नई पहल: दिल्ली में ड्राइविंग सीट पर दिखेंगी ज्यादा महिलाएं, प्रशिक्षण का 50 फीसदी खर्च वहन करेगी सरकार


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पेशेवर टैक्सी चालक बनने की इच्छुक महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक योजना की सोमवार को शुरुआत की है। निर्णय के अनुसार महिलाओं के प्रशिक्षण का 50 फीसदी यानी करीब 4800 रुपये का परिवहन विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। महिलाओं को बुराड़ी, लोनी और सराय काले खां स्थित ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। 

इस पहल के तहत सरकार इन कंपनियों में ड्राइविंग करने की इच्छुक महिलाओं की ट्रेनिंग के शेष 50 फीसदी को प्रायोजित करने के लिए बेड़े के मालिकों और कैब एग्रीगेटर को आमंत्रित करेगी। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को इन कंपनियों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस योजना के लिए सरकार ने वाहनों के बेड़ा मालिकों और एग्रीगेटर कंपनियों से रूचि बताने को कहा है। आवेदकों की संख्या का आकलन करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण का मौका दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ाना है। अलग अलग मंचों के माध्यम से महिलाएं अपनी आजीविका के लिए टैक्सी ड्राइवरों के तौर पर काम करने के लिए उत्साहित हैं। 

दिल्ली ने अपनी कंप्रेसिव इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2020 के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। सरकार जल्द ही दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर योजना को अपनाने की तरफ बढ़ रही है। इससे कैब कंपनियों के के बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को चरणों में अपनाने  और हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। फरवरी में महिलाओं को ड्राइवर के रूप में भर्ती करने के लिए पात्रता मानदंडों में ढील देते हुए न्यूनतम ऊंचाई मानदंड 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी कर दिया था। इस कदम से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस)में 7300 बसों के संयुक्त बेड़े में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ई ऑटो के लिए भी 33 फीसदी परमिट महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।

अप्रैल में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोसाइटी फॉर ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (एसडीटीआई), बुरारी में महिलाओं को उनके भारी मोटर वाहन (एचएमवी) लाइसेंस प्राप्त करने के लिए मिशन परिवर्तन अभियान की शुरुआत की थी। इसके तहत एचएमवी श्रेणी के ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के लिए 180 महिला उम्मीदवारों को प्रशिक्षण शुरू किया जा सके। अब तक 76 महिलाओं ने इस प्रशिक्षण को पूरा कर लिया है जबकि 35 ने अपने एचएमवी लाइसेंस हासिल कर लिए हैं। इनमें से पांच महिलाएं वर्तमान में दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) प्रशिक्षण केंद्र, नंदनगरी में बस चालक के रूप में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण ले रही हैं। 6 महिलाओं को पहले ही परिवहन बेड़े में बस चालक के रूप में शामिल किया जा चुका है। दिल्ली में सार्वजनिक बसों में महिलाओं को मुफ्त यात्रा के लिए पिंक पास भी प्रदान किए जाते हैं।

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में परिवहन क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इसका  उद्देश्य महिलाओं को प्रोत्साहित करना है। महिलाओं को डीटीसी में बस चालक के रूप में शामिल किया है और अब दिल्ली की सड़कों पर परिवहन के विभिन्न सार्वजनिक साधनों के लिए बड़ी संख्या में महिलाएं ड्राइवर के रूप में दिखाई देंगी।

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पेशेवर टैक्सी चालक बनने की इच्छुक महिलाओं को ट्रेनिंग देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक योजना की सोमवार को शुरुआत की है। निर्णय के अनुसार महिलाओं के प्रशिक्षण का 50 फीसदी यानी करीब 4800 रुपये का परिवहन विभाग की ओर से वहन किया जाएगा। महिलाओं को बुराड़ी, लोनी और सराय काले खां स्थित ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्रों में ट्रेनिंग दी जाएगी। 

इस पहल के तहत सरकार इन कंपनियों में ड्राइविंग करने की इच्छुक महिलाओं की ट्रेनिंग के शेष 50 फीसदी को प्रायोजित करने के लिए बेड़े के मालिकों और कैब एग्रीगेटर को आमंत्रित करेगी। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं को इन कंपनियों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। इस योजना के लिए सरकार ने वाहनों के बेड़ा मालिकों और एग्रीगेटर कंपनियों से रूचि बताने को कहा है। आवेदकों की संख्या का आकलन करने के बाद उन्हें प्रशिक्षण का मौका दिया जाएगा। इस योजना का उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बढ़ाना है। अलग अलग मंचों के माध्यम से महिलाएं अपनी आजीविका के लिए टैक्सी ड्राइवरों के तौर पर काम करने के लिए उत्साहित हैं। 

दिल्ली ने अपनी कंप्रेसिव इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी-2020 के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाया है। सरकार जल्द ही दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर योजना को अपनाने की तरफ बढ़ रही है। इससे कैब कंपनियों के के बेड़े में इलेक्ट्रिक वाहनों को चरणों में अपनाने  और हिस्सेदारी बढ़ाई जाएगी। फरवरी में महिलाओं को ड्राइवर के रूप में भर्ती करने के लिए पात्रता मानदंडों में ढील देते हुए न्यूनतम ऊंचाई मानदंड 159 सेमी से घटाकर 153 सेमी कर दिया था। इस कदम से दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस)में 7300 बसों के संयुक्त बेड़े में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़े हैं। ई ऑटो के लिए भी 33 फीसदी परमिट महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया था।



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