बिहार: मुस्लिमों के खिलाफ भाजपा विधायक की टिप्पणी को लेकर हंगामा, विधानसभा से विपक्ष ने किया वॉकआउट


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बिहार विधानमंडल में बजट सत्र का सोमवार को छठा दिन था। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने जमकर प्रदर्शन किया। मुस्लिम समुदाय से संबंधित मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष के बीच बार-बार झड़पें देखी गईं।

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 की तृतीय अनुपूरक व्यय-विवरणी से संबंधित पंचायती राज विभाग की मांग पर सामान्य वाद-विवाद में भाग लेने के दौरान भागलुपर के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कुमार शैलेंद्र द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ किए गए असंसदीय शब्द के इस्तेमाल पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए सदन के वेल में आकर सरकार-विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी।

बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के समझाने पर विपक्षी सदस्य अपनी-अपनी सीट पर लौट गए। इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों की उक्त अंससदीय टिप्पणी को कार्यवाही का हिस्सा न बनाये जाने और संबंधित सदस्य से इसे लेकर माफी मांगे जाने की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री और सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आसन से आग्रह किया कि उक्त टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए और भविष्य में ऐसे शब्दों का प्रयोग न करने के लिए संबंधित सदस्य को हिदायत दी जाए।

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि किसी समुदाय विशेष के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए और ऐसी द्विअर्थी निर्रथक और असंसदीय एवं असंवैधानिक टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाले जाने का आसन को अधिकार है। अध्यक्ष ने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी, हालांकि विपक्ष असंतुष्ट रहा और उसने वॉकआउट कर दिया। अनुपस्थिति में विपक्ष के साथ बहस चलती रही और दूसरा अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित किया गया।

भाजपा विधायक कुमार शैलेन्द्र ने विधानसभा में कहा कि अल्पसंख्यक राष्ट्र विरोधी हैं। इससे विपक्ष आक्रोशित होकर वेल में चला गया। इसके बाद कांग्रेस छोड़ सभी ने वॉकआउट कर दिया। वे भाजपा विधायक से माफी मांगने की मांग करने लगे। बाद में कुमार शैलेन्द्र ने आपत्तिजनक बयान देने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रोसिडिंग में सारी बातें हैं, मैंने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है। उनके समर्थन में आए भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए बेकार के मुद्दे उठा रहे हैं।

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक खड़े होकर सरकारी खर्चे पर श्मशान घाटों की घेराबंदी करने की मांग कर रहे थे, जिसे राजद विधायक द्वारा कब्रिस्तानों के मुद्दे को उठाने के बाद उठाया गया था। इससे पहले राजद विधायक शमीम अहमद ने कहा था कि कब्रगाहों की घेराबंदी करने में देरी की वजह से यह अक्सर असामाजिक तत्वों की शरारतों की चपेट में आ जाती है। उन्होंने अनुरोध किया कि विधायकों को अपने स्थानीय क्षेत्र के विकास कोष से इस काम को कराने की अनुमति दी जाए।

मंत्री बिजेंद्र कुमार यादव सरकार की ओर से जवाब देने के लिए उठे और कहा कि संबंधित जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां संवेदनशील कब्रगाहों की पहचान करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने विधायकों को अपने फंड से काम कराने की अनुमति देने के विकल्प पर विचार नहीं किया है। इसके बाद सदन में उथल-पुथल मच गई क्योंकि कुछ भाजपा विधायक अपनी सीट पर खड़े होकर कब्रिस्तानों की तरह श्मशान घाटों और मंदिरों की घेराबंदी करने की मांग करने लगे।

बता दें कि कुछ दिन पहले भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के मुस्लिमों के वोटिंग अधिकार को लेकर दिये बयान पर बिहार की राजनीति गर्मा गई थी। उन्होंने कहा था कि अगर मुसलमानों ने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया, तो उनके वोटिंग अधिकार छीन लिए जाने चाहिए।

विस्तार

बिहार विधानमंडल में बजट सत्र का सोमवार को छठा दिन था। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने जमकर प्रदर्शन किया। मुस्लिम समुदाय से संबंधित मुद्दों पर सत्ता और विपक्ष के बीच बार-बार झड़पें देखी गईं।

बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2021-22 की तृतीय अनुपूरक व्यय-विवरणी से संबंधित पंचायती राज विभाग की मांग पर सामान्य वाद-विवाद में भाग लेने के दौरान भागलुपर के बिहपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कुमार शैलेंद्र द्वारा समुदाय विशेष के खिलाफ किए गए असंसदीय शब्द के इस्तेमाल पर विपक्षी सदस्यों ने आपत्ति जताते हुए सदन के वेल में आकर सरकार-विरोधी नारेबाजी शुरू कर दी।

बाद में विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के समझाने पर विपक्षी सदस्य अपनी-अपनी सीट पर लौट गए। इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान विपक्षी सदस्यों की उक्त अंससदीय टिप्पणी को कार्यवाही का हिस्सा न बनाये जाने और संबंधित सदस्य से इसे लेकर माफी मांगे जाने की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री और सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतन राम मांझी ने आसन से आग्रह किया कि उक्त टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से निकाल दिया जाए और भविष्य में ऐसे शब्दों का प्रयोग न करने के लिए संबंधित सदस्य को हिदायत दी जाए।

संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि किसी समुदाय विशेष के बारे में कोई टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए और ऐसी द्विअर्थी निर्रथक और असंसदीय एवं असंवैधानिक टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से निकाले जाने का आसन को अधिकार है। अध्यक्ष ने कहा कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी, हालांकि विपक्ष असंतुष्ट रहा और उसने वॉकआउट कर दिया। अनुपस्थिति में विपक्ष के साथ बहस चलती रही और दूसरा अनुपूरक बजट ध्वनिमत से पारित किया गया।

भाजपा विधायक कुमार शैलेन्द्र ने विधानसभा में कहा कि अल्पसंख्यक राष्ट्र विरोधी हैं। इससे विपक्ष आक्रोशित होकर वेल में चला गया। इसके बाद कांग्रेस छोड़ सभी ने वॉकआउट कर दिया। वे भाजपा विधायक से माफी मांगने की मांग करने लगे। बाद में कुमार शैलेन्द्र ने आपत्तिजनक बयान देने से इनकार कर दिया और कहा कि प्रोसिडिंग में सारी बातें हैं, मैंने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही है। उनके समर्थन में आए भाजपा विधायक संजय सिंह ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं रह गया है। इसलिए बेकार के मुद्दे उठा रहे हैं।

प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक खड़े होकर सरकारी खर्चे पर श्मशान घाटों की घेराबंदी करने की मांग कर रहे थे, जिसे राजद विधायक द्वारा कब्रिस्तानों के मुद्दे को उठाने के बाद उठाया गया था। इससे पहले राजद विधायक शमीम अहमद ने कहा था कि कब्रगाहों की घेराबंदी करने में देरी की वजह से यह अक्सर असामाजिक तत्वों की शरारतों की चपेट में आ जाती है। उन्होंने अनुरोध किया कि विधायकों को अपने स्थानीय क्षेत्र के विकास कोष से इस काम को कराने की अनुमति दी जाए।

मंत्री बिजेंद्र कुमार यादव सरकार की ओर से जवाब देने के लिए उठे और कहा कि संबंधित जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियां संवेदनशील कब्रगाहों की पहचान करने के लिए बनाई गई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने विधायकों को अपने फंड से काम कराने की अनुमति देने के विकल्प पर विचार नहीं किया है। इसके बाद सदन में उथल-पुथल मच गई क्योंकि कुछ भाजपा विधायक अपनी सीट पर खड़े होकर कब्रिस्तानों की तरह श्मशान घाटों और मंदिरों की घेराबंदी करने की मांग करने लगे।

बता दें कि कुछ दिन पहले भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल के मुस्लिमों के वोटिंग अधिकार को लेकर दिये बयान पर बिहार की राजनीति गर्मा गई थी। उन्होंने कहा था कि अगर मुसलमानों ने वंदे मातरम गाने से इनकार कर दिया, तो उनके वोटिंग अधिकार छीन लिए जाने चाहिए।



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