ओएनजीसी ने तेल व गैस का उत्पादन बढ़ाने के लिए 2 परियोजनाएं शुरू कीं, 6000 करोड़ रुपये का होगा निवेश


नई दिल्ली. सरकार के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने ‘मुंबई हाई फील्ड्स’ से 7.5 मिलियन टन अतिरिक्त तेल उत्पादन और 1 बिलियन क्यूबिक मीटर गैस उत्पादन को बढ़ाने के लिए 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली दो परियोजनाओं को शुरू किया है.

ओएनजीसी ने एक बयान में कहा कि मुंबई हाई साउथ रिडेवलपमेंट फेज-4 के हिस्से के रूप में 3,740 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक ‘8- लेग्ड वॉटर इंजेक्शन कम लिविंग क्वार्टर’ मंच बनाया गया है जबकि 2,292.46 करोड़ रुपये की लागत से मुंबई हाई में ‘क्लस्टर-8 मार्जिनल फील्ड डेवलपमेंट’ परियोजना पूरी की गई. कंपनी के अनुसार, “दोनों परियोजनाओं से 7.5 मिलियन टन तेल और 1 अरब घनमीटर गैस का अतिरिक्त उत्पादन होगा.

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पेट्रोलियम मंत्री ने किया उद्धाटन
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 23 अप्रैल को पश्चिमी अपतट पर दो प्रमुख परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया. उनके साथ अध्यक्ष अलका मित्तल, निदेशक (टी एंड एफएस) ओपी सिंह और निदेशक (ऑफशोर) पंकज कुमार थे. मंत्री ने इन दो परियोजनाओं को शुरू करने के लिए ओएनजीसी की टीम की सराहना की. उन्होंने ओएनजीसी को त्वरित अन्वेषण गतिविधियों को अपनाते हुए राष्ट्रों की किटी में और अधिक तेल और गैस जोड़ने के अपने प्रयासों को और बढ़ाने का आह्वान किया.

भारतीय अपतट पर पहला ईओर प्रोजेक्ट
अत्याधुनिक ‘8- लेग्ड वॉटर इंजेक्शन कम लिविंग क्वार्टर’ को लो सैलिनिटी वॉटर फ्लड प्रोसेस (एलएसडब्ल्यूएफ) के तहत स्थापित किया गया है.  यह एनहांस्ड ऑयल रिकवरी (ईओआर) पायलट परियोजना मुंबई हाई साउथ रिडेवलपमेंट फेज-4 का हिस्सा है. इस परियोजना के परिणामस्वरूप 3.20 मिलियन टन तेल और 0.571 बीसीएम गैस का वृद्धिशील लाभ होगा. यह भारतीय अपतट पर पहला ईओआर (एन्हांस्ड ऑयल रिकवरी) प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट का मकसद समुद्री जल की लवणता (सैलिनिटी) को 28,000 पीपीएम से घटाकर 8250 पीपीएम करना है. एलएसडब्लयूएफ का मैकेनिजम जटिल क्रूड ऑयल-ब्राइन-रॉक (सीओबीआर) के ईर्द-गिर्द घूमता है. इस प्रोजेक्ट में मेक इन इंडिया अभियान के तहत 1700 करोड़ रुपये का वस्तुएं व सेवाएं भारत में खरीदी जाएंगी. कुल 45 पंप/पैकेज में 42 भारत में ही बनाए गए हैं. इसका ढांचा खड़ा करने के लिए 40000 टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है. इतने में 5 आईफिल टावर बनाए जा सकते हैं.

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