नीति आयोग ने बैटरी-स्वैपिंग पॉलिसी का मसौदा जारी किया, 5 जून तक मांगे सुझाव


नई दिल्ली. बैटरी चार्जिंग का सही इंतजाम न होने के कारण बहुत से लोग इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने से कतरा रहे हैं. हालांकि, सरकार और वाहन निर्माता इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग को लेकर लगातार काम कर रहे हैं. इस बीच नीति आयोग (NITI Aayog) ने गुरुवार को बैटरी-स्वैपिंग पॉलिसी (Battery Swapping Policy) का मसौदा जारी किया. इसके तहत पहले चरण में बैटरी-स्वैपिंग नेटवर्क के विकास को लेकर 40 लाख से अधिक आबादी वाले सभी महानगरों को प्राथमिकता दी जाएगी.

इलेक्ट्रिक वाहन की लागत होगी कम

आयोग ने पॉलिसी के मसौदे में कहा कि राज्यों की राजधानियों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यालय समेत 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों को दूसरे चरण में शामिल किया जाएगा. इसमें कहा गया है कि बैटरी अदला-बदली व्यवस्था वाले वाहनों को बिना बैटरी के बेचा जाएगा. इससे इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदारों के लिये गाड़ी की लागत कम बैठेगी.

पॉलिसी के मसौदे के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या इकाई किसी भी स्थान पर बैटरी-स्वैपिंग स्टेशन स्थापित करने को स्वतंत्र है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि निर्धारित तकनीकी, सुरक्षा और प्रदर्शन मानकों का पालन किया जाए.

वित्त मंत्री ने बजट में किया था ऐलान

चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने को लेकर शहरी क्षेत्रों में जगह की कमी को देखते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 के अपने बजट भाषण में घोषणा की थी कि केंद्र बैटरी-स्वैपिंग पॉलिसी लाएगा.

5 जून तक लोगों से मांगे सुझाव

आधिकारिक बयान के अनुसार, इस संदर्भ में नीति आयोग ने मजबूत और व्यापक पॉलिसी रूपरेखा तैयार करने के लिए फरवरी, 2022 में अंतर-मंत्रालयी चर्चा शुरू की थी. मसौदा विचार-विमर्श के लिए जारी किया गया है. आयोग ने 5 जून तक लोगों से इस पर अपने सुझाव देने को कहा है.

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