दो टूक: कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में नाम न शामिल होने पर बोले सांसद मनीष तिवारी-कोई आश्चर्य नहीं, सीएम विवाद पर कही ये बात


न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Sat, 05 Feb 2022 11:06 AM IST

सार

मनीष तिवारी ने कहा कि जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता।

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पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रमुख जी-23 नेताओं को जगह नहीं मिलने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने राय दी है। उन्होंने इस मुद्दे पर आई खबरों के जवाब में कहा कि मुझे आश्चर्य होता अगर मेरा नाम वहां होता। ये आश्चर्य नहीं कि यह वहां नहीं है। वजह तो सभी जानते हैं। 

दरअसल तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा था कि पंजाब कांग्रेस में दुखद स्थिति है क्योंकि उन्होंने एक प्रमुख वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पंजाब के सांसद और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी को पंजाब में स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर दिया है। इस तरह के संकीर्ण सोच वाले कदम कांग्रेस को चुनाव जीतने में कभी मदद नहीं करेंगे। इस पर तिवारी ने कहा कि ऐसा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। 

वहीं मनीष तिवारी ने पंजाब में हिंदू सिख के विवाद पर साफ किया कि प्रदेश में यह कोई मुद्दा नहीं है। तिवारी आम आदमी पार्टी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुनील जाखड़ को हिंदू होने के कारण कांग्रेस की तरफ से सीएम नहीं बनाया गया। तिवारी ने कहा कि जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता। तिवारी ने कहा कि पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं है। यह सच है कि शायद उस समय सुनील जाखड़ को रोकने के लिए दिल्ली में बैठे किसी ‘मठाधीश’ ने इतनी संकीर्ण मानसिकता का इस्तेमाल किया होगा।

तिवारी ने कहा कि एक सांसद और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में, मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि लोकतंत्र में सीएम चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों के पास होता है। अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, अभियान का चेहरा कौन बनेगा, यह पार्टी तय कर सकती है।

विस्तार

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में प्रमुख जी-23 नेताओं को जगह नहीं मिलने पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने राय दी है। उन्होंने इस मुद्दे पर आई खबरों के जवाब में कहा कि मुझे आश्चर्य होता अगर मेरा नाम वहां होता। ये आश्चर्य नहीं कि यह वहां नहीं है। वजह तो सभी जानते हैं। 

दरअसल तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद अभिजीत मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा था कि पंजाब कांग्रेस में दुखद स्थिति है क्योंकि उन्होंने एक प्रमुख वरिष्ठ कांग्रेस नेता, पंजाब के सांसद और पूर्व मंत्री मनीष तिवारी को पंजाब में स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर दिया है। इस तरह के संकीर्ण सोच वाले कदम कांग्रेस को चुनाव जीतने में कभी मदद नहीं करेंगे। इस पर तिवारी ने कहा कि ऐसा होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। 

वहीं मनीष तिवारी ने पंजाब में हिंदू सिख के विवाद पर साफ किया कि प्रदेश में यह कोई मुद्दा नहीं है। तिवारी आम आदमी पार्टी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सुनील जाखड़ को हिंदू होने के कारण कांग्रेस की तरफ से सीएम नहीं बनाया गया। तिवारी ने कहा कि जहां तक हिंदू-सिख का सवाल है, पंजाब में यह कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। कभी मुद्दा होता तो श्री आनंदपुर साहिब से सांसद नहीं होता। तिवारी ने कहा कि पंजाब में हिंदू और सिख में कोई अंतर नहीं है। यह सच है कि शायद उस समय सुनील जाखड़ को रोकने के लिए दिल्ली में बैठे किसी ‘मठाधीश’ ने इतनी संकीर्ण मानसिकता का इस्तेमाल किया होगा।

तिवारी ने कहा कि एक सांसद और एक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में, मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि लोकतंत्र में सीएम चुनने का अधिकार निर्वाचित विधायकों के पास होता है। अभियान का नेतृत्व कौन करेगा, अभियान का चेहरा कौन बनेगा, यह पार्टी तय कर सकती है।

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