योगी का एक ऐसा सहयोगी: ‘गुरु’ ने 53 दिनों में तय किया मिस्त्री से मंत्री बनने का सफर, पार्टी का विरोध झेलने के बाद भी दर्ज कराई जीत


श्रेष्ठ सक्सेना, अमर उजाला, सीतापुर
Published by: पंकज श्रीवास्‍तव
Updated Fri, 25 Mar 2022 08:58 PM IST

सार

राकेश राठौर ने कुछ समय पहले स्कूटर रिपेयरिंग का काम छोड़ दिया था। लेकिन उनके छोटे भाई अतुल राठौर आज भी स्कूटर बनाने का काम करते हैं। उनकी दुकान बट्सगंज मोहल्ले में स्थित है।

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सीतापुर सदर विधानसभा से विधायक बने राकेश राठौर गुरु की किस्मत के सितारे इतने बुलंद रहे कि महज 53 दिनों के भीतर एक स्कूटर मिस्त्री से यूपी सरकार का मंत्री बनने का सफर तय कर लिया। जिले की राजनीति में शायद ही ऐसा कोई नेता रहा हो जिसकी किस्मत इतनी बुलंद रही हो। पार्टी का टिकट मिलने से लेकर मंत्री बनने तक राकेश राठौर गुरु ने जमकर संघर्ष भी किया। जिले में कई ऐसे दिग्गज नेता रहे। जिन्होनें अपने क्षेत्र में काफी विकास किया। लेकिन मंत्री पद की कुर्सी उनको नहीं मिली। हर बार उनका नाम तो चर्चाओं में रहे। लेकिन आखिर में किस्मत ने साथ नहीं दिया तो वह मंत्री नहीं बन सके।

राकेश राठौर गुरु तब चर्चा में आए जब पार्टी ने एक फरवरी को टिकट देकर इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। 23 फरवरी को जिले में चुनाव होना था। सिर्फ 22 दिनों का कम समय था। इस पर भी उनको पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी। हद तो तब हो गई जब पार्टी के एक नेता निर्दलीय रूप से उन्हीं के खिलाफ खडे़ हो गए। चुनाव के नतीजे भी चौकानें वाले आए। हर राउंड में उठापटक के बाद बहुत की कम अंतर से राकेश राठौर गुरु ने चुनाव जीत लिया। उनके प्रतिद्वंदी महज 12 सौ वोटों से हार गए। जीत की खुशी तब दोगुनी हो गई। जब शुक्रवार को राकेश राठौर गुरु को मंत्री बनाया गया। मेहनत रंग लाई और मिस्त्री से मंत्री बनने का सफर गुरु ने सिर्फ 53 दिनों में तय कर लिया, जिसके लिए लोग सपने देखते हैं।

साथी बना मंत्री तो छलके खुशी के आंसू
पुराने साथी के मंत्री बनने की खबर आई तो बाइक मिस्त्री निसार की आंखों से आंसू छलक उठे। उन्होनें बताया कि करीब 10 साल पहले वह और गुरु एक साथ ही काम करते थे। दोनों की दुकानें अलग थी। लेकिन एक साथ ही उठना बैठना था। राकेश राठौर ने उस काम को छोड़ दिया। लेकिन रोटी गोदाम के निवासी निसार अभी भी बाइक रिपेयरिंग का काम करते हैं। शुक्रवार जैसे ही यह खबर सुनी तो वह खुश हो गए। उन्होंने अमर उजाला को बताया कि काफी समय दोनों ने साथ काम किया, उनका साथी आज मंत्री बना है, तो उनको गर्व महसूस हो रहा है।

भाई अभी भी करते हैं स्कूटर की रिपेयरिंग
राकेश राठौर ने कुछ समय पहले स्कूटर रिपेयरिंग का काम छोड़ दिया था। लेकिन उनके छोटे भाई अतुल राठौर आज भी स्कूटर बनाने का काम करते हैं। उनकी दुकान बट्सगंज मोहल्ले में स्थित है। रोज वह स्कूटर की रिपेयरिंग कर अपनी आजीविका चलाते हैं। चुनाव के समय भी उनकी दुकान खुली रही। भाई के मंत्री बनने पर उन्होनें भी खुशी जाहिर की है।

विस्तार

सीतापुर सदर विधानसभा से विधायक बने राकेश राठौर गुरु की किस्मत के सितारे इतने बुलंद रहे कि महज 53 दिनों के भीतर एक स्कूटर मिस्त्री से यूपी सरकार का मंत्री बनने का सफर तय कर लिया। जिले की राजनीति में शायद ही ऐसा कोई नेता रहा हो जिसकी किस्मत इतनी बुलंद रही हो। पार्टी का टिकट मिलने से लेकर मंत्री बनने तक राकेश राठौर गुरु ने जमकर संघर्ष भी किया। जिले में कई ऐसे दिग्गज नेता रहे। जिन्होनें अपने क्षेत्र में काफी विकास किया। लेकिन मंत्री पद की कुर्सी उनको नहीं मिली। हर बार उनका नाम तो चर्चाओं में रहे। लेकिन आखिर में किस्मत ने साथ नहीं दिया तो वह मंत्री नहीं बन सके।

राकेश राठौर गुरु तब चर्चा में आए जब पार्टी ने एक फरवरी को टिकट देकर इन्हें अपना प्रत्याशी बनाया। 23 फरवरी को जिले में चुनाव होना था। सिर्फ 22 दिनों का कम समय था। इस पर भी उनको पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी झेलनी पड़ी। हद तो तब हो गई जब पार्टी के एक नेता निर्दलीय रूप से उन्हीं के खिलाफ खडे़ हो गए। चुनाव के नतीजे भी चौकानें वाले आए। हर राउंड में उठापटक के बाद बहुत की कम अंतर से राकेश राठौर गुरु ने चुनाव जीत लिया। उनके प्रतिद्वंदी महज 12 सौ वोटों से हार गए। जीत की खुशी तब दोगुनी हो गई। जब शुक्रवार को राकेश राठौर गुरु को मंत्री बनाया गया। मेहनत रंग लाई और मिस्त्री से मंत्री बनने का सफर गुरु ने सिर्फ 53 दिनों में तय कर लिया, जिसके लिए लोग सपने देखते हैं।

साथी बना मंत्री तो छलके खुशी के आंसू

पुराने साथी के मंत्री बनने की खबर आई तो बाइक मिस्त्री निसार की आंखों से आंसू छलक उठे। उन्होनें बताया कि करीब 10 साल पहले वह और गुरु एक साथ ही काम करते थे। दोनों की दुकानें अलग थी। लेकिन एक साथ ही उठना बैठना था। राकेश राठौर ने उस काम को छोड़ दिया। लेकिन रोटी गोदाम के निवासी निसार अभी भी बाइक रिपेयरिंग का काम करते हैं। शुक्रवार जैसे ही यह खबर सुनी तो वह खुश हो गए। उन्होंने अमर उजाला को बताया कि काफी समय दोनों ने साथ काम किया, उनका साथी आज मंत्री बना है, तो उनको गर्व महसूस हो रहा है।

भाई अभी भी करते हैं स्कूटर की रिपेयरिंग

राकेश राठौर ने कुछ समय पहले स्कूटर रिपेयरिंग का काम छोड़ दिया था। लेकिन उनके छोटे भाई अतुल राठौर आज भी स्कूटर बनाने का काम करते हैं। उनकी दुकान बट्सगंज मोहल्ले में स्थित है। रोज वह स्कूटर की रिपेयरिंग कर अपनी आजीविका चलाते हैं। चुनाव के समय भी उनकी दुकान खुली रही। भाई के मंत्री बनने पर उन्होनें भी खुशी जाहिर की है।



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