Monkeypox News: मंकीपॉक्स को लेकर यूपी, बिहार सहित कई राज्यों में अलर्ट जारी, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज


नई दिल्ली. केरल, दिल्ली के बाद अब उत्तर प्रदेश और बिहार सहित कई राज्यों ने भी मंकीपॉक्स (Monkeypox) को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry) के निर्देश पर कई राज्य सरकारों (State Governments) ने अलर्ट जारी किया है. बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने मंगलवार को ही सभी जिलों के सिविल सर्जन एवं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ वर्चुअल बैठक कर मंकीपॉक्स को लेकर आवश्यक निर्देश दिए हैं. अगर किसी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसके आधार पर तुरंत ही इलाज शुरू कर दिया जाएगा. इसके साथ ही मंकीपॉक्स संक्रमितों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्यकर्मियों को सप्ताहभर से अधिक छुट्टी लेने की जरूरत नहीं है.

आपको बता दें कि दुनिया के कई देशों में पैर पसार चुके मंकीपॉक्स ने भारत में भी पैर पसारना शुरू कर दिया है. हालांकि, अभी तक इस बीमारी से भारत में किसी की मौत नहीं हुई है. अफ्रीका में मंकीपॉक्स से पांच लोगों की मौत की खबर है. ऐसे में केंद्र सरकार के निर्देश के बाद सभी राज्य सरकारें इसके लिए नोडल अस्पताल अथवा अस्पताल में डेडीकेटेड सेंटर बनाने की तैयारी शुरू कर दी है.

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी जिला अस्पतालों को संदिग्ध रोगियों पर नजर रखने और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करने के लिए कहा है. 

मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट मोड में राज्य सरकारें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है. इसके बाद से स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी जिला अस्पतालों को संदिग्ध रोगियों पर नजर रखने और संदिग्ध मामलों की रिपोर्ट करने के लिए कहा है. सिविल सर्जनों को विभाग से मंकीपॉक्स के लक्षणों की जांच करने के लिए एक सलाह मिली है और कर्मचारियों को इससे अवगत कराया गया है. इन लोगों को विशिष्ट देशों के संदिग्ध व्यक्तियों (लौटने वालों) को निगरानी में रखना होगा, भले ही उनकी बीमारी का परीक्षण न किया जाए.

जानें मंकीपॉक्स के लक्षणों के बारे में
आपको बता दें कि मंकीपॉक्स के लिए परीक्षण की सुविधा और नमूनों को पुष्टि के लिए पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में सैंपल ले जाएगा. आपको बता दें कि मंकीपॉक्स के प्रबंधन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुसार, एक संदिग्ध मामला “किसी भी उम्र का व्यक्ति है जिसका पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास है, जो एक अस्पष्टीकृत तीव्र दाने के साथ पेश करता है और सूजन लिम्फ नोड्स, बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, गहरी कमजोरी सहित निम्नलिखित में से एक या अधिक लक्षण पुष्टि किया गया हो.

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अब तक 75 देशों में 16 हजार से ज्यादा मंकीपॉक्स के मरीजों की पुष्टि हो चुकी है. (फोटो सोशल मीडिया)

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है
मंकीपॉक्स वायरस से फैलने वाली बीमारी है. यह एक वायरल जूनोटिक संक्रमण है, जो जानवरों से इंसानों में फैल सकता है. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. यह महामारी मुख्य रूप से शरीर के यौन मार्ग के माध्यम से मानव से मानव शरीर में फैलता है. इस बीमारी का फैलने का सबसे आसान तरीका संपर्क और यौन मार्ग है. दुनिया में सबसे ज्यादा मामले समलैंगिक में देखे गए हैं. इसलिए इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा इन्हीं वर्ग को है. इसके साथ ही यह बीमारी जैसे मुंह से मुंह, त्वचा का सीधा संपर्क, फोमाइट्स के जरिए भी आप संक्रामित हो सकते हैं. इसमें त्वचा में घाव, पुटिका द्रव, पपड़ी के टुकड़े अत्यधिक संक्रामक होते हैं.

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बुखार, पीठ दर्द, गहरी कमजोरी, खरोंच. इस बीमारी से लसीका ग्रंथियां सूज जाती हैं. इसके बाद या एक दाने के विकास के साथ होता है जो दो से तीन सप्ताह तक रह सकता है. चेहरे, हथेलियों और तलवों पर वैस्कुलर रैशेज हो जाते हैं. दाने ट्रंक को बख्शते हैं. लक्षण आमतौर पर दो से तीन सप्ताह तक चलते हैं. 6 से 13 दिन में संक्रमण ठीक हो जाता है.

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