65 साल के हुए मुकेश अंबानी: रिलायंस इंडस्ट्रीज को ऐसे पहुंचाया बुलंदियों पर, दुनिया के शीर्ष अमीरों में बनाई जगह


बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: दीपक चतुर्वेदी
Updated Tue, 19 Apr 2022 08:12 AM IST

सार

Happy Birthday Reliance Chairman Mukesh Ambani: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज 65 साल के हो गए। दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में अंबानी 11वें पायदान पर काबिज हैं। वर्तमान में उनकी नेटवर्थ 94.9 अरब डॉलर है। इस मुकाम तक पहुंचने का उनका का सफर बेहद दिलचस्प रहा। 

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देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और लंबे समय तक एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति रहे मुकेश अंबानी आज 65 साल के हो गए। दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में शामिल अंबानी की कंपनी आरआईएल का मार्केट कैप इस समय 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और इस हिसाब से ये दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में 42वें स्थान पर है। पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस की कमान अपने हाथ में ली और इसे बुलंदियों पर पहुंचा दिया।    

दुनिया के 11वें सबसे अमीर 
दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 11वें पायदान पर काबिज हैं। वर्तमान में उनकी नेटवर्थ 94.9 अरब डॉलर है। इस मुकाम तक पहुंचने का मुकेश अंबानी का सफर बेहद दिलचस्प रहा। उनके पिता दिवंगत धीरूभाई अंबानी जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर गए थे, वहां से अंबानी कंपनी को ऐसे मुकाम पर ले गए, जहां देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उससे काफी पीछे रह गईं।

ऐसे की करियर की शुरुआत
गौरतलब है कि केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 1981 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की। इसके बाद 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया। पेट्रोलियम के अलावा मुकेश अंबनी ने टेलीकॉम क्षेत्र में भी अपने कदम आगे बढ़ाए और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की। 

पिता के निधन के बाद संभाली कमान
6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली। हालांकि, पिता का निधन होते ही उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया। बंटवारे के तहत रिलायंस इंफोकॉम छोटे भाई अनिल अंबानी के पास पहुंच गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुकेश अंबानी के पास आ गई। 

75,000 करोड़ को 17 लाख करोड़ बनाया
मुकेश अंबानी ने अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को देश की सबसे बड़ी के कंपनी बना दिया। यहां बता दें कि साल 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 75,000 करोड़ रुपये था, जो अब मुकेश अंबानी के कुशल नेतृत्व में बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल अब बिकने की कगार पर पहुंच चुकी है। 

लगातार बढ़ते गए मुकेश अंबानी के कदम
मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान हाथ में लेने के बाद न केवल पेट्रोलियम बल्कि रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर के क्षेत्र में अपनी दमदार दस्तक दी। उनकी रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और अमेजन को टक्कर दे रही है। वहीं 2016 में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को लॉन्च किया और 2जी और 3जी पर चल रही टेलीकॉम कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए 4जी सुविधा देते हुए इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी। 

जियो की दम पर नौ महीने पहले कर्जमुक्त
मुकेश अंबानी की सूझबूझ के कारण ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने  महज 58 दिनों में जियो प्लेटफॉर्म्स की एक चौथाई से कम हिस्सेदारी बेचकर 1.15 लाख करोड़ रुपये और राइट इश्यू के जरिए 52,124.20 करोड़ रुपये जुटाए। इसकी दम पर कंपनी तय समय से नौ महीने पहले ही पूरी तरह से कर्जमुक्त हो गई। रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपये का कर्ज था और कंपनी ने 31 मार्च 2021 तक चुकाने का लक्ष्य रखा था। मुकेश अंबानी ने इस उपलब्धि पर कहा था कि मैंने कंपनी के शेयरधारकों से किया वादा पूरा किया।

विस्तार

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और लंबे समय तक एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति रहे मुकेश अंबानी आज 65 साल के हो गए। दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में शामिल अंबानी की कंपनी आरआईएल का मार्केट कैप इस समय 17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा है और इस हिसाब से ये दुनिया की सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची में 42वें स्थान पर है। पिता धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस की कमान अपने हाथ में ली और इसे बुलंदियों पर पहुंचा दिया।    

दुनिया के 11वें सबसे अमीर 

दुनिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में मुकेश अंबानी 11वें पायदान पर काबिज हैं। वर्तमान में उनकी नेटवर्थ 94.9 अरब डॉलर है। इस मुकाम तक पहुंचने का मुकेश अंबानी का सफर बेहद दिलचस्प रहा। उनके पिता दिवंगत धीरूभाई अंबानी जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर गए थे, वहां से अंबानी कंपनी को ऐसे मुकाम पर ले गए, जहां देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उससे काफी पीछे रह गईं।

ऐसे की करियर की शुरुआत

गौरतलब है कि केमिकल इंजीनियरिंग में पढ़ाई पूरी करने के बाद भारतीय उद्योगपति मुकेश अंबानी ने 1981 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस पेट्रोलियम रसायन की शुरुआत की। इसके बाद 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया। पेट्रोलियम के अलावा मुकेश अंबनी ने टेलीकॉम क्षेत्र में भी अपने कदम आगे बढ़ाए और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की। 

पिता के निधन के बाद संभाली कमान

6 जुलाई 2002 को धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली। हालांकि, पिता का निधन होते ही उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया। बंटवारे के तहत रिलायंस इंफोकॉम छोटे भाई अनिल अंबानी के पास पहुंच गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुकेश अंबानी के पास आ गई। 

75,000 करोड़ को 17 लाख करोड़ बनाया

मुकेश अंबानी ने अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को देश की सबसे बड़ी के कंपनी बना दिया। यहां बता दें कि साल 2002 में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 75,000 करोड़ रुपये था, जो अब मुकेश अंबानी के कुशल नेतृत्व में बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है। वहीं दूसरी ओर उनके छोटे भाई अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कैपिटल अब बिकने की कगार पर पहुंच चुकी है। 

लगातार बढ़ते गए मुकेश अंबानी के कदम

मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान हाथ में लेने के बाद न केवल पेट्रोलियम बल्कि रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर के क्षेत्र में अपनी दमदार दस्तक दी। उनकी रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और अमेजन को टक्कर दे रही है। वहीं 2016 में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो को लॉन्च किया और 2जी और 3जी पर चल रही टेलीकॉम कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए 4जी सुविधा देते हुए इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी। 

जियो की दम पर नौ महीने पहले कर्जमुक्त

मुकेश अंबानी की सूझबूझ के कारण ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने  महज 58 दिनों में जियो प्लेटफॉर्म्स की एक चौथाई से कम हिस्सेदारी बेचकर 1.15 लाख करोड़ रुपये और राइट इश्यू के जरिए 52,124.20 करोड़ रुपये जुटाए। इसकी दम पर कंपनी तय समय से नौ महीने पहले ही पूरी तरह से कर्जमुक्त हो गई। रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपये का कर्ज था और कंपनी ने 31 मार्च 2021 तक चुकाने का लक्ष्य रखा था। मुकेश अंबानी ने इस उपलब्धि पर कहा था कि मैंने कंपनी के शेयरधारकों से किया वादा पूरा किया।



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