अमेरिका में 75 प्रतिशत से अधिक रिटेलर्स की क्रिप्टो में पेमेंट्स लेने की योजना


क्रिप्टोकरेंसीज का पेमेंट के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल बढ़ रहा है। अमेरिका में बहुत से रिटेलर्स अपने कस्टमर्स से क्रिप्टोकरेंसीज में पेमेंट स्वीकार करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, इनमें से अधिकतर स्टेबलकॉइन्स में पेमेंट लेने में दिलचस्पी रखते हैं। स्टेबलकॉइन्स ऐसी क्रिप्टोकरेंसीज होते हैं जो अपने मार्केट प्राइस को गोल्ड या सामान्य करेंसीज जैसे किसी रिजर्व एसेट से जोड़ने की कोशिश करते हैं।

फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म Delloite की ओर से पिछले वर्ष के अंत में किए गए एक सर्वे में अमेरिका के 75 प्रतिशत से अधिक रिटेलर्स ने क्रिप्टोकरेंसीज में पेमेंट लेने में दिलचस्पी दिखाई है। इसका बड़ा कारण क्रिप्टो सेगमेंट में कंज्यूमर्स की दिलचस्पी बढ़ना है। इस सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया है, “रिटेल मर्चेंट्स में 85 प्रतिशत से अधिक क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट का विकल्प शुरू करना चाहते हैं। लगभग 83 प्रतिशत रिटेलर्स की स्टेबलकॉइन्स में पेमेंट लेने में दिलचस्पी रखते हैं।” अमेरिका में बड़े मर्चेंट्स ने पहले ही क्रिप्टो पेमेंट्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना शुरू कर दिया है। इसके लिए ये रिटेलर्स 1 से 10 करोड़ डॉलर तक का इनवेस्टमेंट कर रहे हैं। 

सर्वे में शामिल रिटेलर्स में से लगभग आधे मानते हैं कि क्रिप्टो में पेमेंट का विकल्प मिलने से कस्टमर्स के लिए शॉपिंग का एक्सपीरिएंस बेहतर होगा। रिपोर्ट में कहा गया है, “मर्चेंट्स डिजिटल करेंसी में पेमेंट्स को कई कारणों से शुरू करना चाहते हैं। वे देख रहे हैं कि मार्केट तेजी से बदल रहा है और वे कस्टमर्स की पसंद के अनुसार चलना चाहते हैं। उन्हें इससे कस्टमर्स का एक्सपीरिएंस बेहतर होने के साथ ही कस्टमर्स की संख्या भी बढ़ने की उम्मीद है।” 

USD Coin, Tether और Binance USD कुछ लोकप्रिय स्टेबलकॉइन्स हैं, जो अमेरिकी डॉलर से जुड़े हैं। क्रिप्टो का तेजी से बढ़ता वर्जन स्टेबलकॉइन एक्सचेंज के प्रमुख माध्यम के तौर पर उभरा है। इसका इस्तेमाल अक्सर ट्रेडर्स की ओर से फंड भेजने के लिए किया जाता है। प्रमुख स्टेबलकॉइन्स को बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसीज के लिए एक्सचेंज करना आसान है। अन्य स्टेबलकॉइन्स का सामान्य एसेट्स में रिजर्व होता है लेकिन TerraUSD इसे एक एल्गोरिद्म के जरिए बरकरार रखता है, जो एक अन्य बैलेंसिंग टोकन Luna के इस्तेमाल से सप्लाई और डिमांड को नियंत्रित रखती है। एल्गोरिद्मिक स्टेबलकॉइन कहे जाने वाले TerraUSD ने पिछले महीने डॉलर के साथ अपने 1:1 के जुड़ाव को तोड़ दिया था। इसके बाद क्रिप्टो मार्केट में भारी गिरावट आई थी। इससे TerraUSD का मार्केट कैपिटलाइजेशन भी बहुत कम हो गया था। इसके बाद रेगुलेटर्स ने स्टेबलकॉइन्स की स्क्रूटनी बढ़ाने पर जोर दिया था। 
 

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