आपदा में अवसर: यूक्रेन और श्रीलंका से कम वेतन में कर्मचारी रख रही हैं भारतीय कंपनियां


नई दिल्‍ली. यूक्रेन में रूस के साथ युद्ध के कारण हालात अत्‍यंत गंभीर हो चुके हैं तो श्रीलंका में अर्थव्‍यवस्‍था के डूब जाने से लोग बेरोजगार हो गए हैं और देश भूखमरी की कगार पर पहुंच गया है. दोनों ही देशों के खराब हालात से वहां काम-धंधे बंद हो गए हैं और बड़ी संख्‍या में लोग बेरोजगार हुए हैं. श्रीलंका और यूक्रेन में आई आपदा में अब भारतीय कंपनियों ने अवसर तलाशने शुरू कर दिए हैं. देश की बहुत सी कंपनियां अब इन दोनों देशों के स्किल्‍ड कर्मचारियों को नौकरी दे रही हैं.

ऐसा नहीं है कि कंपनियां इन देशों के लोगों की मदद के लिए ऐसा कर रही है. बल्कि कंपनियां अपना खर्च बचाने के लिए इन दोनों देशों के नागरिकों को रोजगार दे रही है. श्रीलंका और यूक्रेन के कर्मचारी भारतीयों और अन्‍य देशों के कर्मचारियों के मुकाबले बहुत कम सैलरी पर ही काम करने को राजी हो रहे हैं.

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65 फीसदी तक कम सैलरी
मनीकंट्रोल डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक क्राइसिस से गुजर रहे इन देशों में भारतीय कंपनियों को टेक टैलेंट सस्ते में मिल रहे है. इन देशों में कंपनियों को 40-65 फीसदी डिस्काउंट पर कर्मचारी मिल रहे हैं. डिजिट इंश्‍योरेंस की एचआर अधिकारी जैदका अरोड़ा का कहना है कि हमने टेक टैलेंट वॉर का नया सॉल्यूशन तलाशना शुरू कर दिया है. हम नाइजीरिया और श्रीलंका से UI Developers को नौकरी पर रख रहे हैं. हमने कुछ हायरिंग यूक्रेन से भी की है और आगे भी करेंगे.

जैदका ने कहा कि इन देशों में लोगों की नौकरियां जा रही हैं. हमने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर हायर किया है. भारत के मुकाबले वे काफी कम वेतन पर हमारे साथ काम कर रहे हैं. वे जहां हैं, वहीं से काम कर रहे हैं. जैदका ने कहा कि कंपनी आगे भी इन देशों से लोगों का काम पर रखेगी. टेक्‍नॉलोजी सेक्‍टर में भारत में कर्मचारियों पर खर्च पिछले एक साल से बहुत बढ़ गया है. इससे एचआर मैनेजर्स की चिंताएं बढ़ गई हैं और उन्‍होंने दूसरे विकल्‍पों पर विचार करना शुरू कर दिया है.

टेक टैलेंट की कॉस्‍ट में भारी उछाल
जिनियस कंसल्टेंट्स के चेयरमैन आरपी यादव का कहना है कि श्रीलंका और यूक्रेन से लोगों को नौकरी पर रखा जा रहा है. यह ट्रेंड अब शुरू हो चुका है. अभी तक इन कर्मचारियों का रोल टेक्‍नॉलोजी तक ही सीमित है. श्रीलंका और यूक्रेन के लोगों को रिमोट वर्क एक्सपीरियंस और डीप टेक्नोलॉजी के अनुभव के आधार पर रखा जा रहा है.

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यादव ने कहा का कहना है कि पिछले एक साल में इंडिया में टेक टैलेंट की कॉस्ट 300 फीसदी तक बढ़ गई है. इनमें स्टार्टअप इकोसिस्टम की ग्रोथ और प्रोडक्ट और सर्विस की डिलिवरी में टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्‍तेमाल का प्रमुख हाथ है.

Tags: Business news in hindi, Employment, Job and career

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