तस्वीरों में देश के धधकते जंगल : सात दिन में आगजनी की 60 हजार से ज्यादा घटनाएं, पांच राज्यों के बड़े जंगल ज्यादा प्रभावित


अभी तो गर्मी का मौसम आया है और जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गईं। भारतीय वन सर्वेक्षण के आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले एक हफ्ते में यानी 26 मार्च से एक अप्रैल के बीच देशभर के 29 राज्यों की जंगलों में 60 हजार से ज्यादा आगजनी के मामले सामने आए हैं। 

बड़े जंगलों के आंकड़े देखें तो 24 राज्यों में पिछले छह से आठ दिनों में 1230 आग की घटनाएं सामने आईं। इनमें से 235 आग की घटनाओं पर काबू पाने की कोशिशें जारी हैं। सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 93, महाराष्ट्र में 47, छत्तीसगढ़ में 31, ओडिशा में 21 आगजनी के मामले एक्टिव हैं।   

इन पांच राज्यों के बड़े जंगल ज्यादा प्रभावित

पिछले सात दिन में लार्जेस्ट फॉरेस्ट फायर (एलएफएफ) यानी बड़े जंगलों में आगजनी से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, मिजोरम और बिहार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ये आंकड़े भारतीय वन सर्वेक्षण ने जारी किए हैं। 

 

आगजनी की सबसे ज्यादा घटनाएं यहां हुईं

भारतीय वन सर्वेक्षण के अनुसार पिछले सात दिनों में 29 राज्यों में 60 हजार से ज्यादा आगजनी की छोटी-बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इनमें सबसे ज्यादा मध्य प्रदेश में 17,709, छत्तीसगढ़ में 12,805, महाराष्ट्र में 8,920, ओडिशा में 7,130 और झारखंड में 4,684 आगजनी की घटनाएं हुई हैं। देश के कई राज्यों के जंगल में आग लगने से वन्य संपदा और वन्य जीवों के जीवन पर खतरा मंडराने लगा है।

राजस्थान में 90 घंटे तक लगी रही आग

हाल ही में राजस्थान का सरिस्का 90 घंटों तक जलता रहा। इसके साथ ही पिछले कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर और हिमाचल सहित देश के कई राज्यों में हजारों हेक्टेयर का जंगल तबाह हो गया। 

 

गर्मी में जंगलों में क्यों लगती है आग?

पर्यावरण के विशेषज्ञ और रक्षा मंत्रालय में असिस्टेंट डायरेक्टर आदित्य पटेल बताते हैं, ‘मार्च में सामान्य से अधिक तापमान बढ़ने से आगजनी की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। जंगल में पेड़ों के सूखे पत्ते और टहनियां ईंधन का काम करते हैं। एक छोटी सी चिंगारी भी विकराल रूप ले लेती है। ऐसे में अगर हवा तेज चल रही हो तो एक जगह लगी आग पूरे जंगल को तबाह करने के लिए काफी है।’

 



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