Monkeypox: WHO की चेतावनी- 12 देश, 10 दिन और 92 ‘मंकीपॉक्स’ के मामले, स्थिति बिगड़ रही है, सावधान रहें लोग


सार

डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वायरस कई देशों में कुछ जानवरों में मौजूद हैं जिसका स्थानीय लोगों और यात्रियों में कभी-कभार ही प्रकोप होता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर मंकीपॉक्स फैलने के संबंध में गंभीरता से काम कर रहे हैं।
 

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दुनिया में कोरोना का खौफ अभी खत्म भी नहीं हुआ कि मंकीपॉक्स नाम के वायरस ने डराना शुरू कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज फिर एक ट्वीट कर लोगों को चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि केवल 10 दिनों के भीतर 12 देशों में 92 मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है, जो कि गैर-स्थानिक हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि आगे भी मामले तेजी से बढ़ेंगे इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर मंकीपॉक्स फैलने के संबंध में गंभीरता से काम कर रहे हैं। मंकीपॉक्स संक्रमण को रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या लक्षण हो सकते हैं?
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड (संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक) आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी (लिम्फ नोड्स की सूजन), पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है। लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है। इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के छोटे बच्चों में मौत का खतरा अधिक रहता है। 

मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या कारण हैं?
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स नामक वायरस के कारण यह संक्रमण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस समूह से संबंधित है। इस समूह के अन्य सदस्य मनुष्यों में चेचक और काउपॉक्स जैसे संक्रमण का कारण बनते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले बहुत ही कम हैं। संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या संक्रमित के निकट संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों में भी संक्रमण होने की आशंका रहती है।


डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि वर्तमान में उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि जिन लोगों को सबसे अधिक खतरा होता है, वे हैं जिन्होंने मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट शारीरिक संपर्क किया है। रिपोर्ट किए गए मामलों में अब तक एक स्थानिक क्षेत्र के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि समलैंगिक संबंध बनाने वाले लोगों में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 

मंकीपॉक्स का इलाज
चेचक उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान उपयोग किए जाने वाले टीकों ने मंकीपॉक्स से भी सुरक्षा प्रदान की। नए टीके विकसित किए गए हैं जिनमें से एक को रोग की रोकथाम के लिए अनुमोदित किया गया है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, चेचक के इलाज के लिए विकसित एक एंटीवायरल एजेंट को भी मंकीपॉक्स के इलाज के लिए लाइसेंस दिया गया है।

विस्तार

दुनिया में कोरोना का खौफ अभी खत्म भी नहीं हुआ कि मंकीपॉक्स नाम के वायरस ने डराना शुरू कर दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने आज फिर एक ट्वीट कर लोगों को चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि केवल 10 दिनों के भीतर 12 देशों में 92 मंकीपॉक्स के मामलों की पुष्टि हुई है, जो कि गैर-स्थानिक हैं। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि आगे भी मामले तेजी से बढ़ेंगे इसलिए सावधान रहने की जरूरत है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हम अपने साझेदारों के साथ मिलकर मंकीपॉक्स फैलने के संबंध में गंभीरता से काम कर रहे हैं। मंकीपॉक्स संक्रमण को रोकने की हर संभव कोशिश की जा रही है।

मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या लक्षण हो सकते हैं?

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स संक्रमण का इनक्यूबेशन पीरियड (संक्रमण होने से लक्षणों की शुरुआत तक) आमतौर पर 6 से 13 दिनों का होता है, हालांकि कुछ लोगों में यह 5 से 21 दिनों तक भी हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति को बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फैडेनोपैथी (लिम्फ नोड्स की सूजन), पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी का अनुभव हो सकता है। लिम्फ नोड्स की सूजन की समस्या को सबसे आम लक्षण माना जाता है। इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमितों में यह दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स से मौत के मामले 11 फीसदी तक हो सकते हैं। संक्रमण के छोटे बच्चों में मौत का खतरा अधिक रहता है। 

मंकीपॉक्स संक्रमण के क्या कारण हैं?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक मंकीपॉक्स नामक वायरस के कारण यह संक्रमण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस समूह से संबंधित है। इस समूह के अन्य सदस्य मनुष्यों में चेचक और काउपॉक्स जैसे संक्रमण का कारण बनते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मंकीपॉक्स के एक से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले बहुत ही कम हैं। संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट्स, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या संक्रमित के निकट संपर्क में आने के कारण दूसरे लोगों में भी संक्रमण होने की आशंका रहती है।



डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि वर्तमान में उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि जिन लोगों को सबसे अधिक खतरा होता है, वे हैं जिन्होंने मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट शारीरिक संपर्क किया है। रिपोर्ट किए गए मामलों में अब तक एक स्थानिक क्षेत्र के लिए कोई साक्ष्य नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि समलैंगिक संबंध बनाने वाले लोगों में इसकी पुष्टि नहीं हुई है। 

मंकीपॉक्स का इलाज

चेचक उन्मूलन कार्यक्रम के दौरान उपयोग किए जाने वाले टीकों ने मंकीपॉक्स से भी सुरक्षा प्रदान की। नए टीके विकसित किए गए हैं जिनमें से एक को रोग की रोकथाम के लिए अनुमोदित किया गया है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, चेचक के इलाज के लिए विकसित एक एंटीवायरल एजेंट को भी मंकीपॉक्स के इलाज के लिए लाइसेंस दिया गया है।



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