NPCI का दावा- FASTag में सेंध लगाना नामुमकिन, 6 स्‍तरीय सुरक्षा से लैस है यह सुविधा, वायरल वीडियो का कोई आधार नहीं


नई दिल्‍ली. आपकी गाड़ी पर लगे FASTag से स्‍कैन कर पैसे उड़ाने वाले वायरल वीडियो को लेकर नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने क्‍लेरीफिकेशन जारी किया है. NPCI ने दावा किया है कि फास्‍टैग (FASTag) को स्‍कैन कर कोई भी बाहरी व्‍यक्ति पैसे नहीं निकाल सकता है.

इससे पहले सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिखाया गया था कि कुछ लड़के हाथों में घड़ी जैसी डिवाइस पहनकर वाहन का शीशा साफ करने के बहाने फास्‍टैग स्‍कैन कर रहे. वीडियो में कहा गया था कि स्‍कैन के जरिये फास्‍टैग खाते में रखी रकम उड़ा ली गई. हालांकि, पीआईबी ने एक दिन पहले ही ट्वीट कर इस वीडियो को फेक करार दिया था. अब NPCI ने विस्‍तार से बताया है कि आपका फास्‍टैग 6 स्‍तरीय सुरक्षा से लैस है और इसमें सेंध लगाना नामुमकिन है.

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1- नहीं हो सकता है P2P ट्रांजेक्‍शन
NPCI ने बताया कि ओपन इंटरनेट के इस्‍तेमाल से इसके खाते में लेनदेन संभव नहीं है. इसके अलावा फास्‍टैग को सिर्फ पर्सन टू मर्चेंट (P2M) ट्रांजेक्‍शन के लिए डिजाइन किया गया है. इससे पर्सन टू पर्सन (P2P) लेनदेन नहीं किया जा सकता है. इसका मतलब है कि कोई व्‍यक्ति अपने खाते में फास्‍टैग की रकम ट्रांसफर नहीं कर सकता है. प्‍लाजा पर सिर्फ ऑथराइज्‍ड सिस्‍टम इंटीग्रेटर्स को ही इसमें से पैसे काटने की इजाजत दी गई है.

2-आईपी एड्रेस और यूआरएल से जुड़ा है ट्रांजेक्‍शन
प्‍लाजा पर इंस्‍टॉल सिस्‍टम और बैंक के बीच आईपी एड्रेस व यूआरएल के जरिये कनेक्‍शन रखा है और बिना इस ऑथेंटिकेशन के फास्‍टैग से ट्रांजेक्‍शन नहीं हो सकता है. प्‍लाजा पर मौजूद डाटा सेंटर के हार्डवेयर को हार्डवेयर सिक्‍योरिटी मॉड्यूल (HSM) के जरिये सुरक्षित किया गया है.

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3-NPCI की अनुमति से ही भुगतान
NPCI ने कहा है कि प्‍लाजा पर जब भी कोई ट्रांजेक्‍शन जेनरेट होता है तो बैंक के आईडी एड्रेस के जरिये हमारे पास क्‍लीयरेंस के लिए आता है. NPCHNET कनेक्टिविटी के जरिये पूरा सिस्‍टम एक-दूसरे से जुड़ा होता है. बैंक का आईपी NPCI के साथ जुड़ा होता है और NPCI की अनुमति के बाद ही बैंक टोल पर भुगतान को आगे बढ़ाता है.

4-फायरवाल से सुरक्षित होता है लेनदेन
जब फास्‍टैग से लेनदेन जेनरेट होता है तो यह फायरवाल की सुरक्षा से गुजरता है. हर बार बैंक एपीआई के जरिये NPCI से कनेक्‍ट करते हैं और 256 SHA ECC एल्‍गोरिद्म से इनक्रिप्‍टेड होता है. बिना इस सिस्‍टम से सुरक्षा क्‍लीयरेंस मिले कोई भी भुगतान आगे नहीं बढ़ सकता है.

5-सभी को मिलता है यूनिक प्‍लाजा कोड
सभी मर्चेंट चाहे टोल प्‍लाजा हों या पार्किंग प्‍लाजा, उन्‍हें NPCI की ओर से यूनिक प्‍लाजा कोड दिया जाता है. यह सिर्फ बैंक की ओर से एक्टिवेट किए गए फास्‍टैग पर लागू होता है और उसे यूनिक एक्‍वायर आईडी (AID) प्रदान करता है. भुगतान के समय NPCI प्‍लाजा कोड और बैंक के यूनिक एक्‍वायर आईडी का मिलान करता है.

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6-जियो-लोकेशन की जरूरत
हर मर्चेंट यानी प्‍लाजा की जियो लोकेशन भी NPCI और एक्‍वायर बैंक के पास स्‍टोर होती है. ट्रांजेक्‍शन से पहले NPCI भुगतान पाने वाले की जियो लोकेशन भी ट्रेस करता है. ऐसे में किसी व्‍यक्तिगत खाते में फास्‍टैग का पैसा जाना कतई संभव नहीं है.

Tags: Cyber Fraud, FASTag, NPCI

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