेगमेंट से जुड़े धोखाधड़ी के कुछ बड़े मामलों का खुलासा हुआ है। इनमें कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। इन मामलों से इस सेगमेंट में ट्रेडिंग को लेकर आशंका बढ़ी है। NFT की लोकप्रियता में भी बढ़ोतरी हो रही है। स्पोर्ट्स क्लब, ऑटोमोबाइल कंपनियां और पॉप स्टार्स भी इस कारोबार में उतर रहे हैं। हाल ही में चीन में फाइनेंशियल और सिक्योरिटी ऑर्गनाइजेशंस ने NFT से जुड़े वित्तीय जोखिमों के खिलाफ चेतावनी दी थी। बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की स्क्रूटनी बढ़ाने पर जोर दिया है।
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