कोई भी सरकारी कंपनी दूसरी सार्वजनिक कंपनी की खरीद के लिए नहीं लगा पाएगी बोली, वित्त मंत्रालय ने लगाई रोक


नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र की मुनाफे वाली कंपनियां घाटे वाली सरकारी कंपनियों को खरीद नहीं पाएंगी. मोदी सरकार ने इस पर रोक लगा दी है. इसके पीछे विनिवेश का मकसद पूरा न होना बताया गया है. वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों यानी सीपीएसई (CPSE) को दूसरे सरकारी उद्यमों के लिए बोली लगाने से रोक दिया है. मंत्रालय का कहना है कि जिन सरकारी कंपनियों का निजीकरण होना है उन्हें यदि दूसरे सार्वजनिक उद्यम खरीदेंगे तो इससे विनिवेश नीति का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा.

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विफल हो जाएगा मूल उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, यदि प्रबंधकीय नियंत्रण का हस्तांतरण सरकार से किसी दूसरे सरकारी संगठन या राज्य सरकार को होता है तो इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी की ‘‘अंतर्निहित अक्षमताएं’’ बनी रह सकती हैं. ऐसे में नई पीएसई नीति का मूल उद्देश्य विफल हो जाएगा.

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (DIPAM) ने कहा है, ‘‘एक आम नीति के रूप में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (PSE) जिनका स्वामित्व केंद्र या राज्य सरकारों के पास है या फिर सरकारों द्वारा नियंत्रित सहकारी समितियों के पास है, उन्हें दूसरे सार्वजनिक उपक्रमों के रणनीतिक विनिवेश/निजीकरण में बोली लगाने की अनुमति नहीं है.’’

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क्या होता है सार्वजनिक उपक्रम
दीपम ने कहा है कि सार्वजनिक हित में केंद्र सरकार की विशेष अनुमति के बाद इसमें छूट दी जा सकती है. ऐसी कंपनियां जिनमें सरकार की 51 फीसदी या उससे अधिक हिस्सेदारी है उन्हें सार्वजनिक उपक्रम कहा जाता है.

Tags: Finance ministry, Ministry of Finance, Modi Govt, Public sector

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