न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: शिव शरण शुक्ला
Updated Tue, 29 Mar 2022 10:59 PM IST
सार
दवा निर्माण के क्षेत्र में भारत धीरे-धीरे आत्मनिर्भर हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने मंगलवार को कहा कि देश में पीएलआई योजना को फार्मा कंपनियों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया ने कहा कि जल्द ही एपीआइ के आयात पर निर्भरता कम होगी।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एपीआइ के आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि एपीआइ निर्माण के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन रहा है। इसी का परिणाम है कि इसके आयात पर निर्भरता कम होगी। मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी कि एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रेडिएंट्स के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए दो साल पहले उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना चालू की गई थी।
इस योजना के तहत देश भर के 32 संयंत्रों में 35 एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रेडिएंट्स का निर्माण शुरू हो चुका है। ये रसायन उन 53 एपीआइ का हिस्सा हैं जिनके लिए भारत 90 फीसदी तक आयात पर निर्भर रहा है।
मंत्री मंडाविया ने कहा कि इससे दवा बनाने में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले इन रसायनों के लिये देश की आयात निर्भरता में कमी आएगी। साथ ही औषधि क्षेत्र के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना को फार्मा उद्योग से अच्छा समर्थन मिला है। इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भविष्य में बाकी एपीआइ का भी देश में ही निर्माण शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल फार्मा उद्योग के लिए 15-15 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए 55 कंपनियां पात्र पाई गईं जिनमें सन फार्मा, अरबिंदो फार्मा, डॉ रेड्डीज लैब, ल्यूपिन, सिप्ला और कैडिला हेल्थकेयर भी शामिल हैं।
विस्तार
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एपीआइ के आयात पर निर्भरता कम होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि एपीआइ निर्माण के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन रहा है। इसी का परिणाम है कि इसके आयात पर निर्भरता कम होगी। मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी कि एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रेडिएंट्स के आयात पर निर्भरता को कम करने के लिए दो साल पहले उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना चालू की गई थी।
इस योजना के तहत देश भर के 32 संयंत्रों में 35 एक्टिव फार्मास्युटिकल्स इंग्रेडिएंट्स का निर्माण शुरू हो चुका है। ये रसायन उन 53 एपीआइ का हिस्सा हैं जिनके लिए भारत 90 फीसदी तक आयात पर निर्भर रहा है।
मंत्री मंडाविया ने कहा कि इससे दवा बनाने में कच्चे माल के रूप में इस्तेमाल होने वाले इन रसायनों के लिये देश की आयात निर्भरता में कमी आएगी। साथ ही औषधि क्षेत्र के लिए शुरू की गई पीएलआई योजना को फार्मा उद्योग से अच्छा समर्थन मिला है। इस दौरान उन्होंने उम्मीद जताते हुए कहा कि भविष्य में बाकी एपीआइ का भी देश में ही निर्माण शुरू हो जाएगा।
गौरतलब है कि सरकार ने पिछले साल फार्मा उद्योग के लिए 15-15 हजार करोड़ रुपये की पीएलआई योजना शुरू की गई थी। इस योजना के तहत प्रोत्साहन के लिए 55 कंपनियां पात्र पाई गईं जिनमें सन फार्मा, अरबिंदो फार्मा, डॉ रेड्डीज लैब, ल्यूपिन, सिप्ला और कैडिला हेल्थकेयर भी शामिल हैं।
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