Monkeypox: यूरोप और अमेरिका में सबसे ज्यादा केस, डब्ल्यूएचओ प्रमुख बोले- गलत सूचनाएं वायरस जैसी खतरनाक


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कोरोना के साथ ही अब मंकीपॉक्स भी तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। अब तक यह 78 देशों में दस्तक दे चुका है। यूरोप व अमेरिका में इसके सबसे ज्यादा केस मिले रहे हैं। भारत में इसके अब तक चार रोगी मिले हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ट्रेडोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस रोग के बारे में गलत जानकारियां वायरस जितनी ही घातक हैं।
विश्वभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने से इसे लेकर भी कोरोना की तरह खौफ फैलता जा रहा है। WHO के अनुसार यूरोप व अमेरिका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिनेवा में मीडिया से चर्चा में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक घेब्रेयेसस ने कहा कि इन महाद्वीपों में मंकीपॉक्स के 95 फीसदी केस मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर गलत सूचनाएं वायरस जितनी ही खतरनाक हैं। इनसे दुनियाभर में भय का वातावरण बन सकता है। 

कोई टीका उपलब्ध नहीं
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि मंकीपॉक्स की ऐसी कोई वैक्सीन फिलहाल नहीं है, जिसे दुनियाभर में आम लोगों के व्यापक टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि, यूरोप, कनाडा व अमेरिका में इस संक्रामक रोग के खिलाफ टीकाकरण किया जा रहा है। 

भारत में अब तक चार केस मिले
भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार केस की  पुष्टि हुई है। देश में वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने इसका टीका बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उधर, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टीका निर्माताओं को मंकीपॉक्स वायरस की अहम जानकारियां साझा करने की पेशकश की है, ताकि उन्हें टीका ईजाद करने में मदद मिले। 

मंकीपॉक्स के बारे में 10 बड़ी बातें 

  1. 1. डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयेसस के अनुसार दुनियाभर में अब 18,000 से ज्यादा संक्रमित मिले। अब तक 78 देशों में फैला
  2. 2. 70 फीसदी केस यूरोप में और 25 फीसदी अमेरिका में मिले। 5 फीसदी अन्य देशों में पाए गए।
  3. 3. डब्ल्यूएचओ ने पाया है कि मंकीपॉक्स के 98 फीसदी मामले पुरुषों के पुरुषों साथ यौन संबंधों से फैले। घेब्रेयेसस ने ऐसे संबंधों से बचाव की अपील की। 
  4. सोशल मीडिया, मीडिया संस्थान, टेक कंपनियां इस संक्रामक बीमारी के बारे में गलत सूचनाएं फैलने से रोकें। डब्ल्यूएचओ के साथ इस काम में मदद करें।
  5. अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ ने मंकीपॉक्स टीके के रूप में MVA-BN वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू किया है। दो अन्य वैक्सीन का आकलन किया जा रहा है। 
  6.  अमेरिका में बाइडन प्रशासन मंकीपॉक्स पर नियंत्रण में जुटा है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वायरस नियंत्रण में है और इसे अभी भी रोका जा सकता है।
  7. नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि देश में मंकीपॉक्स की निगरानी कड़ी कर गई है। इसके लक्षणों वाले लोगों का परीक्षण करने का आग्रह किया गया है। देश में टीके के विकास व जांच किट की तैयारी शुरू हो गई है। 
  8. भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार मामले पाए गए हैं। इनमें से तीन केरल में और एक दिल्ली में मिला है। इसके परीक्षण के लिए 15 लैब को अधिकृत किया गया है। 
  9. कुछ देशों ने मंकीपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण शुरू किया है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने अभी व्यापक टीकाकरण को लेकर कोई पहल नहीं की है। 
  10. डब्ल्यूएचओ ने गत सप्ताह मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य संस्था द्वारा जारी की जाने वाली यह सबसे बड़ी चेतावनी है। 

विस्तार

कोरोना के साथ ही अब मंकीपॉक्स भी तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है। अब तक यह 78 देशों में दस्तक दे चुका है। यूरोप व अमेरिका में इसके सबसे ज्यादा केस मिले रहे हैं। भारत में इसके अब तक चार रोगी मिले हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ट्रेडोस अधानोम घेब्रेयेसस ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस रोग के बारे में गलत जानकारियां वायरस जितनी ही घातक हैं।

विश्वभर में मंकीपॉक्स के मामले बढ़ने से इसे लेकर भी कोरोना की तरह खौफ फैलता जा रहा है। WHO के अनुसार यूरोप व अमेरिका इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिनेवा में मीडिया से चर्चा में डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक घेब्रेयेसस ने कहा कि इन महाद्वीपों में मंकीपॉक्स के 95 फीसदी केस मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि मंकीपॉक्स को लेकर गलत सूचनाएं वायरस जितनी ही खतरनाक हैं। इनसे दुनियाभर में भय का वातावरण बन सकता है। 

कोई टीका उपलब्ध नहीं

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने कहा कि मंकीपॉक्स की ऐसी कोई वैक्सीन फिलहाल नहीं है, जिसे दुनियाभर में आम लोगों के व्यापक टीकाकरण के लिए इस्तेमाल किया जा सके। हालांकि, यूरोप, कनाडा व अमेरिका में इस संक्रामक रोग के खिलाफ टीकाकरण किया जा रहा है। 

भारत में अब तक चार केस मिले

भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार केस की  पुष्टि हुई है। देश में वैक्सीन निर्माता कंपनियों ने इसका टीका बनाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उधर, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने टीका निर्माताओं को मंकीपॉक्स वायरस की अहम जानकारियां साझा करने की पेशकश की है, ताकि उन्हें टीका ईजाद करने में मदद मिले। 

मंकीपॉक्स के बारे में 10 बड़ी बातें 

  1. 1. डब्ल्यूएचओ प्रमुख घेब्रेयेसस के अनुसार दुनियाभर में अब 18,000 से ज्यादा संक्रमित मिले। अब तक 78 देशों में फैला
  2. 2. 70 फीसदी केस यूरोप में और 25 फीसदी अमेरिका में मिले। 5 फीसदी अन्य देशों में पाए गए।
  3. 3. डब्ल्यूएचओ ने पाया है कि मंकीपॉक्स के 98 फीसदी मामले पुरुषों के पुरुषों साथ यौन संबंधों से फैले। घेब्रेयेसस ने ऐसे संबंधों से बचाव की अपील की। 
  4. सोशल मीडिया, मीडिया संस्थान, टेक कंपनियां इस संक्रामक बीमारी के बारे में गलत सूचनाएं फैलने से रोकें। डब्ल्यूएचओ के साथ इस काम में मदद करें।
  5. अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ ने मंकीपॉक्स टीके के रूप में MVA-BN वैक्सीन का इस्तेमाल शुरू किया है। दो अन्य वैक्सीन का आकलन किया जा रहा है। 
  6.  अमेरिका में बाइडन प्रशासन मंकीपॉक्स पर नियंत्रण में जुटा है। अमेरिकी सरकार ने कहा है कि वायरस नियंत्रण में है और इसे अभी भी रोका जा सकता है।
  7. नीति आयोग के सदस्य और कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा कि देश में मंकीपॉक्स की निगरानी कड़ी कर गई है। इसके लक्षणों वाले लोगों का परीक्षण करने का आग्रह किया गया है। देश में टीके के विकास व जांच किट की तैयारी शुरू हो गई है। 
  8. भारत में मंकीपॉक्स के अब तक चार मामले पाए गए हैं। इनमें से तीन केरल में और एक दिल्ली में मिला है। इसके परीक्षण के लिए 15 लैब को अधिकृत किया गया है। 
  9. कुछ देशों ने मंकीपॉक्स के खिलाफ टीकाकरण शुरू किया है, लेकिन डब्ल्यूएचओ ने अभी व्यापक टीकाकरण को लेकर कोई पहल नहीं की है। 
  10. डब्ल्यूएचओ ने गत सप्ताह मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था। संयुक्त राष्ट्र की इस स्वास्थ्य संस्था द्वारा जारी की जाने वाली यह सबसे बड़ी चेतावनी है। 



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