राजस्थान के रहने वाले हैं पराग
राजस्थान के बाड़मेर में जन्मे पराग अग्रवाल का जन्म 21 मई 1984 में हुआ था। पराग के पिता राम गोपाल अग्रवाल 2011 में BARC से रिटायर हुए थे वहीं मां शशि प्रोफेसर के पद से रिटायर हुईं हैं। पराग की बहन कुणाल वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में फैकल्टी मेंबर हैं और उनकी पत्नी वीनिता अग्रवाल स्टेनफोर्ड स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर हैं। जहां पराग के माता- पिता मुंबई के थाने में रहते हैं वहीं पराग अपनी पत्नी और बेटे के साथ अमेरिका में रहते हैं।
आईआईटी बॉम्बे और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की पढ़ाई
पराग ने 2005 में आईआईटी बॉम्बे से बीटेक किया और स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी किया है। ट्विटर का सीईओ बनने से पहले पराग ने 11 सालों तक ट्विटर के साथ काम किया है। उन्होंने Microsoft Research और Yahoo में इंटर्नशिप की और 2011 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में जुड़ गए। 2017 में ट्विटर ने पराग को चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर चुन लिया। 2021 में जैक डॉर्सी ने पराग को ट्विटर का सीईओ बना दिया, जिसके बाद से वे इतने पॉप्यूलर हो गए।
ट्विटर का सीईओ बनने के बाद बदली जिंदगी
ट्विटर का सीईओ बनने से पूर्व पराग सोशल मीडिया की चर्चा से थोड़ा दूर ही थे लेकिन सीईओ बनने के बाद पराग चर्चा का केंद्र बन गए हैं। लेकिन पराग अचानक ही कामयाबी के शिखर पर नहीं पहुंचे बल्कि उनका जीवन भी संघर्ष और विजय का उदाहरण है। जब पराग का जन्म होने वाला था तब उनके पिता मुंबई के बीएमआरसी में कार्यरत थे। पराग के पिता राम गोपाल अग्रवाल की आर्थिक स्थिति उतनी अच्छी नहीं थी इसी कारण उन्होंने पत्नी की डिलीवरी के लिए उन्हें अपने माता-पिता के पास राजस्थान भेज दिया और जेएलएन अस्पताल में पराग का जन्म हुआ।
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भले ही पराग की नेट वर्थ आज 1.5 मिलियन डॉलर हो लेकिन वे बहुत ही साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनका परिवार पहले किराए के मकान में रहता था वहीं आज पराग बेहद सफल व्यक्ति हैं। पराग के सफर से सीख मिलती है कि व्यक्ति यदि मेहनत, लगन और ईमानदारी से काम करता रहे तो उसका जीवन बदलने में समय नहीं लगता।