नई दिल्ली. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने चीनी उत्पादकों से चीनी का उत्पादन कम करने और चीनी को इथेनॉल में बदलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा है कि बदलते समय के साथ चलते हुए और राष्ट्र की जरूरतों के अनुरूप काम किया जाना चाहिए.
नितिन गडकरी ने कहा कि सरकार ने नागरिकों के लिए इथेनॉल भरने के लिए जैव ईंधन आउटलेट खोलने का फैसला लिया है और कार, मोटरसाइकिल और रिक्शा सब फ्लेक्स इंजन (Flex Engines) पर उपलब्ध हो सकते हैं. मंत्री ने आगे कहा कि सरकार टेलीकॉम टावरों को डीजल से एथनॉल में बदलने की संभावनाएं तलाश रही है. इसके अलावा सरकार विमानन क्षेत्र और भारतीय वायु सेना में इथेनॉल के उपयोग को बढ़ाने के तरीकों पर विचार कर रही है.
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6 महीने के भीतर आ जाएंगी फ्लेक्स कारें
“मैं वायु सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा कर रहा हूं; हम सोच रहे हैं कि विमानन और भारतीय वायु सेना में इथेनॉल के उपयोग को कैसे बढ़ाया जाए… हमने फ्लेक्स इंजनों पर एक एडवाइजरी जारी की है; टोयोटा, हुंडई और सुजुकी ने मुझे आश्वासन दिया है कि वे छह महीने के भीतर फ्लेक्स इंजन लाएंगे. हाल ही में, हमने ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली एक पायलट कार लॉन्च की है. टोयोटा के चेयरमैन ने मुझे बताया कि उनकी कारें फ्लेक्स है – या तो 100% पेट्रोल या 100% इथेनॉल और आने वाले दिनों की टोयोटा कारों को हाइब्रिड बिजली पर चलाया जाएगा, जो 40% बिजली खुद पैदा करेंगी और 100% इथेनॉल का इस्तेमाल करते हुए 60% की दूरी तय कर पाएंगी. पेट्रोल की तुलना में यह इकोनोमिक्स अत्यधिक फायदेमंद होगी.”
इथेनॉल पंपों से होंगे कई फायदे
गडकरी ने कहा, “प्रधानमंत्री ने पुणे में तीन इथेनॉल पंपों का उद्घाटन किया है, हालांकि, अभी तक कोई भी इथेनॉल भराने के लिए नहीं आया है. बजाज, टीवीएस और हीरो ने फ्लेक्स इंजन से चलने वाली बाइक्स लॉन्च की हैं, स्कूटर और मोटरसाइकिल फ्लेक्स इंजन पर उपलब्ध हैं. अब वे ऑटो-रिक्शा के साथ भी आने के लिए तैयार हैं.”
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उन्होंने इथेनॉल बनाने वाले चीनी के कारखानों को अपने कारखानों और अन्य क्षेत्रों में इथेनॉल पंप खोलने के लिए कहा है, जिससे कि 100% इथेनॉल से चलने वाले स्कूटर, ऑटो-रिक्शा और कार लाई जा सके. इस तरह इथेनॉल की खपत बढ़ा सकते हैं, प्रदूषण कम कर सकते हैं, आयात कम कर सकते हैं और रोजगार भी प्रदान कर सकते हैं.
कितना इथेनॉल चाहिए होगा?
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “इथेनॉल एक स्वच्छ ईंधन है. हम वर्तमान में 465 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन कर रहे हैं. हालांकि, जब ई-20 प्रोग्राम पूरा हो जाएगा, तो हमारी आवश्यकता लगभग 1,500 करोड़ लीटर हो जाएगी. इसके अलावा, आने वाले पांच वर्षों में, जब फ्लेक्स इंजन तैयार हो जाएंगे, इथेनॉल की आवश्यकता 4,000 करोड़ लीटर हो जाएगी.”
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उन्होंने कहा, “विमानन उद्योग में एथेनॉल का उपयोग कैसे किया जाए, इसकी भी तलाश की जा रही है. 2 साल पहले गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले फाइटर जेट्स ने 100% बायो-एथेनॉल का इस्तेमाल किया था. मैं इस बारे में वायुसेना से बात कर रहा हूं.”
इसके अवाला मंत्री ने कहा, “इंडस्ट्री को भी ग्रीन हाइड्रोजन के बारे में सोचना चाहिए… वह दिन दूर नहीं जब ग्रीन हाइड्रोजन उपलब्ध होगा. नगरपालिका के कचरे से अलग किए गए जैविक कचरे से मीथेन का उत्पादन किया जा सकता है. एक बार कार्बन डाइऑक्साइड को इससे अलग करने के बाद, ग्रीन हाइड्रोजन, बायो-एलएनजी और बायो-सीएनजी का भी उत्पादन किया जा सकता है.”
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