न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: रवींद्र भजनी
Updated Thu, 14 Apr 2022 04:57 PM IST
सार
खरगोन हिंसा को लेकर दिग्विजय सिंह ने गलत वीडियो पोस्ट किया और उनके खिलाफ केस दर्ज हो गए। अब ऐसा ही काम भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने किया है।
कैलाश विजयवर्गीय और उनका विवादित ट्वीट।
– फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर भड़की हिंसा को लेकर सियासी घमासान थम नहीं रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बिहार का वीडियो खरगोन का बताकर ट्वीट किया था। ट्रोल होने पर उसे डिलीट किया। इसके बाद भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने उन्हें घेरा। उनके खिलाफ धार्मिक भावनाओं को भड़काने के केस कम से कम 5 जिलों में दर्ज हुए हैं। अब भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ऐसा ही कुछ किया है। दिग्विजय सिंह ने पूछा कि आपके खास शुभचिंतक नरोत्तम मिश्रा और शिवराज सिहं चौहान आपके खिलाफ मुकदमा क्यों न करें?
विजयवर्गीय ने अपने ट्वीट के साथ लिखा कि ‘ये हैं खरगोन में चचाजान, दिग्विजय सिंह के शांतिदूत। पुलिस इन पर कार्यवाही न करे तो क्या करें?? आस्तीन के साँप कोई भी हों फन कुचलना जरूरी है।’ उनके इस ट्वीट के साथ एक वीडियो है, जिसमें एक मुस्लिम युवक कह रहा है कि ‘चार गाड़ियां हमारे एरिये में है। हम जरा कुछ करें तो तहलका मचा देते हैं यह लोग। इतना डर काफी है तुम्हारे लोगों के लिए। समझ गए न।’
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस वीडियो पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने लिखा कि ‘कैलाश जी आपने जो विडियो डाला है वह खरगोन का नहीं है। जिस भाषा का उपयोग आपने किया है, वह भड़काने वाली है। क्यों ना शिवराज जी व नरोत्तम जी जो कि आपके ‘ख़ास’ शुभचिंतक हैं, आपके खिलाफ मुकदमा दायर करें? मैं नहीं करूंगा क्योंकि मैं जानता हूं, आपके आजकल ‘अच्छे दिन’ नहीं चल रहे हैं।’ उधर, कांग्रेस के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल उठाया कि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह वीडियो ट्वीट कर इसे खरगोन का बताया है… क्या यह वीडियो खरगोन का है? शायद नहीं? यदि यह वीडियो वहां का नहीं है तो इस झूठे वीडियो के आधार पर इन पर भी मुकदमा दर्ज होना चाहिए। यह सद्भाव बिगाड़ने का कृत्य है…’
पहले भी सामने आया है यह वीडियो
तेलंगाना के निजामाबाद में स्थित स्टार होटल के सामने बना यह वीडियो 2019 का है। जब हमने इस वीडियो के बारे में और जांच की तो पता चला कि इस वीडियो को बनाने वाले के खिलाफ केस भी दर्ज हुआ था। पिछले कुछ समय में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामलों में यह वीडियो बार-बार सामने आ रहा है। यहां तक कि राजस्थान की करौली हिंसा के बाद भी यह वीडियो वायरल हुआ था। यूपी में भी कुछ समय पहले यह वीडियो चर्चा का विषय बना था।