Navjot Sidhu in Jail: नवजोत सिद्धू को नहीं भायी जेल की दाल-रोटी, कुछ यूं गुजरा पहला दिन


पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को पटियाला की सेंट्रल जेल में अपनी पहली रात घर से साथ लाईं ड्राई ब्लू बैरीज खाकर गुजारी। हालांकि जेल नियमों के मुताबिक उन्हें डिनर में दाल व रोटी दी गई, लेकिन लीवर में दिक्कत व गेहूं से एलर्जी के चलते उन्होंने यह खाना खाने से इनकार कर दिया। वहीं शनिवार को दिन की शुरुआत सिद्धू ने रोजाना की तरह मेडिटेशन व हल्की कसरत के साथ की। इसके बाद वह जेल के अंदर स्थित गुरुद्वारा साहिब में माथा टेकने गए। 

सिद्धू के वकील एचपीएस वर्मा ने अमर उजाला से बात करते हुए कहा कि पटियाला में चीफ जुडीशियल मजिस्ट्रेट अमित मल्हन की अदालत में याचिका दायर करके जेल में सिद्धू को उनकी खराब सेहत के हिसाब से स्पेशल डाइट देने की अपील की गई है। इसके जवाब में कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को सरकारी राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. एचएस रेखी की देखरेख में डाक्टरों का बोर्ड बनाकर सिद्धू की मेडिकल जांच करने के आदेश दिए हैं।

इस संबंधी रिपोर्ट अदालत में सोमवार को पेश करने के आदेश हुए हैं, लेकिन फिलहाल सिद्धू का मेडिकल चेकअप नहीं हो सका है। इसके चलते एम्बोलिज्म व लीवर की बीमारी होने के बावजूद सिद्धू को स्पेशल डाइट मिलना शुरू नहीं हो सकी है। एडवोकेट वर्मा ने बताया कि शनिवार को भी जेल में सिद्धू ने अपने साथ लाईं ड्राई ब्लू बैरीज व चुकंदर व खीरा खाकर गुजारा किया। उन्होंने बताया कि लीवर की दिक्कत के चलते सिद्धू फल नहीं खा सकते हैं। 

इस संबंधी राजिंदरा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. रेखी ने बताया कि ऑफिस बंद होने के चलते शनिवार को कोर्ट के आर्डर मिल नहीं सकें, लेकिन सोमवार को सिद्धू का मेडिकल कराने के बाद कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश कर दी जाएगी।

सिद्धू अब कैदी नंबर 241383 हो गए हैं। सिद्धू को पहले रात में जेल की लाइब्रेरी अहाते में रखा गया था, लेकिन बाद में कैदी नंबर अलाट होने पर उन्हें बैरक में शिफ्ट कर दिया गया। सिद्धू इस समय बैरक नंबर 10 में हैं। खास बात यह है कि बैरक नंबर 11 में सिद्धू के राजनीतिक विरोधी बिक्रम सिंह मजीठिया है। दोनों बैरकों में करीब 400 मीटर की दूरी बताई जा रही है। सिद्धू की बैरक में उनके साथ चार और कैदी बंद हैं।

रोडरेज केस में पटियाला की जेल में बंद पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का आचरण ठीक रहा और वह अनुशासन में रहे तो वह आठ महीने बाद भी रिहा हो सकते हैं। जेल के सुपरिंटेंडेंट और सरकार के पास यह अधिकार है, जिसके तहत वह कैदी को जेल में अच्छे आचरण के आधार पर सजा में कुछ दिनों की छूट दे सकते हैं। जेल नियमों के मुताबिक सिद्धू जेल में बनी फैक्टरी में काम करते हैं, तो उन्हें एक साल की सश्रम कैद की सजा में 48 दिन की छूट मिलेगी। 

वहीं जेल के सुपरिंटेंडेंट के पास किसी भी कैदी को सजा में 30 दिन की छूट देने का अधिकार प्राप्त है। लेकिन जेल के नियमों का उल्लंघन करने वाले कैदियों को यह छूट नहीं मिलती है। वहीं डीजीपी या एडीजीपी जेल के पास भी सजा में 60 दिन की छूट का अधिकार है। हालांकि यह कुछ खास किस्म के मामलों में ही दी जा सकती है। विरोधी दल से होने के बावजूद सिद्धू के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अच्छे संबंध हैं, जिसका सिद्धू को सजा में कुछ दिनों की छूट के रूप में फायदा मिल सकता है।  

 



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