इन सबके बाद ऋषभ (Simba Nagpal) रेहान को कहता है कि वो उसे घर से बाहर निकाल सकता है। ऋषभ का कहना है कि वह अभी भी अपने भाई को गलत साबित करने के लिए अड़ा है। प्रथा लड़की को बुलाती है और उसे सच बताने के लिए कहती है। अंबिका झूठ बोलती है कि प्रथा ने रेहान को बदनाम करने के लिए उसे पैसे दिए। प्रथा चौंक जाती है और कहती है कि लड़की झूठ बोल रही है। ऋषभ कहता है कि उसने उसके परिवार का नाम बर्बाद कर दिया और इसलिए इस घर में उसकी कोई जगह नहीं है। वह फिर से उसका हाथ पकड़ता है और उसे दरवाजे से बाहर धकेल देता है।
अमृत कलश के लिए प्रथा का संघर्ष
आगे के एपिसोड में सीमा प्रथा को ताना मारती है कि अमृत कलश को बचाने के लिए उसके पास केवल 1 दिन है। प्रथा चुपचाप बस स्टॉप पर बैठ जाती है और ऋषभ के साथ बिताए अच्छे पलों को याद करते हुए रोती है। इसके बाद प्रथा कहती है कि हम लड़कियों को अमीर लड़कों को सिखाने की जरूरत है कि लड़कियां कमजोर नहीं हैं और खुद के लिए लड़ सकती हैं, वह पहले अपने देश को बचाएगी और फिर अपने पति और उसके घर को।
शुरू हुआ शेषनागिन का तांडव
इसके बाद प्रथा पूजा करती है और तांडव शुरू करती है। भूकंप शुरू होता है। महक और चंदा खुद को मंदिर के खंभों पर टिकाए रखने की कोशिश करते हैं। उन पर एक खंभा गिरता है। पाताल का दरवाज़ा खोलती हुई धरती टूटती है। प्रथा चंदा और महक को बचाने की कोशिश करती है। महक उसे उनके बारे में परेशान न करने और पाताल लोक में जाने के लिए कहती है क्योंकि दरवाजा केवल 7 मिनट के लिए खुला है और उसे 7 मिनट के भीतर अमृत कलश के साथ वापस लौटने की जरूरत है।
अमृत कलश तक पहुंची प्रथा
प्रथा अपने देश की धरती की शपथ लेती है कि वह अमृत कलश लेकर वापस आएगी। वह सांप में बदल जाती है और दरवाजे में घुंसती है। महक खंभे को उससे दूर धकेलती है और चंदा को जगाने की कोशिश करती है। वह फिर चिल्लाती है कि उसके पास केवल 4 मिनट बचे हैं और उसे जल्द ही वापस लौटने की जरूरत है। ऋषभ और सीमा मंदिर पहुंचते हैं। प्रथा अमृत कलश को उठाती है।